डोईवाला:
गार्डन कॉलोनी शुगर मिल परिसर में श्रीमद्भगवत जी की कथा के तृतीय दिवस पर श्री व्यास जी महाराज राम उपाध्याय जी द्वारा राजा परीक्षित की कथा का वर्णन किया।
उन्होंने माया और माला के प्रयोग का भेद बताते हुए कहा कि एक माला और एक माया दो साधन है जो सर्वत्र है।
माया से बचने के लिये चिंतन और भजन को बढ़ाना होगा। एक हमे भगवान जी से दूर करती है एक पास ले जाती है।माया हमारी भक्ति को ह्रदय सेबाहर निकालती है जबकि माया उसे अंदर ले जाई है।
उन्होंने कहा ठाकुर जी से रिश्ता जितना मजबूत होगा उतना ही वो कष्ट दूर करेंगे। अतः उनसे रिश्ते की मजबूत डोर बांधकर मन की बात ठाकुर जी से कह देना चाहिए।
सृष्टि की रचना की प्रक्रिया का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि अनेक अवतारों में श्री वराहावतार के समय मान अभिमान के चलते पृथ्वी को भी भगवान ने श्रीवृन्दावन जी के ही दर्शन करा दिए, जो किसी भी मान अभिमान से सदैव मुक्त है।
भक्त ध्रुव और प्रह्लाद की भक्ति ने भगवान के अनेकानेक रूपों की कथा का मार्मिक वर्णन किया।
उपस्थित श्रद्धालुओं ने झूम झूमकर नृत्य किया और श्रीमद्भगवत जी का श्रवण किया। जाने माने विद्वत जनों ने श्री व्यास जी का सम्मान किया एवम उन्हें अंगवस्त्र भेंट किये। श्री सुभाष गुप्ता, रामनिवासअग्रवाल जी ,पन्ना लाल गोयल ,पूर्व प्रधान अनिता पल , आदि इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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