देहरादून;
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें एनएचएम की विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई।
डा. रावत ने स्वास्थ्य योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को वार्षिक कैलेंडर तैयार करने निर्देश दिये ताकि आम लोगों को योजनाओं के अंतर्गत दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का सही से पता चल सके।
बैठक में विभागीय मंत्री ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की वर्तमान स्थिति एवं उनके क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को आम लोगों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिये आवश्यक कदम उठाने को कहा।
विशेषकर 108 एंबुलेंस सेवाएं, संस्थागत प्रसव, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, निशुल्क जांच व दवाई, आशा कार्यक्रम, टीकाकरण एवं सीकल सेल अभियान को और बेहतर बनाने को कहा।
विभागीय मंत्री ने 108 एंबुलेंस सेवाएं के रिस्पांस टाइम को कम से कम करने पर जोर दिया ताकि प्रदेश की जनता को ससमय एंबुलेंस मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने व तम्बाकू नियंत्रण पर फोकस करने, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में रिक्त 234 पदों को शीघ्र भरने, आशा कार्यकत्रियों की समस्याओं खत्म करने तथा उन्हें समय पर ट्रेनिंग व वेतन देने, शत-प्रतिशत टीकाकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2023-24 में टीकाकरण कवरेज 94 प्रतिशत रहा जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 86 प्रतिशत टीकाकरण किया जा चुका है।
इसके अलावा डॉ. रावत ने सिकल सेल रोग उन्मूलन को जनजातीय मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक स्क्रीनिंग करने व रोगियों को उचित स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इसके लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद् के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, मिशन निदेशक एन.एच.एम.स्वाति एस भदौरिया, डॉ आर.के. सिंह, डॉ अजय नगरकर, डॉ फरीदुजफर, डॉ पकंज सिंह, डॉ मुकेश रॉय, डॉ तुहिन, डॉ उमा रावत, डॉ भास्कर जुयाल, डॉ आदित्य एवं अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित
भरसार विश्वविद्यालय को शीघ्र मिलेगी एम्बुलेंस व चिकित्सक : डॉ. धन सिंह रावत*
*कहा, उपनल कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिये बनाये ठोस नीति*
*अधिकारियों को दिये प्रेक्षागृह सहित अन्य निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश*
देहरादून:
पौड़ी जनपद में स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार की समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जायेगा। इसके लिये विश्वविद्यालय व शासन के अधिकारियों को आपस में बैठ कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। विश्वविद्यालय को शीघ्र ही एक एम्बुलेंस व चिकित्सक उपलब्ध करा दिया जायेगा। इसके अलावा उपनल कार्मिकों का वेतन सहित अन्य समस्याओं के लिये भी ठोस नीति बनाने को कहा गया है। साथ ही विश्वविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के साथ ही छात्र-छात्राओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी बैठक में दिये हैं।
सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार की विभिन्न समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन व शासन के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा के मध्यनज़र घेरबाड़ के लिये चैनलिंग फैंसिंग का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया जाय। साथ ही विश्वविद्यालय के परिसार में चल रहे प्रेक्षागृह व अन्य निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाय। आवासशीय परिसर में रह रहे छात्र-छात्राओं के लिये पुस्तकालय सहित खेल सामग्री आदि सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को शीघ्र एम्बुलेंस व चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। ताकि वहां रह रहे छात्र-छात्राओं के साथ ही कार्मिकों व उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय में कार्यरत उपनल कार्मिकों को समय पर वेतन न मिलने सहित उनकी अन्य समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन व शासन के अधिकारियों को दिये। डा. रावत ने क्षेत्र के काश्तकारों को कृषि एवं औद्यानिकी पर आधारित प्रशिक्षण देने के लिये ठोस कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वद्यिलय के कुलपति प्रो0 परमिन्दर कौशल, अपर सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा आनंद स्वरूप, प्रभारी निदेशक शोध डॉ. अमोल वशिष्ठ सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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