Halloween party ideas 2015

श्रुत लेखक की भी ले सकेंगे मदद, सरकार ने दी मंजूरी

शिक्षा मंत्री डा. रावत ने कहा, दिव्यांग छात्रों को मिलेगी सभी सुविधाएं


देहरादून:

Handicapped people can take help  for dictation in exam


राज्य सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रारम्भिक शिक्षा की परीक्षाओं में अतिरिक्त समय प्रदान करने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान श्रुत लेखक भी मिलेगा, जिसकी व्यवस्था संबंधित संस्थान के द्वारा की जायेगी। शीघ्र ही इस संबंध में शासन स्तर से शासनादेश जारी किया जायेगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों दिव्यांग छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिलेगी साथ ही वह परीक्षा में और अच्छा प्रदर्शन कर बेहतर अंक प्राप्त कर सकेंगे। 


सूबे के विद्यायली शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के नौनिहालों को गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने में जुटी है ताकि प्रदेश के होनहारों को प्राथमिक स्तर से ही बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो सके। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों की समस्या पर गौर करते हुये उन्हें स्कूली परीक्षाओं में अतिरिक्त समय देने की स्वीकृति दे दी है। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 में वर्णित विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र हल करने के लिये प्रति घंटा 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जायेगा। इसके अलावा ऐसे समस्त बच्चे परीक्षा के दौरान श्रुत लेखक की मदद भी ले सकेंगे, जिसकी व्यवस्था संबंधित संस्थान के द्वारा की जायेगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान दिव्यांग विद्यार्थी जिस श्रुत लेखक की मदद लेगा वह उस कक्षा से निचली कक्षा का विद्यार्थी होना जरूरी है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर परीक्षा के दौरान दिव्यांग विद्यार्थियों को ब्रेलर, अबेकस, ज्योमेट्री और सांकेतिक भाषा की व्यवस्था भी संस्थान द्वारा कराई जायेगी। प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत कक्षा-03 एवं कक्षा-04 में अध्ययनरत दिव्यांग बालक-बालिकाओं की मौखिक परीक्षा लेकर ही उनका परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा। डा. रावत ने बताया कि राज्य में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को लेकर राज्य सरकार खासी संवेदनशील है, इसके लिये प्रदेशभर के स्कूलों में सभी छात्र-छात्राओं के लिये एक सक्षम शैक्षिक वातावरण तैयार किया जा रहा है। खासकर दिव्यांग बच्चों के स्कूलों तक बाधा मुक्त पहुंच के लिये रैंप, रेलिंग और उनके अनुकूल शौचालयों और विशेष शिक्षकों की व्यवस्था विभागीय स्तर पर की जा रही है ताकि बैंचमार्क दिव्यांगता वाले बच्चे अपनी अक्षमताओं की परवाह किये बिना आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। 


*बॉक्स-01*

*ये है बेंचमार्क दिव्यांगता के प्रकार*

बेंचमार्क दिव्यांगता, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत मान्यता प्राप्त किसी भी प्रकार की विकलांगता से कम से कम 40 फीसदी प्रभावित होने से हैं। इस अधिनियम में अन्धापन, कुष्ठ रोग, बहरापन, लोकोमोटर दिव्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज्म, स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, बौनापन, बौद्धिक दिव्यांगता, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्राफी, क्रोनिक न्यूरोलॉजी, विशिष्ट सीखने की अक्षमता, मल्टीपल स्कलेरोसिस, भाषण और भाषा दिव्यांगता, थेलेसिमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल रोग सहित कई दिव्यांगता के साथ-साथ एसिड अटैक व पार्किसंस रोग शामिल है। इनसे प्रभावित बच्चों को प्राथमिक शिक्षा की परीक्षा में बैठने पर अतिरिक्त समय की छूट प्रदान की जायेगी। 



एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.