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 मुख्यमंत्री ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से वित्त विभाग के अंतर्गत लेखा परीक्षक के पद पर चयनित 51 अभ्यर्थियों को वितरित किये नियुक्ति पत्र*




मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में लोक सेवा आयोग के माध्यम से वित्त विभाग के अंतर्गत लेखा परीक्षक के पद पर चयनित 51 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल भी उपस्थित थे। 


मुख्यमंत्री ने सभी नव नियुक्त कार्मिकों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि अब वे उत्तराखंड शासन, प्रशासन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। सभी सच्ची लगन और मेहनत से अपने कार्य को निपुणता से करेंगे, इसकी उन्होंने अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों, हमारा यह प्रयास धीरे-धीरे धरातल पर उतरने लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार के और अधिक अवसर मिल पाएंगे।


श्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको एक ऐसे प्रदेश में सेवा का मौका ईश्वर ने दिया है, जिसमें आपकी एवं राज्य की प्रगति की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य करें, उसे पूर्ण ईमानदारी और लगन से करें तथा पूरी कोशिश करें कि जो काम आज होना है, उसे आज ही सम्पन्न करें तथा उस काम को कभी भी कल के लिये मत छोड़ें एवं उत्तराखंड को श्रेष्ठ व नम्बर-एक राज्य बनाने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों युवाओं में से आपको यह अवसर विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किया गया है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में मानक तय करने होंगे। अनुशासित होकर ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने का लक्ष्य बनाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति विकसित हुई है।  हमारी सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है और करती रहेगी तथा अपेक्षा की कि आप सभी उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ की सिद्धि में भी इसी प्रकार अपना सहयोग देते रहेंगे।  


वित्त मंत्री श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने भी नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी युवाओं को बधाई एवं शुभकामनायें दीं। 


इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्दवर्द्धन, सचिव श्री सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, उप निदेशक श्री वीरेश कुमार सिंह, सहायक निदेशक श्री महीप कुमार सिंह, नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवा सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में आयोजित विकसित भारत संकल्प 2024 मेगा प्रदर्शनी कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को ’’विकसित भारत’’ बनाने का संकल्प महज एक संकल्प नहीं, बल्कि भारत को पुनः विश्वगुरू बनाने का दृढ़ विश्वास है। 




प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया था कि ’’जब 2047 में देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब हमारा राष्ट्र ध्वज ’’एक विकसित भारत’’ का ध्वज होना चाहिए। इस संकल्प को पूरा करने के लिए हमें बिना रूके, बिना थके आगे बढ़ना है और इस संकल्प के लिए सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कार्य करना है।

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली जा रही है। महज दो माह में ही इस यात्रा से लगभग 60 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा साढ़े 9 वर्षों में अपने महत्वपूर्ण निर्णयों, दूरदर्शी सोच एवं योजनाओं से देश भर में जो सकारात्मक माहौल बनाया है, वह किसी भारतीय से छिपा नहीं है। इस संकल्प में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं अत्यंत सहायक सिद्ध हुई हैं, जिसका भव्य रूप आज हम सभी को देखने को मिल रहा है। विकसित भारत संकल्प यात्रा, आने वाले कुछ वर्षों में विकसित भारत की संकल्पना को जन-जन तक पहुंचाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश भर के गांवों में करोड़ों परिवारों को सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ अवश्य मिला है। उसमें भी  जब ये लाभ अंत्योदय की भावना को ध्यान में रखते हुए अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को मिलता है तो एक विश्वास बढ़ता है, जिंदगी जीने की एक नई ताकत आ जाती है।  प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार में, 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की गई। दिव्यांग जनों को सशक्त बनाया, करीब 50 करोड़ जनधन खाते खोले गए, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग साढ़े तीन करोड़ आवास बनाए गए, 8.67 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचाया गया। जहां एक ओर किसान सम्मान निधि के रूप में 2019 से हर वर्ष किसानों को छह हजार रुपये दिए गए वहीं प्रधानमंत्री जी ’’फसल बीमा योजना’’ भी लेकर लाए। महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 11.72 करोड़ इज्जत घर बनाए गए और दस करोड़ से ज्यादा उज्ज्वला कनेक्शन दिए गए। इसके अलावा रोजगार मेला लगाकर दस लाख भर्तियों का अभियान प्रारंभ किया गया। कोरोना जैसी महामारी का हमने डटकर मुकाबला किया और लोगों को इसके मुफ्त टीके लगाए गए। इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना से दस करोड़ परिवारों का पांच लाख रुपए का बीमा भी कराया गया। पूर्वोत्तर में शांति व समृद्धि स्थापित करने के उद्देश्य से कई समझौते किए गए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में जहां भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन किया गया, वहीं दूसरी ओर वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक सहित कई अन्य परियोजनाएं पूरी की गई। राम मन्दिर को लेकर देश में अनेक भ्रांतियां फैलायी गई किन्तु प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार में सभी भ्रांतियां शून्य साबित हुई। इसके अलावा 34 साल पुरानी शिक्षा नीति भी बदली गई और कश्मीर घाटी में घुसपैठ की घटनाओं में भी कमी आई। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में जी-20 सम्मेलन में भारत ने जहां एक ओर अपनी धाक जमाई वहीं, भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में भी सफल रहा। देश में डिजिटल लेन-देन भी बढ़ा और 776 अरब डॉलर का निर्यात भी हुआ। 2014 से पूर्व देश के विकास का इंजन बहुत धीमी गति से चल रहा था परन्तु, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में विकास का यही इंजन आज हर क्षेत्र में तेजी से दौड़ रहा है। 2014 से पूर्व देश में स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं बीमार थी, लेकिन प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज स्वास्थ्य सेवाओं का जिस तरह विस्तार हुआ है, वह पहले संभव नहीं था। 


