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 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद् एवं दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।




इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामना भी दी। उन्होंने कहा कि  शिक्षक सही मायने में राष्ट्र निर्माता हैं। विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण कर उन्हें योग्य नागरिक बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षित कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान तो देते ही है समाज को नई दिशा में भी उनकी बडी भूमिका होती है ।

                             

राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से किया सम्मानित

         ‘‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’’ सम्मान समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्ष 2023 में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कारों के लिए चयनित शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया। शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में वर्ष 2023 के लिए चयनित 19 शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को पुरस्कार प्रदान किए गए है। *(सूची संलग्न)*


           इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों एवं दुर्गम क्षेत्रों में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षक वास्तव सम्मान के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं शिक्षा के क्षेत्र में आपकी सेवाओं और प्रतिबद्धता के लिए प्रदेशवासियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूँ’’।


           राज्यपाल ने कहा कि गुरु का स्थान सबसे ऊपर है। राज्य शैक्षिक पुरस्कार से चयनित उत्कृष्ट शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन, विशेष रूप से, हर व्यक्ति को अपने विद्यार्थी जीवन की अवश्य ही याद आती है और अपने शिक्षक भी याद आते हैं। अपने गुरुओं को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गुरुओं द्वारा दिया गया ज्ञान आज भी मार्गदर्शन और प्रेरणा देता है।


           राज्यपाल ने कहा कि समाज एवं राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विश्व गुरु और विकसित भारत बनाने की दिशा में शिक्षकों की अहम भूमिका होगी। शिक्षकों से कहा बच्चों के सर्वांगीण विकास का दायित्व आप सभी के कंधों पर ही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में गुणवत्तापरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ ही नवीन टेक्नोलॉजी को अपनाना जरूरी है।


            मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन शिक्षकों के प्रति आदर सम्मान प्रकट करने का दिन है। आज के दिन सम्मानित हो रहे शिक्षकों ने समाज में ज्ञान का संचार एवं अपने अनुभव और मार्गदर्शन से विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने का कार्य किया है। भारतीय संस्कृति में गुरु का सर्वोच्च स्थान होता है। शिक्षक हर स्थिति में अपने विद्यार्थी को मार्गदर्शन देने का कार्य करता है। गुरु ही अपने प्रकाश से अंधकार की अज्ञानता को दूर करता है।


           मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन इतिहास में गुरु शिष्य परंपरा का उल्लेख मिलता है। शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षक अन्य लोगों को भी प्रेरणा देंगे एवं समाज के लिए रोल मॉडल हैं। गुरु का कार्य शिक्षा देने के साथ ही अपने शिष्य के व्यक्तित्व का निर्माण, अनुशासन एवं समाज के प्रति भावनाओं को जागृत करना भी है। वर्तमान समय में नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है। धीरे-धीरे समाप्त हो रहे मूल्यों को पुनः जागृत करने का जिम्मा भी गुरुओं का है।


            मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल युग में शिक्षकों की भूमिका और बढ़ गई है। तकनीकी विकास और वैश्वीकरण के दौर में शिक्षक, छात्रों को संस्कृति से जोड़ने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा राज्य के विकास और नौनिहालों के भविष्य को बनाने में राज्य सरकार शिक्षकों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। राज्य में शिक्षकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है।


           मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। शिक्षकों को नवाचार से जोड़ने पर निरंतर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षक हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी शिक्षकों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण मनोयोग से किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शैलेश मटियानी पुरस्कार के तहत मिलने वाली धनराशि को दस हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किए जाने की घोषणा की।


          शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी के अथक प्रयासों से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं नवाचारों की जानकारी दी। कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन ने सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और सम्मान समारोह की विस्तृत जानकारी दी। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु, शिक्षा विभाग के अन्य उच्च अधिकारीगण और पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं व उनके परिजन उपस्थित रहे।

                                                                  जनपद रुद्रप्रयाग के केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुक़सान के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष सहायता राशि की अनुमन्य। 


अतिवृष्टि से प्रभावित व्यवसायियों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में स्वीकृत की 09 करोड 08 लाख की धनराशि।*


*मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव मुख्यमंत्री द्वारा जारी किया शासनादेश।*


*जिला अधिकारी रूद्रप्रयाग को उपलब्ध करायी गई 09 करोड 08 लाख की धनराशि।*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों को 09 करोड 08 लाख की राहत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इससे सम्बधित शासनादेश सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली द्वारा जारी किया गया है उन्होने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि 31.07.2024 को अतिवृष्टि के कारण लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल ट्रैक और मोटर मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से प्रभावित हुए विभिन्न व्यवसायियों के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी की अध्य क्षता में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न ऐशोएशिन/संगठनों के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से आपदा प्रभावित व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति हेतु अनुमानित ₹908.00 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव किया गया था।


