डोईवाला शुगर मिल कॉलोनी डोईवाला में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन वृंदावन से पधारे व्यास जी महाराज श्री राम उपाध्याय ने श्री गोवर्धन महाराज की व्याख्या के साथ-साथ श्री वृंदावन धाम की महिमा और उसमें श्री कृष्ण एवं राधा के लीलाओं का सविस्तार वर्णन किया.
छठे दिन बताया , प्रयागराज को आपत्ति होती है, कि सभो तीर्थ आते है पर वृन्दावन उनके पास नही आते है। तब ठाकुर जी कहते है किनवह मेरा घर है उसकी अनुमती मैने किसी को नहो दी है।
महारास का बहुत ही सुंदर वर्णन किया। जब श्री कृष्ण गोपियों को छोड़कर राधा रानी को लेकर अंतर्ध्यान हो जाते है।
गोपियाँ उनसे अनेक प्रकार की अनुनय विनय करती है, और अपने प्राण त्याग करने जमुना जी पंहुच जाती है।तब भगवान अपना स्वरूप प्रकट करते है और 6 माह तक महारास करते है।वृन्दावन में महारास में भाग लेने माता पार्वती के साथ शंकर जी भी पंहुचते है परंतु स्त्री भेष में। यही स्वरूप वृन्दावन में श्री गोपेश्वर महादेव के मंदिर में भोलेनाथ का देखने को मिलता है।
रुक्मणी और श्री कृष्ण जी के विवाह की झांकी निकाली गई। श्रद्धालुओं ने विवाह में बढ़ चढ़कर भाग लिया और विवाह में नृत्य किया और बधाई दी।
एक टिप्पणी भेजें