2014 से पूर्व देश में सड़कों की खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज देश में प्रतिदिन 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। 2014 से पूर्व बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ता था, लेकिन मोदी जी के नेतृत्व में मिशन इन्द्रधनुष योजना के तहत बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है। आज मोदी जी के नेतृत्व में देश का सांस्कृतिक वैभव पुनः वापस लौट रहा है। 2014 से पहले भारत एक पिछलग्गू राष्ट्र की श्रेणी में पहुंच गया था, लेकिन आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत विश्व का एक अग्रणी राष्ट्र बन चुका है।  


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है कि हम उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने की ओर अग्रसर हैं। प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा पाकर हमने भी उत्तराखंड में विगत ढाई वर्षों में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं, जो विगत 23 वर्षों में नहीं लिए गए थे। हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया। हमने देवभूमि में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए। इसके अलावा उत्तराखंड बनने के 23 वर्षों में पहली बार भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई। मातृशक्ति को मजबूत करने के लिए जहां हमने प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की वहीं वर्ष में तीन मुफ्त सिलेंडर रिफिल देने की योजना भी हम लेकर आए। अब हमने देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू कर ये देखा दिया है कि हम जो कहते हैं, वो अवश्य करते हैं। यूसीसी के माध्यम से हमने सभी को समान अधिकार देने का एजेंडा तैयार किया हैं। लेकिन, कई लोग यूसीसी को लेकर भी भ्रांतियां फैला रहे हैं, इस मामले में अब जनता किसी भी प्रकार से फैलाए जा रहे भ्रम से भ्रमित होने वाली नहीं है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको यह संकल्प लेना होगा कि हम 2047 तक विकसित भारत बनाने के यज्ञ में अपने परिश्रम की आहुति प्रदान करेंगे। हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने संकल्प को लेकर चल रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम अपने इस ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को सभी के सहयोग से पूर्ण करने में अवश्य सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों को प्रदान किये उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान

Sahitya gaurav samman by CM Dhami


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा सर्वे चौक स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 10 साहित्यकारों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के साहित्य गौरव सम्मान समारोह में उपस्थित प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से आये साहित्यकारों और भाषा प्रेमियों का स्वागत करते हुए सभी को विश्व मातृभाषा दिवस की भी शुभकामनाएं दी।

 

