उत्तराखण्ड शासन सचिव विनोद सुमन द्वारा आदेश जारी किया गया है जिसमे किसानों को भी वनाग्नि के सम्बंध में चेताया गया है।
उन्होंने पत्र में इंगित किया है कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न स्थानों में वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसका एक कारण खेतो में फसल कटाई उपरान्त बचे हुए अवशेष में आग लगाया जाना भी है।
कृषकों द्वारा फसलों की कटाई उपरान्त अवशेष को खेतों में छोड़ दिया जा रहा है तथा उसको आग लगा कर नष्ट किया जा रहा है, इस कारण आस पास के क्षेत्र में वनों में आग लगने की अत्याधिक सम्भावना बन जाती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। अतः इस पर तत्काल रोक लगाया जाना आवश्यक है।
कृषि विभाग के समस्त जनपदीय अधिकारियों तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि कृषकों को फसल कटाई उपरान्त अवशेष / पराली प्रबन्धन हेतु यथासम्भव प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें तथा कृषकों को फसल अवशेष को जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत करायें।
साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी कृषक फसल अवशेष / पराली को नहीं जलायें। मुख्य कृषि अधिकारी, जनपद में इस प्रकार के प्रकरणों की निगरानी करेंगे तथा यदि फसल अवशेष / पराली को आग लगाये जाने की घटना होती है तो जिलाधिकारी के माध्यम से सम्बन्धित के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कराया जाना सुनिश्चित कर लें।
जनपदों में हो रही है कार्यवाही:
1.रविवार दिनांक 5 मई 2024 को ऋषिकेश नगर निगम की ट्रेन्चिंग ग्राउंड में आग लगने वाले व्यक्ति को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया तथा FIR दर्ज की गई। तत्काल आग को भी नियंत्रित किया गया।
2. हल्द्वानी - जिला प्रशासन द्वारा लगातार बढ़ रही वनाग्नि को देखते हुए सभी क्षेत्रों में खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है बावजूद उसके हल्द्वानी तीन पानी के पास कूड़ा जलाने की शिकायत प्राप्त होने पर नगर निगम हल्द्वानी की टीम द्वारा जनता टायर रिपेयरिंग शॉप के स्वामी द्वारा कूड़ा जलाने की पुष्टि होने पर कार्रवाई करते हुए संबंधित फर्म के स्वामी का ₹5000 का चालान किया गया।
सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई ने बताया कि आदेश जारी करने के साथ-साथ लोगों से भी अपील की है कि लगातार बढ़ रही वन अग्नि की घटनाओं एवं पर्यावरण को होने वाली क्षति को देखते हुए खुले में किसी भी प्रकार का कूड़ा न जलाये एवं अपना सहयोग प्रदान करें।
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