उत्तराखंड सहकारिता विभाग को एमपैक्स सशक्ति के लिए स्कॉच सिल्वर अवार्ड
देहरादून:
उत्तराखंड सहकारिता विभाग को आज शनिवार को स्कॉच सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया जाना राज्य में सहकारिता विभाग द्वारा किए गए परिश्रमी प्रयासों और सफल पहलों का प्रमाण है। यह पुरस्कार न्याय पंचायत स्तर पर 670 बहुउद्देशीय प्राइमरी सहकारी समिति (एमपैक्स) प्रणाली को मजबूत करने और राज्य एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के माध्यम से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करने के लिए विभाग के सराहनीय प्रयासों को मान्यता देता है।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभाग को पुरस्कार देने के लिए उद्देश्यों और लक्ष्यों को पूरा करने में विभाग की लगन और कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने ग्रामीणों के लिए निरंतर प्रगति और विकास सुनिश्चित करने के लिए गांव स्तर पर काम जारी रखने के महत्व पर जोर दिया।
डॉ रावत ने कहा कि, स्कॉच सिल्वर अवार्ड के माध्यम से सहकारिता विभाग के प्रयासों को मान्यता मिलना उत्तराखंड के किसानों और ग्रामीणों की आमदनी दोगुनी, सेवा करने के प्रति सम्पूर्ण विभाग की प्रतिबद्धता की पुष्टि है। यह विभाग के लिए प्रयासों को जारी रखने और क्षेत्र में अपनी पहुँच और प्रभाव को और बढ़ाने के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेगा।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार रजिस्ट्रार सहकारिता, श्री आलोक कुमार पांडेय और अपर रजिस्ट्रार श्री आनंद शुक्ल ने नई दिल्ली में ग्रहण किया। रजिस्ट्रार सहकारिता श्री पांडेय ने कहा कि एमपैक्स के जरिये बड़ी संख्या में महिला स्वयं सहायता समूह ने 5 लाख रुपये के बगैर ब्याज के ऋण से अपनी आर्थिकी मजबूत की है।
उल्लेखनीय है कि, SKOCH अवार्ड, जो शासन, वित्त, बैंकिंग, प्रौद्योगिकी और कॉर्पोरेट नागरिकता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता देता है, भारत में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए एक बेंचमार्क के रूप में अत्यधिक माना जाता है। SKOCH समूह द्वारा 2003 में स्थापित, यह पुरस्कार साक्ष्य का उपयोग करके महसूस की गई जरूरतों के आकलन और परिणाम मूल्यांकन पर आधारित है, यह सुनिश्चित करता है कि केवल सबसे योग्य व्यक्तियों और संगठनों को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए दिया जाता है।
*देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने जीता स्कॉच अवार्ड 2022, जल प्रबंधन प्रणाली हेतु दिया गया अवार्ड* .
देहरदून स्मार्ट सिटी द्वारा देहरादून में जलापूर्ति प्रणाली को उच्चीकृत करने हेतु स्काडा वाटर एटीएम एवं वितरण प्रणाली ठीक करने का कार्य किया है, इन्ही कार्यों हेतु देहरादून स्मार्ट सिटी ने आज दिनाँक 13 जुलाई को दिल्ली में अवार्ड प्राप्त किया है ।
यह अवार्ड भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त/अभिनव प्रयास करने वाले संस्थानों-/विभागों व्यक्क्तियों-के विशेष परियोजनाओं, और संस्थानों को दिया जाने वाला देश का विशेष एवं उच्चस्तरीय- सम्मान है. वर्ष 2003 में इस प्रकार के अभिनव पहल को सम्मानित-करने हेतु की गयी थी. इस पुरस्कार में डिजिटल, वित्तीय, और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में बेहतरीन कामों को शामिल किया जाता है. स्कॉच अवॉर्ड पाने वाले लोगों में उद्योग जगत के दिग्गज, विद्वान, टेक्नोक्रेट्स, महिला नेता, और जमीनी स्तर के कार्यकर्ता शामिल हैं
देहरदून स्मार्ट सिटी द्वारा देहरादून में जलापूर्ति प्रणाली को उच्चीकृत करने हेतु स्काडा वाटर एटीएम एवं वितरण प्रणाली ठीक करने का कार्य किया है, इन्ही कार्यों हेतु देहरादून स्मार्ट सिटी ने अवार्ड प्राप्त की है ।परियोजना कार्यो केलगभग 12 करोड रुपये बचत माह में होने केसाथ साथ शहर में पानी की आपूर्ति में भी सुधार हुआ है,
इसके अतिरिक् 24 वाटरएटी एम से 16 लाख लोग भी लाभान्वि हुये हैं।.
इसी कार्यक्रम कॆ क्रम मॆ देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी/ज़िलाधिकारी देहरादून , सोनिया जी ने कहा कि पॆयजल सम्वर्धन परियोजनाओं .में देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा किये गये कार्य यथा वाटर मीटर , स्कॉडा स्मार्टवाटर मैनेजमेंट वाटर सप्लाई ऑग्व्यूमेटेंशन,आदि परियोजना के ज द्वारा पानी के उत्पादन , वितरण ,उपलब्धता आदि को अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से उच्चीकरण-करपे हेतु नवीन
प्रणाली अध्यारोपण का कार्य किया गया है ।इस स्पर्धा में राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न परीयोजनाओं की समीक्षा के उपरात देहरादून स्मार्ट सिटी के द्वारा वाटर मैनेजमेंट कार्यों में पुरस्कार प्रदान किया गया है ।
इस प्रकार के राष्ट्रीय पुरसकार प्राप्त होने पर ना केवल सभी टीम को प्रोत्साहन प्राप्त होता है बल्कि कार्य को और एक से करने हेतु टीम प्रेरित होती है।
स्मार्ट सिटि की ओर से अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री तीर्थ पाल
सिंह एवं ए0 जी0 एम ०श्री कृष्ण पल्लव चमोला द्वारा दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार ग्रहण किया गया
इन परियोजनाओं के माध्यम से शहर में पेयजल व्यवस्था उपलब्धता के साथ -2 अपव्ययता को कुशल रूप से प्रबंधित करने हेतु कार्य किये गये है I
प्रदेश में पहली बार जल उत्पादन में ऊर्जा दक्ष .उपकरणों के प्रयोग
से पीपीपी मोड से परियोजनाओं का संचालन किया गया है जिससे ना केवल ऊर्जा बचत हो रही है अपितु सरकार द्वारा ट्यूबवेलों के संचालन एवं अंनुक्षण हेतु होने वाले व्यय में भी बचत हो रही है।.
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