मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को जौलजीबी मेला-2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने 64.47 करोड़ की 18 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 29.65 करोड़ के 13 लोकार्पण एवं 34.72 करोड़ के 05 शिलान्यास शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला सवयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न उत्पादों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलजीबी मेला राज्य के लिए एक अनमोल धरोहर है, जो सदियों से भारत-तिब्बत, भारत नेपाल और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपसी सौहार्द बढा़ता है। यह मेला हमारी समृद्ध परंपराओं को संजोने का कार्य करता है। यहां का नेपाल और तिब्बत से सदियों से सांस्कृतिक संबंध रहा है। नेपाल से इस क्षेत्र का रोटी और बेटी का सबंध है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे संबंध और मजबूत हो रहे हैं। केदारनाथ और पशुपतिनाथ के बीच आध्यात्मिक यात्रा से भी दोनों राष्ट्रों के सबंधों को मजबूती मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला भारत और नेपाल के बीच आर्थिक सबंधों को बढ़ाने का कार्य भी करता है। यह मेला छोटे व्यापारियों, किसानों और कारीगरों को अपने उत्पादों का मंच प्रदान करने का बड़ा माध्यम है। हमारी अनेक प्रकार की औषधियों को प्रोत्साहित करने में भी यह मेला महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। जिन गांवों को पहले अंतिम गांव कहा जाता था, इस अवधारणा को बदलकर प्रधानमंत्री ने इन गांवों को देश के पहले गांवों की संज्ञा दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश आने के बाद इस क्षेत्र में तेजी से आवागमन बढ़ा है। पिछले साल की तुलना में इस बार 10 हजार से अधिक लोगों ने आदि कैलाश के दर्शन किये हैं। इससे हमारे इन क्षेत्रों को आर्थिक रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मंडवा, झिंगोरा और अन्य स्थानीनीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्टेट मिलेट मिशन को मंजूरी दी गई है। परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में कलस्टर आधारित 18 हजार पॉली हॉऊस बनाने का निर्णय लिया गया है। सड़क कनेटिविटी में विस्तार से किसानों को अपनी उपज को मंडी तक पहुंचाने में आसानी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमवार्ती क्षेत्रों में आधुनिक सड़कों, सुरंगों और पुलों का निर्माण किया जा रहा है। सीमांत क्षेत्रों के विकास सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं। इन क्षेत्रों के विकास के लिये अनेक कार्ययोजनाओं की मंजूरी दी गई है। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में 16 पौराणिक मंदिरों को विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि मक्काना से सेकला तक मोटर मार्ग के निर्माण किया जायेगा। आपदा प्रभावित क्षेत्र लुमती तोक बगीचा बगड़ में सुरक्षा दीवार का कार्य किया जाएगा। मवानी रवानी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण किया जायेगा। तेजम में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। तीनखोल ढुंगातोली और पण्डा में चेक डैम निर्माण किया जायेगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, विधायक श्री बिशन सिंह चुफाल, श्री हरीश धामी, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री गिरीश जोशी, जिलापंचायत अध्यक्ष श्रीमती दीपिका बोरा, ब्लाक प्रमुख धारचूला श्री धन सिंह धामी, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ श्री विनोद गिरी गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 72वॉं राजकीय गौचर मेले का किया शुभारंभ।*
*मुख्यमंत्री ने चमोली में 4.93 करोड़ लागत से नवनिर्मित उप संभागीय परिवहन कार्यालय भवन का किया लोकार्पण।*
गौचर में 72वॉं राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को गौचर मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चमोली में 4.93 करोड़ की लागत से नवनिर्मित उप संभागीय परिवहन कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने पोखरी में रानौ-सिमखोली मोटर मार्ग, काफलपानी से भरतपुर तक मोटर मार्ग विस्तारीकरण, जिलासू-सरणा मोटर मार्ग निर्माण, चमोली प्रेस क्लब को कक्ष निर्माण हेतु 10 लाख की स्वीकृति, आगामी नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास हेतु माह दिसंबर में उच्च स्तरीय बैठक कराने और पोखरी में पालिटेक्निक भवन निर्माण कार्य पूरा कराने की घोषणा भी की।
गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्ध राजकीय मेला है। मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेले के शुभारंभ पर सबको बधाई देते हुए कहा कि सात दशकों से अधिक समय से इस मेले का आयोजन हमारे राज्य और सब क्षेत्रवासियों के लिए गर्व की बात है। गौचर मेला हमारे राज्य के प्रमुख ऐतिहासिक मेलों में से एक है, जिसमें सरकार की विभिन्न विभाग सक्रिय होकर प्रतिभाग करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हमारे जीवन में बहुत विशेष स्थान रखते हैं। मेलों के माध्यम से समृद्ध परंपराएं को संजोने में सहायता मिलती है। साथ ही मेले, मनोरंजन और सामाजिक मेल मिलाप मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गौचर का मेला अन्य मेलों और विशेष है। यह मेला हमारी संस्कृति को संजोने एंव व्यापारिक गतिविधियों को भी एक बड़ा मंच प्रदान करता आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक ओर भारत में सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है। वहीं वोकल फार लोकल, मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया जैसे पहलुओं के माध्यम से हमारे स्थानीय उद्योगों और स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। इस दिशा में हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत भी की है। जिसमें स्थानीय उत्पादों को राज्य में ही नहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि पहाड़ों से हो रहे पलायनों को रोका जाए तथा गांव में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान किया जाए। राज्य सरकार के प्रयासों से फिल्म शूटिंग के लिए भी उत्तराखंड एक बहुत ही पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी उत्तराखंड ने एक बड़ी पहचान स्थापित की है। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए वैलनेस, आईटी और सौर ऊर्जा जैसे विशेष सेक्टर पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में गोचर में हेली सेवा की शुरुआत की गई है। जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन अर्थव्यवस्था को एक नई मजबूती मिलेगी। आपदा के समय में भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प के मूल मंत्र के साथ निरंतर काम कर रही है। सीएम ने कहा कि आपका मुख्य सेवक आपको विश्वास दिलाता है कि जब तक उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य नहीं बन जाएगा, हम चेन से नही बैठेंगे। मुख्यमंत्री ने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना भी की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारिता जगत में उत्कृष्ट कार्य करने पर वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट को पं0 गोविन्द प्रसाद नौटियाल स्मृति सम्मान और श्री गुरू राम राय एजुकेशन मिशन देहरादून को शिक्षा और साहित्य प्रसार के लिए पंडित महेशानन्द नौटियाल स्मृति सम्मान से सम्मानित किया।
गौचर मेले में पहले दिन ईष्ट रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडा रोहण कर मार्च पास्ट की सलामी ली गई। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की प्रतियोगात्मक दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। खेल विभाग के तत्वावधान में जनपद स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता शुरू हुईं। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर रात्रि को लोक गायक सुशील राजश्री, अमति खरे और अंजलि खरे द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएंगी। गौचर मेले में पारंपरिक पहाड़ी संस्कृति से सजा पंडाल मेलार्थियों के बीच खास आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट और कैबनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो सराहना करते हुए कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य का विकास तेजी से आगे बढ रहा है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल ने गौचर मेले का शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया। विधायक ने कर्णप्रयाग विधानसभा सभा क्षेत्र में बेस चिकित्सालय की स्वीकृति, गौचर पेयजल योजना के लिए 35 करोड़ की स्वीकृति, मिनी स्टेडियम निर्माण, गौचर चिकित्सालय का उच्चीकरण, प0दीनदयाल उपाध्याय पार्क का सौन्दर्यीकरण सहित अनेक विकास कार्यो के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कर्णप्रयाग में स्थित उमा देवी मंदिर में आस्था पथ निर्माण सहित कई विकास कार्यो के लिए अपना मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री राजेंद्र भंडारी, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रमेश मैखुरी, राज्यमंत्री श्री रमेश गडिया, ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी रावत, आईजी गढवाल के. एस नगन्याल, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार, मेलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय समेत बड़ी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।
*श्रीनगर बैकुंठ चतुर्दशी मेला राज्य की अनमोल धरोहर- मुख्यमंत्री*
*श्रीनगर के विकास के लिए किये जा रहे हैं करोड़ो की लागत से कार्य*
*सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है*