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान से अपेक्षा की कि वे अपनी साहित्यिक एवम् भाषाई गतिविधियों को व्यापक स्तर प्रदान कर प्रदेश में साहित्य ग्राम बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी करें, इससे प्रदेश में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोलियों व उनमें रचे जा रहे साहित्य को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में है, जहां भाषा और साहित्य की सेवा करने वाली अनेक विभूतियों- सुमित्रानंदन पंत जी, भजन सिंह जी, गोविंद चातक जी, गुमानी पंत जी, शैलेश मटियानी जी, डॉ० पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल जी, मनोहर श्याम जोशी जी, गौरा पंत शिवानी जी, शेखर जोशी जी, लीलाधर जगूड़ी जी, वीरेन डंगवाल जी, गिरीश तिवारी गिर्दा जी और भैरव दत्त धूलिया ने जन्म लिया, जिन्होंने अपनी रचनाओं से उत्तराखण्ड की चिंतन परंपरा को विराट भावभूमि प्रदान की है। इसके अतिरिक्त इलाचंद्र जोशी, ओमप्रकाश वाल्मीकि, सरदार पूर्ण सिंह, प्रसून जोशी, गंगाप्रसाद विमल, शेरजंग गर्ग आदि अनेकों साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में साहित्य के क्षेत्र में छोटे से स्थानों में जन्म लेकर सुमित्रानन्दन पन्त, शैलेश मटियानी, लीलाधर जगूड़ी आदि जैसे महान रचनाकारों ने इसकी चिन्तन परम्परा को विराट भाव भूमि प्रदान की है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान पाने वाले साहित्यकारों में वे साहित्यकार भी शामिल हैं जो अनेक विशिष्ट बोलियों में रचना कर्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी भाषा और बोलियों का सम्मान नहीं करता वह अपनी प्रतिष्ठा गवां देता है। उन्होंने आम लोगों का आह्वान किया कि अपनी भाषा एवम् बोलियों को बचाने और उन्हें बढ़ाने के कार्य में आम लोगों की व्यापक सहभागिता बहुत जरूरी है तथा इस महत्वपूर्ण कार्य को हम सभी को अपने घर से आरम्भ करना होगा तथा विशेष रूप से बच्चों के साथ संवाद करते समय अपनी मातृ भाषा और आम बोलियों का प्रयोग करना होगा।

  

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोक भाषाओं पर विद्वान साहित्यकारों के मध्य विचार-विमर्श किया जाएगा, जिससे हिंदी व अन्य लोक भाषाओं का संरक्षण, विकास और उत्थान हो सके तथा आपके महत्वपूर्ण सुझावों को संस्थान अपनी भविष्य की कार्ययोजना में अवश्य सम्मिलित करेगा।


मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि अपनी स्थापना के बाद से उत्तराखण्ड भाषा संस्थान ने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हिन्दी अकादमी, पंजाबी अकादमी, उर्दू अकादमी और लोक भाषा बोली अकादमी को एक छत के नीचे लाते हुए उत्तराखण्ड भाषा संस्थान को पुर्नगठित किया है तथा भाषा संस्थान की स्वायत्तता को बरकरार रखते हुए इसके विकास के लिए सरकार हर सम्भव कार्य करने को प्रतिबद्ध है।


मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों, भाषाविदों, शोधार्थियों से अनुरोध किया कि वे भाषा संस्थान के साथ मिलकर भाषाई विकास के लिए कार्य करें और इस संस्थान को देश के प्रतिष्ठित संस्थान के तौर पर विकसित करने के लिए मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि इसी के अनुरूप हमारे भाषा संस्थान की पहचान भी पूरे देश में होनी चाहिए।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रो. लक्ष्मण सिंह बटरोही को सुमित्रानन्दन पन्त पुरस्कार, देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पन्त पुरस्कार, श्री गिरीश सुंदरियाल को भजन सिंह ’सिंह’ पुरस्कार, श्री सुरेश मंमगाई को गोविन्द चातक पुरस्कार, श्री प्रेम कुमार साहिल को अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार, श्री के0ए0 खान उर्फ नदीम बरनी को प्रो0 उनवान चिश्ती पुरस्कार, प्रो.शैलेय को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ० सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी पुरस्कार, डॉ० ललित मोहन पंत को डॉ0 पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार तथा श्री गणेश खुगशाल ‘गणी’ को भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार से सम्मानित किया तथा कहा कि आप सभी को सम्मानित कर भाषा संस्थान स्वयं सम्मानित हुआ है। 


उत्तराखण्ड साहित्य गौरव समान समारोह को भाषा मंत्री एवं कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुबोध उनियाल ने सभी सम्मानित साहित्यकारों को हार्दिक बधाई व शुभकामना देते हुये कहा कि हमारे लिये यह गौरव के क्षण हैं तथा किसी भी समाज में साहित्य व कला का महत्वपूर्ण स्थान होता है। 


कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये पूर्व मुख्य सचिव श्री इन्दू कुमार पाण्डेय ने कहा कि वेदों के जो भी मंत्र हैं, उनमें देवता का आह्वान होता है। उन्होंने कहा कि कवि को परिभाषित नहीं किया जा सकता है, वह मंत्र द्रष्टा है। इसी कारण शब्द को ब्रह्म का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में शब्द को ब्रह्म कहा गया है तथा हमारी साहित्य की परम्परा काफी समृद्ध है। 


कार्यक्रम को विधायक श्री खजान दास, निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान सुश्री स्वाति एस0 भदौरिया, डॉ0 सुधा पाण्डे ने भी भाषा संस्थान द्वारा उठाये गये कदमों के सम्बन्ध में विस्तार से प्रकाश डाला। 