उन्होने बताया कि प्रस्ताव के संदर्भ में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त मुंख्यमत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचौली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार 09 करोड 08  लाख की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत कर जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को उपलब्ध करायी जाय।


जारी किये गये पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि का उपयोग दिनांक 31.07.2024 को अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल ट्रैक व मोटर मार्ग के प्रभावितों जिन्हें दिनांक 24.08.2024 की मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में मुआवजा/राहत राशि वितरण किये जाने का निर्णय लिया गया है, के अनुसार ही किया जाय।


साथ ही स्वीकृत धनराशि का भुगतान प्रभावितों को करने से पूर्व प्रकरणों का संगत शासनादेशों में किये गये प्राविधानों के तहत परीक्षण तथा प्रभावितों का नियमानुसार सत्यापन करने के उपरान्त पूर्णतः संतुष्ट होने पर भुगतान यथासंभव ई-बैंकिग के माध्यम से सुनिश्चित किया जाय, जहां ई-बैंकिग की सुविधा न हो, वहां धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित की जाय।


प्रभावितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि के वितरण के पश्चात् लाभार्थियों का विवरण यथा-नाम, पता, दूरभाष संख्या इत्यादि जनपद स्तर पर सुरक्षित रखे जाने के भी निर्देश वर्णित शासनादेश दिये गये है।

उत्तराखण्ड को मिला ईज ऑफ डूईंग कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित एकल खिड़की व्यवस्था के तहत Top Achievers  श्रेणी का पुरस्कार।* 



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में ईज ऑफ डूईंग कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित एकल खिड़की व्यवस्था को देश में Top Achievers  श्रेणी का पुरस्कार प्राप्त होने प्रसनता व्यक्त की है राज्य को यह पुरूस्कार वर्ष 2022-23 के लिये इस क्षेत्र में की गई पहल के लिए प्रदान किया गया है। 


गुरूवार को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में सभी प्रदेशों के उद्योग मंत्रियों के साथ आयोजित उद्योग समागम कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किये गये। राज्य की ओर से मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कैबिनेट मंत्री, श्री सुबोध उनियाल तथा सचिव उद्योग, श्री विनय शंकर पाण्डेय द्वारा पुरस्कार ग्रहण किया गया। 


राज्य में ईज ऑफ डूइंग कार्यक्रम के अंतर्गत निवेशकों के सम्मुख आने वाली विभिन्न समस्याओं की पहचान की जाती है। समस्याओं की पहचान कर उनके निराकरण हेतु अनुकूल नीतियां तैयार की जाती हैं। नीतियों के क्रियान्वयन तथा निवेशकों को समस्त प्रकार की स्वीकृतियां/अनापत्तियां ऑनलाईन माध्यम से उपलब्ध कराये जाने हेतु  www-investuttarakhand-uk-gov-in के नाम से पोर्टल तैयार किया गया है। पोर्टल पर उद्यम स्थापना से संबंधित सभी जानकारियां, विधिक अनापत्तियों/स्वीकृतियों की उद्योगवार सूचना उपलब्ध है। एकल खिड़की अधिनियम के अंतर्गत निवेशकों को उद्योग स्थापना तथा संचालन से संबंधित स्वीकृतियां/अनापत्तियां निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत उपलब्ध करायी जाती हैं। 


भारत सरकार द्वारा विकसित नेशनल सिंगल विण्डो सिस्टम के साथ इण्टीग्रेशन करने वाला उत्तराखण्ड प्रथम राज्य रहा है। पोर्टल पर उपलब्ध सूचनाओं, एकल खिड़की अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित विधिक समय-सीमा, अन्य विभागों के साथ इण्टीग्रेशन, नेशनल सिंगल विण्डो के साथ इण्टीग्रेशन, शिकायतों का ऑनलाईन निस्तारण तथा समर्पित हेल्पलाईन विशिष्टताओं के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। 


मुख्यमंत्री ने इस पुरस्कार को राज्य में उद्यमियों को निवेश के लिये प्रेरित करने वाला बताया है। उन्होने कहा कि राज्य में उद्यमियों एवं निवेश अनुकूल नीनियों के कारण बडी संख्या में उद्यमी राज्य में निवेश के प्रति आकर्षित हुए है।

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