*बिलकेदार-बेलकंडी क्षेत्र में नई टाउनशिप बसाने की योजनापर चल रहा है कार्य*
*मेला देवभूमि की आस्था का प्रतीक होने के साथ ही हमारी समृद्ध परंपराओं का भी प्रतीक*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर स्थित आवास विकास मैदान में आयोजित सात दिवसीय बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी- 2024 का द्वीप प्रज्वलित पर शुभारंभ किया। कमलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना के उपरांत उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर विभागीय स्टॉल का निरीक्षण व जनसमुदाय को संबोधित किया।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने श्रीनगर पहुँचकर बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी- 2024 का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय स्टॉल का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर भगवान कमलेश्वर महादेव मन्दिर में मत्था टेका। उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने शिवलिंग में कमल पुष्प अर्पित किए। मंदिर के महंत श्री आशुतोष पुरी ने पूजा अर्चना सम्पन्न कराई। श्री जय दयाल संस्कृत महाविद्यालय श्रीनगर के छात्रों ने स्वास्ति वाचन किया।
मुख्य कार्यक्रम स्थल आवास विकास प्रदर्शनी मैदान में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर में बैकुंठ चतुर्दशी मेला के शुभारंभ समारोह कार्यक्रम में आए लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि पतित पावनी मां अलकनंदा के तट पर स्थित इस पौराणिक धाम में आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इस क्षेत्र के पौराणिक मंदिर हमारे राज्य की अनमोल धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष हर वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर आयोजित होने वाला यह मेला देवभूमि की आस्था का प्रतीक होने के साथ ही हमारी समृद्ध परंपराओं का भी प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस मेले के आयोजक मंडल को भी साधुवाद देता हूं, क्योंकि आप लोग इस सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा और आज हमारी डबल इंजन की सरकार माननीय प्रधानमंत्री द्वारा कहे गए कथन को चरितार्थ करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम हो या केदारनाथ धाम, सभी जगह करोड़ों की लागत से मास्टर प्लान काम चल रहे हैं। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना से श्रीनगर समेत पहाड़ में कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने श्रीनगर क्षेत्र में चल रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में 25 करोड़ की लागत से 50 से अधिक बेड के क्रिटिकल केयर यूनिट का काम चल रहा है। श्रीनगर में 4.88 करोड़ की लागत से रोडवेज बस अड्डा और पार्किंग का निर्माण किया गया है। जो भी क्षेत्र के विकास के लिए जरुरी काम हैं, उनके डॉ धन सिंह प्रयासरत रहते हैं और ये काम हो भी रहे है। श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम में बनाकर तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेलकंडी बिलकेदार क्षेत्र में नई टाउनशिप विकसित करने पर जोर दे रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी डॉ० आशीष चौहान के निर्देशन पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा तैयार की गई गुलदार व मानव संघर्ष न्यूनीकरण आधारित पुस्तक का विमोचन किया। गुलदार से बचाव संबंधी पहलुओं से जुड़ी यह पुस्तिका कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर के विकास में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे देश के विभिन्न राज्यो से आये छात्रों को शैक्षिक गुणवत्ता व सुरक्षा का वातावरण मिलता है। उन्होंने कहा कि बुधवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैण से मुख्यमंत्री ने बड़ा संदेश देने का काम किया है। भू-कानून की पहली बैठक भराड़ीसैण में सम्पन्न हुई। राज्य में एक सशक्त भू-कानून लाने से पहले उत्तराखंड के सभी निवासियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। हाल की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन यापन के लिए किसी भी स्थान पर व्यापार करने की आजादी है लेकिन इस आड़ में संस्कृति से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, डीआईजी एसएसबी सुभाष चंद्र नेगी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, श्रम बोर्ड के सदस्य संपत रावत, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कला, कोटद्वार जया बलूनी, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय उप जिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, सहायक नगर आयुक्त श्रीनगर रविराज बंगारी, जिलाध्यक्ष भाजपा सुषमा रावत, बीरेंद्र रावत, नगर मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धीरवाण सहित अन्य उपस्थित थे।
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