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  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को विजयादशमी/दशहरा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को विजयदशमी/दशहरा पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।


 विजयदशमी की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयदशमी का पर्व अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।


 यह उत्सव हम सभी को अपने भीतर की बुराइयों को त्यागकर जीवन में सदाचार की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पावन पर्व हमें इस बात का भी सदैव स्मरण कराता है कि सच्चाई का साथ देने वालों की हमेशा जीत होती है।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हम अपने जीवन में अहंकार से मुक्त होकर सच्चाई के रास्ते पर चलें और प्रदेश व देश की सामाजिक समरसता के लिए मिलजुल कर कार्य करें। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सत्य, मर्यादा, न्याय, शांति, परोपकार और लोक कल्याण के लिए समर्पित थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हम सभी को अपने भीतर व्याप्त अहंकार, क्रोध और लोभ रूपी रावण के विनाश का सामर्थ्य तथा अपने समस्त मानवीय कर्तव्यों के निर्वहन का सामर्थ्य प्रदान करें। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि बुराई पर अच्छाई की विजय के इस पावन पर्व पर भगवान श्रीराम की शिक्षाओं को आत्मसात कर जीवन को सार्थक बनायें। उन्होंने कहा कि धर्म और सत्य की विजय के इस मंगल पर्व पर प्रभु श्रीराम के चरणों में यही प्रार्थना है कि सब सुखी हों, सबका मंगल और कल्याण हो, हर घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली हो।।

 देहरादून :

Vijadashmi festival 2024 12 october



 दशहरा (विजयदशमी)-2024



दशहरा , विजयदशमी ’के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो नवरात्रि के नौ दिवसीय उत्सव के अंत और दुर्गा पूजा के चार / पांच दिवसीय उत्सव का प्रतीक है। यह दिन अच्छी और बुरी शक्तियों के बीच एक लंबी लड़ाई का द्योतक  है जिसमें रामचंद्र ने रावण पर विजय प्राप्त की थी।रामलीला के एक भाग मे विजयदशमी पर ही श्रीराम ने रावण एवम अन्य राक्षसों का संहार कर सीता को वापिस लाये थे।

नवरात्रि में बोए जाने वाले जौ को आज ही के दी विजय के प्रतीक में सभी बहने 

अपने भाईयों के कानों और सिर पर रखकर सदैव उनके विजय की कामना करती है। 

 उस दिन को विजय दशमी (विजय का दिन) कहा जाता है। वह दिन भी है जब देवी दुर्गा महिषासुर की सेना से भिड़ गईं और उसका संहार कर दिया था।
 



       

 


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