मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में फिल्म अभिनेता श्री राजपाल यादव ने मुलाकात की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित है। राज्य में फिल्म शूटिंग की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में फिल्म शूटिंग को बढावा देने हेतु सरकार राज्य निरन्तर कार्य कर रही है। जिसके लिए उत्तराखंड में फिल्म का निर्माण किए जाने पर सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को हिमाचल के कैबिनेट मंत्री श्री विक्रमादित्य सिंह ने भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री और हिमाचल के कैबिनेट मंत्री के मध्य उत्तराखण्ड और हिमाचल के बीच उत्तराखण्ड और हिमाचल की आपसी कनेक्टिविटी जोड़ने के लिए चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों की सीमा पर स्थानीय काश्तकारों को टोल टैक्स में छूट प्रदान की जाय।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविन्द्र सिंह सुखू से भी फोन पर वार्ता कर दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी को और अधिक विस्तार देने पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल की भौगोलिक स्थिति लगभग एक जैसी है। हाल ही में सम्पन्न हुई नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के समग्र विकास के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का भी अनुरोध किया है।
आई.आई.टी. रूडकी की जांच और संस्तुति के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी इसके मरम्मत की मंजूरी दे दी गयी है। इसके लिये कम से कम 02 माह पुल के यातायात को बन्द करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुल की मरम्मत से पहले जिलाधिकारी देहरादून और जिलाधिकारी सिरमोर द्वारा डायवर्जन प्लान बनाया जायेगा।
कैबिनेट मंत्री हिमाचल प्रदेश ने कहा कि यातायात की सुगमता के लिये पुल के पास बनाये गये वन, खनन, आबकारी एवं आर.टी.ओ. के अवरोधों तथा लोडेड वाहनों की पार्किंग को पुल से 01 किमी. दूर स्थानान्तरित किये जाने की आवश्यकता होगी, इस पर मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
कैबिनेट मंत्री हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल को उत्तराखण्ड से जोड़ने के प्रयासों पर बल देते हुए उत्तराखण्ड द्वारा यमुना नदी पर बनाये गये भीमावाला नावघाट 540 मीटर लम्बे पुल को जोडने वाले 820 मीटर लम्बे सम्पर्क मार्ग के निर्माण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल से उत्तराखण्ड को जोडने वाले धौला से सेवाडोगरी तक 10 कीमी. सड़क निर्माण कार्य होने से डोडराक्वार क्षेत्र 12 महीने आवागमन सुचारू हो जायेगा और दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी भी बन जायेगी।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की पूर्व लोकसभा सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
*योजनाओं में नवाचार पर ध्यान दें अधिकारी: सीएम पुष्कर सिंह धामी*
*प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री ने सचिव समिति को किया सम्बोधित*
*योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के बने विस्तृत एक्सन प्लान*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। श्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। तीन घण्टे तक चली इस बैठक में राज्यहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित से जुडी योजनाओं के नीति-निर्धारण और सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पंहुचाने में सचिवगणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सचिव सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही, लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए हम सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे। लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाये बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उनके सफल क्रियान्वयन के लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए। सरकार की योजनाओं और निर्णयों का प्रभाव करोड़ों लोगों के जीवन पर पड़ता है अतः योजनाओं और निर्णयों में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देश दिये कि विभागों के रिक्त पदों का अधियाचन शीघ्र आयोगों को भेजे जाएं। सुनिश्चित कार्ययोजना के साथ आगामी दो सालों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए।
कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर दिया जाए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए और आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए।
जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की सबके मन में भावना होनी चाहिए। जन अपेक्षाओं के अनुसार हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यक्षेत्र में क्या विशिष्ट कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन इन्डीकेटर पर राज्य में अच्छा कार्य हुआ है, उनको बनाये रखना हमारे सामने चुनौती भी होगी।
आगामी एक वर्ष की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन का बनाया जाए रोस्टर*
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े विषयों की नियमित समीक्षा की जाए। श्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं का एक रोस्टर प्लान बनाया जाए, जिसमें ऐसी योजनाएं शामिल हों, जो व्यापक जनहित वाली हों। जनपदों के प्रभारी सचिव समय-समय पर जनपदों में जाकर योजनाओं की नियमित समीक्षा करें और विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बड़ी परियोजनाओं की पृथक से बृहद स्तर पर समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं को दैवीय आपदा अथवा अन्य किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए उनका सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। पुराने पुलों, एसटीपी, जल विद्युत परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य अवस्थापना से जुड़े कार्यों में सुरक्षा मानकों का पूर्णतया पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार से जानमाल का नुकसान न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मितव्ययिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। राजस्व वृद्धि के साथ आवश्यक व्ययों को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस दिशा में कार्य होना आवश्यक है। सीमित संसाधनों से हमें बेहतर आऊटकम देने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में जो सब्सिडी दी जा रही है, वह लाभार्थियों को समय पर मिले। लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ जल्द दिलाने के लिए विभागों द्वारा नियमित कैंप लगाये जाएं।
*सचिवों द्वारा नवाचार एवं नयी योजनाओं के अध्ययन एवं भ्रमण का हो राज्य हित में उपयोग*
बैठक में बताया गया कि 2070 तक भारत ने ‘नेट जीरों उत्सर्जन’ की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया है। इस दिशा में राज्य में थर्मल एनर्जी की सम्भावनाओं तथा राज्य में जिओ थर्मल एनर्जी के क्षेत्र में किये जाने वाले एमओयू के सबंध में भी चर्चा की गई। राज्य में विभिन्न माध्यमों से ऊर्जा उत्पादकता बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नई तकनीक के अध्ययन के लिए जो भी सचिव देश के विभिन्न राज्यों व विदेश भ्रमण पर जाते हैं, उनके विभिन्न पहलुओं और आऊटकम का सचिव समिति में प्रस्तुतीकरण दिया जाए।
*सचिवों द्वारा राज्य हित में दिये गये महत्वपूर्ण सुझाव*
सचिवों द्वारा बैठक में अनेक सुझाव दिये गये। राज्य में राजस्व क्षमता में वृद्धि करने और पूंजीगत व्यय को कम करने, वृद्ध लोगों को ध्यान में रखकर उनके हिसाब से भी योजनाएं बनाने, निराश्रित गोवंश की सुरक्षा के लिए कारगर उपायों, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिये जाने, कृषि और उद्यान के क्षेत्र में फसली बीमारियों से बचाव के लिए कारगर उपायों पर कार्य करने, किसानों को बेहतर पौधे और बीज उपलब्ध कराने के लिए कारगर व्यवस्था बनाने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन करने पर सुझाव दिये गये। रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रशिक्षण के साथ प्रशिक्षण के आऊटकम पर ध्यान दिये जाने शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन, गांवों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने, सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए परिवहन, पुलिस और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारियां तय किये जाने, समान प्रकृत्ति के कार्यों के लिए विभागों के आपसी समन्वय के साथ कार्य करने, उत्तराखण्ड गतिशक्ति पोर्टल के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सुझाव अधिकारियों द्वारा दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल.फैनई, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत एवं सभी सचिवगण उपस्थित थे।
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