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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत रत्न पं.गोविन्द बल्लभ पंत की जयंती के अवसर पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया है। पं. गोविन्द वल्लभ पंत को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देशभक्त, समाजसेवी तथा कुशल प्रशासक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. पंत ने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगारी प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष कर समाज में व्याप्त इन बुराइयों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत ने महात्मा गांधी के आह्वान पर असहयोग आन्दोलन में भागीदारी के साथ राजनैतिक जीवन की शुरूआत की थी। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौर में साइमन कमीशन के बहिष्कार एवं नमक सत्याग्रह में भी उन्होंने सक्रिय भागीदारी निभायी थी।

 

उन्होंने कहा कि हिन्दी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित कराने तथा उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं देश के गृहमंत्री रहते आधुनिक भारत के निर्माण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत का संघर्षशील एवं प्रेरणादायी नेतृत्व देशवासियों के लिये सदैव प्रेरणादायी रहेगा।


हिमालय संरक्षण के लिए गठित होगी विशेष कमेटी - सीएम पुष्कर सिंह धामी


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के सरोकारों से जुड़े विषयों के लिए महानिदेशक यूकॉस्ट श्री दुर्गेश पंत के संयोजन में एक कमेटी बनाई जायेगी।

 इस अवसर पर उन्होंने यूकॉस्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय पांचवें देहरादून, अन्तरराष्ट्रीय साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फैस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। यह महोत्सव 06 जनपदों देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ स्थित इंजिनियरिंग कॉलेजों में किया जायेगा।  


मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं दी और हिमालय के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहे लोगों का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हर वर्ष 02 सितम्बर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। अगर तापमान इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले समय के लिए चिंताजनक है। हमें हिमालय, जल और जंगल के संरक्षण की दिशा में मिलकर प्रयास करने हैं, सोचना होगा कि अपनी आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने तमाम आपदाएं देश-दुनिया मे देखी हैं। इस बार भी हमारे प्रदेश में कई जगह आपदा आई। पिछले साल हमने आपदाओं पर वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन भी किया। 29 नवंबर 2023 को यह आयोजन हुआ था और उसी दिन सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। उन्होंने कहा कि जब 17 दिन तक रेस्क्यू चल रहा था तो बहुत बार लगता था कि आज ब्रेक थ्रू होगा लेकिन कुछ न कुछ अड़चन आती रही। दुनिया भर की तकनीक उस समय प्रधानमंत्री  श्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से हमें मिली और आखिरकार हम सभी को सकुशल बाहर निकालने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय दिवस का यह आयोजन केवल एक सप्ताह का कार्य नहीं होना चाहिए बल्कि प्रत्येक दिन हमें प्रकृति को बचाने का कार्य करना है। 



मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय के महत्व को हमें नई तरह से समझने की जरूरत है। जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। हिमालय के संरक्षण के लिए अनेक कार्य किये जा सकते हैं। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड पहला राज्य है जहाँ जी.ई.पी की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इकोलॉजी व इकॉनमी में संतुलन बनाकर विकास के कार्य किये जा रहे हैं। सरकार पौधरोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन इन सब में जनसहभागिता की जरूरत है, तभी हम इन प्रयासों में सफल हो पाएंगे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाये जाने की बात उठायी है। उत्तराखंड की जनसंख्या सवा करोड़ है और व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है। उत्तराखण्ड के लिए योजना बनाते समय राज्य में आने वाली फ्लोटिंग पोपुलेशन को ध्यान में रखकर योजना बनाने के लिए नीति आयोग की बैठक में अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा हमने सस्टेनेबल टूरिज्म की बात की है, जिसे लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देवभूमि उत्तराखंड के लोग शान्तिप्रिय हैं। 


यदि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग यहाँ आकर यहाँ की शांत वादियों में अशांति फैलायेंगे और क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने का  प्रयास करेंगे तो देवभूमि में इसको बिलकुल  बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

ऐसे आपराधिक तत्वों को चिन्हित करने के लिए वृहद् सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।क़ानून अपना काम करेगा। अपराधियों के साथ हम सख़्ती सी निपटेंगे।

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