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•  जिला चमोली में शोक की लहर।

•मंदिर समिति ने शोक-संवेदना व्यक्त की।


गोपेश्वर/देहरादून: 

BKC FORMER CHAIRMAN Anusuya Prasad passes away



 जिला चमोली  के जाने-माने भाजपा नेता तथा श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री अनुसुइया प्रसाद भट्ट  ( 79)का आज अपराह्न को आकस्मिक निधन हो गया। उनके बड़े पुत्र कुलदीप भट्ट ने फोन से अवगत कराया कि उनके पिता  मंदिर  समिति पूर्व अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट कुछ समय से  बीमार चल रहे थे अपने पैतृक घर गोपेश्वर में उन्होंने अंतिम सांस ली।

anusuya prasad


श्री अनुसुइया  प्रसाद भट्ट के आकस्मिक निधन पर श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति  ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शोक संवेदना  व्यक्त की है तथा उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है।


बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित  सभी मंदिर समिति वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारियों  तथा सदस्यों  सहित मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, मुख्य वित्त अधिकारी आनंद सिंह, विशेष कार्याधिकारी रमेश सिंह रावत  सहित  मंदिर समिति के सभी अधिकारियों कर्मचारियों, तीर्थ पुरोहितों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।


उल्लेखनीय है कि श्री अनुसूइया प्रसाद भट्ट गोपेश्वर नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर भी रहे। चतुर्थ केदार रूद्रनाथ यात्रा के संचालन श्री गोपीनाथ  मंदिर प्रबंधन में बतौर मुखिया उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी।भारतीय जनता पार्टी  संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। भाजपा  को जिला चमोली में स्थापित करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके निधन से संपूर्ण जिला जमोली में शोक की लहर है।


प्रदेश सरकार की ओर से श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति में उपाध्यक्ष पद के बाद 2008 में वह बीकेटीसी के अध्यक्ष बने तथा चार वर्ष तक अध्यक्षीय दायित्व का निर्वहन किया।

उनके परिवार में धर्मपत्नी,दो पुत्र तथा पोते-  पोतियां है सभी नाते रिश्तेदार तथा गोपेश्वर तथा आसपास के गणमान्य लोग उनके निधन  के बाद निवास पर जमा हो गये कल  अलकनंदा नदी के तट  पर चमोली में अंतिम संस्कार किया जायेगा।


 बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति में अध्यक्ष श्री अनुसुइया प्रसाद भट्ट के निधन से मंदिर समिति कर्मचारियों में शोक की लहर है  श्री अनुसूइया प्रसाद भट्ट  ने मंदिर समिति अध्यक्ष रहते हुए अस्थायी कर्मचारियों के लिए  शासन से पदो का सृजन करवाया‌।मंदिर समिति को कारगी चौक देहरादून में मां चंद्रवदनी मंदिर तथा भूमि भी दान मिली जहां पर मंदिर समिति ने धर्मशाला निर्माण किया।इसी तरह नयी टिहरी में नव दुर्गा मंदिर तथा धर्मशाला विश्राम गृह उन्ही के कार्यकाल में मंदिर समिति के नियंत्रण में आया।

अधीनस्थ मंदिरों की व्यवस्थाओं तथा रख- रखाव तथा श्री बदरीनाथ- केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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