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शिक्षकों की कमी होगी दूर, शैक्षणिक गतिविधियों में होगा सुधार


देहरादून;

Dर Dhan SIngh Rawat


प्रदेशभर के राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में विभिन्न विषयों के 243 प्रवक्ताओं को तैनाती दे दी गई है। स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से चयनित इन शिक्षकों की तैनाती उनके द्वारा दिये गये विकल्पों के आधार पर काउंसिलिंग के माध्यम से विषयवार की गई। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवक्ताओं की तैनाती से जहां शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं इन स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों में गुणात्मक सुधार होगा। 


सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेशभर के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शैक्षणिक स्तर को और बेहतर करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में इन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करते हुये विभिन्न विषयों के 243 प्रवक्ताओं की तैनाती कर दी गई है। जिसमें हिन्दी विषय के तहत 27 शिक्षकों, अंग्रेजी के 33, संस्कृत 10, इतिहास 17, भूगोल 15, अर्थशास्त्र 26, गृहविज्ञान 01, नागरिक शास्त्र 24, समाजशास्त्र 02, गणित 13, भौतिक विज्ञान 19, रसायन विज्ञान 29, जीव विज्ञान 23, वाणिज्य 02 तथा कृषि विषय में 02 शिक्षक शामिल हैं। इन सभी चयनित शिक्षकों को दस दिन के भीतर अपने मूल विद्यालय से कार्यभार मुक्त होकर नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। जबकि चमोली एवं हरिद्वार जनपद में विधानसभा उप-चुनाव के दृष्टिगत आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के चलते चयनित प्रवक्तओं को आचार संहित की समाप्ति के उपरांत कार्यभार मुक्त एवं कार्यभार ग्रहण करना होगा। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवक्ताओं की तैनाती उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग परीक्षा परिणाम की प्रवीणता सूची एवं काउंसिलिंग के माध्यम से उनके द्वारा दिये गये विकल्पों के आधार पर की गई। उन्होंने उम्मीद जताई कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों में प्रवक्ताओं की तैनाती से जहां शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं इन स्कूलों में पठन-पाठन सुचारू रूप से चलेगा साथ ही बोर्ड परीक्षा परिणामों में भी गुणात्मक सुधार होगा। उन्होंने बताया इससे पहले विभाग द्वारा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सहायक अध्यापक एलटी की तैनाती की जा चुकी है।  



आपातकाल' भारतीय इतिहास का काला अध्याय: डॉ धन सिंह रावत


गोपेश्वर/देहरादून:


देश में 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से आपातकाल लगाया गया था। इस पर प्रदेशभर में भाजपा ने 25 जून को 'आपातकाल का काला दिवस' मनाया।


 प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने देश के प्रथम गांव माणा बद्रीनाथ में आपातकाल के विरुद्ध आवाज उठाने वाले, यातनायें सह कर कांग्रेस की राष्ट्र विरोधी नीतियों की ख़िलाफ़त करने वाले लोकतंत्र के असंख्य प्रहरियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा कि 50 वर्ष पहले आज ही के दिन 25 जून, 1975 को रात के अंधेरे में श्रीमती इंदिरा गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने संवैधानिक मूल्यों का गला घोंटकर देश में आपातकाल लगा दिया था। जो भारतीय लोकतंत्र के माथे पर कभी न मिटने वाला धब्बा है।

 उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है।  उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने  हमेशा संविधान का मजाक बनाया है।



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