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 *केदारघाटी में सुरक्षा एवं पुनर्स्थापना कार्यों के लिए 4836.63 लाख के कार्य स्वीकृत*

CM Dhami and former CM teerath singh Rawat


*लोक निर्माण विभाग की 29, सिंचाई विभाग की 12 कार्ययोजनाएं स्वीकृत*


*31 जुलाई को घाटी में हुई अतिवृष्टि में क्षतिग्रस्त कार्यों व मार्गों के निर्माण एवं पुनर्स्थापना कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने जारी किया राहत पैकेज*



केदारघाटी में 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के चलते श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग, सड़क मार्ग एवं अन्य स्थानों पर हुई क्षति को दुरुस्त करने एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 4836.63 लाख रुपए की धनराशि जारी हो गई है। लोक निर्माण विभाग की 29 एवं सिंचाई विभाग की 12 कार्ययोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। 



अतिवृष्टि के बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार मामले पर अपडेट ले रहे हैं एवं गढ़वाल कमिश्नर सहित आपदा सचिव को भी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई विभाग विपरीत परिस्थितियों के बीच लगातार आपदा सुरक्षा एवं पुनर्स्थापना कार्य कर रहे हैं।बता दें कि केदारघाटी में 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के चलते केदरनाथ सड़क एवं पैदल मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। पैदल यात्रा मार्ग 29 स्थानों पर क्षतिग्रस्त, जबकि सड़क मार्ग भी वाश आउट हुआ था। मंदाकिनी एवं सोन नदी के वेग से कई स्थानों पर सुरक्षा दीवारें भी क्षतिग्रस्त हुई थी। जनपद स्तर से विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा कार्यों एवं पुनर्स्थापना कार्यों के लिए 41 प्रस्ताव भेजे गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद लोक निर्माण विभाग की 1934.86 लाख की लागत की 29 जबकि सिंचाई विभाग की 2901.77 लाख लगत की 12 कार्ययोजनों को स्वीकृति मिली है। लोक निर्माण विभाग के लिए 1472.21 लाख

जबकि सिंचाई विभाग के लिए 1197.51 लाख रुपए सोमवार को दोनों विभागों ने अवमुक्त भी कर दिए हैं।



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता श्री परेश रावल ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड के देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी में अनंत नारायण महादेवन निर्देशित बॉलीवुड फ़िल्म “पास्ट टेंस” की शूटिंग की है। उन्होंने कहा कि वे पिछले 42 दिनों से उत्तराखण्ड में फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्मांकन के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। जनता के साथ ही सरकारी विभागों से फिल्मों की शूटिंग के लिए पूरा सहयोग मिला। शूटिंग के लिए राज्य में बहुत शांत वातावरण है। उत्तराखण्ड के लोग भी बहुत सकारात्मक विचारधारा के हैं। उन्होंने कहा कि वे उत्तराखण्ड में एक और फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।  


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनेक डेस्टिनेशन है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्यता से जुड़े अनेक स्थल है। राज्य का हर डेस्टिनेशन फिल्मांकन के लिए उपयुक्त है। आदि कैलाश, चकराता, माणा जैसे अनेक स्थल उत्तराखण्ड में हैं। राज्य में उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को राज्य में व्यय राशि का अधिकतम 02 करोड़ रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति प्रदान की जा रही है।


इस अवसर पर फिल्म निर्देशक अनंत नारायण महादेवन, फिल्म प्रोड्यूसर  अनूप पोड्डर, एश्वर्या मेशराम, शिवम यादव, कार्तिके यादव, डॉ. अंजलि नौरियाल सतीश शर्मा, संयुक्त निदेशक सूचना एवं  उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय उपस्थित थे।

शत्रु संपत्ति, मेट्रोपोल होटल परिसर, नैनीताल में सतही पार्किंग हेतु गृह मंत्रालय से मिली अस्थायी अनुमति*

सीएम धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया*

*सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर किया था अनुरोध* 


*नैनीताल, ;


गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा  मेट्रोपोल होटल परिसर, मल्लीताल, नैनीताल में खुले स्थान को सतही पार्किंग हेतु राज्य सरकार को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्रदान किया गया है। यह अनुमति व्यापक सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अस्थायी और तदर्थ आधार पर दी गई है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री  को पत्र लिखकर नैनीताल स्थित मेट्रोपोल होटल परिसर, मल्लीताल, नैनीताल में खुले स्थान को  पार्किंग के लिए राज्य सरकार को अनुमति प्रदान किए जाने का अनुरोध किया था।


NOC में यह स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था माननीय न्यायालयों के निर्देशों के अनुसार होगी और शत्रु संपत्ति के निपटान या स्थायी हस्तांतरण के रूप में मान्य नहीं होगी। शत्रु संपत्ति पर किसी भी प्रकार की स्थायी संरचना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।


राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल के पट्टे से प्राप्त किराये की आय का 90% शत्रु संपत्ति अभिरक्षक (CEPI) को भेजा जाएगा, जो भारत की समेकित निधि (CFI) का हिस्सा बनेगा। साथ ही, गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सतही पार्किंग के लिए बोली प्रक्रिया में गृह मंत्रालय और कस्टोडियन के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल को पट्टे पर देने से प्राप्त किराये की आय सबसे अधिक बोली लगाने वाले को दी जाएगी।


शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इसका उपयोग पार्किंग के लिए हो सकेगा पूरी संपत्ति पर पार्किंग बनी तो इसकी क्षमता डेढ़ हजार वाहनों से अधिक होगी।

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