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 डोईवाला:



क्षेत्र में स्थित शुगर मिल परिसर ,गार्डन कॉलोनी में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य शुभारंभ 26 जून2024 को कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ।

कलश यात्रा श्रीमद्भागवत देहरादून

Kalash yatra dehradun

कलश यात्रा हनुमान मंदिर, शुगर मिल रोड से प्रारंभ होती हुई, गार्डन कॉलोनी शुगर मिल तक  प्रातः 9 बजे निकाली गई  । श्री राम उपाध्याय (वृन्दावन वासी) के सानिध्य में महिलाओं ने कलश सिर पर रखकर श्रीमद्भागवत जी का अनुसरण किया। श्री पन्ना लाल गोयल ने धर्मपत्नी ममता गोयल सहित विधि विधान से श्रीमद्भागवत जी का प्रथम  पूजन कर एवं श्री शिव कुमार गुप्ता ने श्रीमद्भागवत जी को सिर पर धारण कर,  सात दिवसीय आयोजन का शुभारंभ किया। 




व्यासपीठ को सुशोभित करने वाले व्यास जी महाराज ने पहले दिन कथा का शुभारंभ करते हुए श्रीमद्भागवत जी कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला। 

Srimad bhagwat katha by ram upadhyau ji vrindavan


उन्होंने श्री राधा  रानी  और  श्रीमद्भागवत  जी के संबंधों का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि

वेद और पुराण जिसकी महिमा गाते है।

भागवत जी के महात्म्य की चर्चा की।


ठाकुरजी की कथा के प्रथम दिन  आचार्य श्री राम उपाध्याय जी ने बताया कि श्रीमद्भागवत में पहला शब्द श्री शब्द राधा रानी जी है।श्री का अर्थ ही किशोरी जी है। भागवत का प्रारंभ श्री राधा नाम से  है। शुकदेव जी ने भागवत में राधा रानी का नाम नही लिया, परन्तु अनेक उपमाओं के द्वारा उनकी स्तुति की है। श्री कृष्ण जी की  शक्ति राधा रानी के बिना श्रीमद्भागवत जी की कथा अधूरी है। भगवान के तीन स्वरूपों का सुंदर वर्णन ही श्रीमद्भागवत जी को संपूर्णता प्रदान  करता है।

 भगवान का स्वरूप ही श्रीमद्भागवत स्वरूप  है। जब वह  गौलोक धाम में जा रहे थे तब भगवान के शरीर मे से जो तेज निकला वही  श्रीमद्भागवत जी का स्थान होता है।उनकी कथा के स्थान का  शिव ही स्वयं  निर्धारण करते है। और कथा सुनने हेतु लालायित रहते है।


श्री राधा रानी  एवम श्री कृष्ण जी के मधुर भजनों का उपस्थित श्रोताओं ने रस्वादन किया। बृज से पधारे श्री मोतीराम जी, श्री दीपक शर्मा, श्री राम आनंद , श्री  धर्मेन्द्र उपाध्याय   द्वारा सचिदानंद भगवान का सुंदर भजनों द्वारा वर्णन किया गया।



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