देहरादून:
‘‘मुझे मेरे जनपद में एक भी बच्चा भिक्षावृत्ति करता न दिखे’’ डीएम देहरादून ने ये निर्देश अवश्य दिया है, परंतु आप दून की सड़कों पर महत्वपूर्ण स्थलों पर वर्तमान में भिक्षावृत्ति को बढ़ाते हुए देख पाएंगे तहसील चौक से पहले बने बस स्टॉप पर पर यात्रियों का इंतजार करती हुई लंबी रूट की बसों में एकाएक कहीं से 12 -13 साल के बच्चे चढ़ाते हैं और भिक्षा मांगना शुरू कर देते हैं. कंडक्टर और ड्राइवर उनको बस में घुसने की अनुमति आराम से दे देते हैं और उत्तराखंड की जनता के तो क्या कहने , कोई न कोई पैसा भी निकालकर दे देते है।
यही हाल रिंग रोड जोगीवाला का है, जोगीवाला चौक पर खड़े हुए ई रिक्शा में बैठे यात्रियों से हिजाब पहने बच्चियां भिक्षावृति में लिप्त पाए जा सकते है.
दोनो ही स्थानों पर पाए जानेवाले बच्चों में समुदाय विशेष की झलक हनक पहनावे और बोलचाल से देखी जा सकती है। ऐसा हमे सफर करनेवाले यात्रियों ने बताया पहले कभी ये सब नही देह जाता था, अब हो रहा है।
बरहाल नए डीएम देहरादून का यह कथन कि ’’भिक्षा नही, शिक्षा है जरूरी’’ है अवश्य ही नए आयाम स्थापित करेगा और दून की महकती घाटियों को छोटे बच्चों की सिसकती आहों से मुक्त करेगा।
सीडब्लूसी, आश्रय ट्रस्ट एवं अन्य समाजसेवी संगठनों ने जिलाधिकारी पहल को सराहनीय कदम बताया।
बच्चों को इन्टेंसिव केयर सेन्टर में विधिवत् प्रवेश दिलाते हुए, पाश्चात्य स्कूलों की भांति अनुकूल महौल में शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।
24 घंटे पैट्रोलिंग 2 वाहनों के माध्यम से रेस्क्यू अभियान चलाकर भिक्षावृत्ति की साईकिलिंग को तोडे़गें।
भिक्षावृति पर रोकने हेतु मोबाइल यूनिट बढाई जाएं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए 6 मोबाईल एजुकेशन वाहन उपलब्ध कराई जाएगी।
अभियान को प्रभावी रूप से सफल बनाने हेतु, 12 होमगार्ड/पीआरडी की तैनाती जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ करने के निर्देश।
जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में देर सांय भिक्षावृति मुक्त देहरादून के संबंध में बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि देहरादून शहर में कोई बच्चा भिक्षावृति करता न दिखे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएं।
भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी करते बच्चों को रेस्क्यू कर मुख्य धारा, शिक्षा के सार्वागीण विकास से जोड़े। वाहन के माध्यम से निरंतर पेट्रोलिंग करते हुए भिक्षावृति करते बच्चों को रेस्क्यू करें।
जिलाधिकारी ने भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने हेतु प्रतिदिन अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित कि भिक्षावृति करते तथा सड़क पर घुमतु बच्चों को रेस्क्यू करने हेतु वाहन का प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। यह वाहन शहर में घूमकर बच्चों को रेस्क्यू कर सीडब्ल्यूसी में लाएंगे। जल्द ही जनपद में दो पैट्रोलिंग वाहन का शुभारंभ किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने भिक्षावृति पर रोक हेतु मोबाइल यूनिट बढ़ाने के निर्देश जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए। मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि इन्टेंशिप केयर सेंटर का प्रस्ताव बनाए, उक्त सेंटर में बच्चों के लिए इस प्रकार से शैक्षिण वातावरण तैयार करेगंे जिससे बच्चे उक्त परिवेश के प्रति आकर्षित हो सकें जिससे बच्चों का खिचाव स्कूल एवं अन्य क्रियाक्लाप के प्रति हो। इस दिशा में प्रभावी कार्य करने हेतु उपस्थित सीडब्लूसी के पदाधिकारी, आसरा ट्रस्ट, सपर्मण सोसायटी, सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम विभाग, बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, पुलिस आदि सम्बन्धित विभाग द्वारा सहमति जाहिर करते हुए सराहनीय पहल बताया गया।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, अपर मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम बीर सिंह बुदियाल, डॉ राजीव दीक्षित, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, रश्मि कुलश्रेष्ठ अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, आसरा से अमित बलोदी, समर्पण सोसायटी से मानसी मिश्रा, समाज सेवी किशोर,कविता पांडे, वीईसीडी माया नेगी सीडब्ल्यूसी से पूजा शर्मा सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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