इस मौके पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संस्थान की पत्रिका तथा कुमाऊंनी भाषा साहित की पराण नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया। मंच का सफल संचालन हेमन्त बिष्ट ने किया। 


इस अवसर पर सचिव विनोद रतूड़ी, प्रो0 कुमुदिनी नौटियाल, प्रो0 लक्ष्मण, बीना वेंजवाल, प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, नवीन लोहानी, लोक गायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी, श्री हयात सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्य सेवक सदन में आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारिता (मिस्सरवाला) डोईवाला द्वारा ड्रग्स फ्री उत्त्राखण्ड मिशन-2025 के तहत आयोजित ब्लड डोनेशन कैम्प का शुभारम्भ किया। 




मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आह्वान किया कि प्रदेश के युवाओं को नशे से बचाने के साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान के लिये लोगों को प्रेरित करना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान की संज्ञा दी गयी है। यह मानव जीवन से जुड़ा विषय है। 

मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले युवा रक्तदानदाताओं से मुलाकात भी की तथा उनके इस पुनीत कार्य के लिये उनका उत्साहवर्द्धन करते हुये उनकी प्रशंसा की।

इस मौके पर मुख्य मंत्री ने आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारिता संस्था की अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक श्रीमती आशा कोठारी, सचिव श्री हरीश कोठारी के इस पुनीत प्रयास की सराहना की। दून हॉस्पिटल ब्लड बैंक देहरादून से डॉक्टर शशी उप्रेती, डॉक्टर नितेष गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने रक्तदान में सहयोग प्रदान किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वैच्छिक रक्तदानदाता तथा संस्था से जुड़े सैकडो पदाधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रकाश कोठारी, छात्र नेता विनायक नौटियाल, गुरजीत सिंह लाडी, पंकज शर्मा आदि भी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री सम्मेलन में जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी उनके संबंध में विस्तृत चर्चा की तथा इनके क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं  का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक तेज गति से पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं दूरदर्शिता से उत्तराखण्ड के विकास को नई गति दी जा रही है। हम “अंत्योदय एवं गरीब कल्याण“ के संकल्प को सिद्धि की ओर ले जाते हुए उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित करने हेतु सतत क्रियाशील हैं। उन्होंने इस दिशा में सभी से समेकित प्रयासों पर बल दिये जाने का भी आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने किया कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘‘मेरी योजना’’ पुस्तक का विमोचन।*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में कार्यक्रम क्रियान्वयन  विभाग द्वारा तैयार की गई “मेरी योजना“ मेरी योजना मेरा अधिकार अपणि सरकार जनता के द्वारा पुस्तक का विमोचन किया।  इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचंद अग्रवाल, श्री सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री दीपक कुमार के साथ संयुक्त सचिव श्री एन.एस. डुंगरियाल आदि उपस्थिति थे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी योजना पुस्तक से निश्चित ही प्रदेशवासियों को सरकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी मिलेगी उन्होंने कहा कि सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को एक पटल पर रखना अच्छी पहल है। उन्होंने निर्देश दिए की यह पुस्तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं को जानने का अवसर मिल सके। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी योजना पुस्तक को प्रकाशित करने का मुख्य उद्देश्य, पात्र लाभार्थियों को जनकल्याणकारी, स्वरोजगार, रोजगारपरक, कौशल विकास, प्रशिक्षणपरक, निवेशपरक योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल शब्दों में उन तक पहुंचाना  है, जिससे पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके और हमारा उत्तराखण्ड “सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड“ बन सके। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जहां पात्र लाभार्थी को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सहयोग करेगी, वहीं नीति निर्धारणकर्ताओं, शोधकर्ताओं, पाठकों के लिए रूचिकर एवं सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के प्रति भी सजग बनायेगी। 



इस संबंध में सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग श्री दीपक कुमार द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बुधवार को सचिवालय में ‘‘मेरी योजना’’ मेरी योजना मेरा अधिकार अपणी सरकार जनता के द्वार पुस्तक का विमोचन किया गया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा इस पुस्तक के ई-बुक संस्करण का भी विमोचन किया जा चुका है। ‘‘मेरी योजना’’ पुस्तक में राज्य के 55 विभागों एवं सभी विभागों में संचालित 400 से अधिक विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में संपूर्ण जानकारी एवं विवरण दिया गया। उन्होंने बताया पुस्तक की मदद से आम जन तक योजनाओं का प्रचार प्रसार में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा एक ही पुस्तक में सभी विभागों के विवरण से लोगों को योजनाओं का लाभ लेने में सहायता मिलेगी। 


सचिव श्री दीपक कुमार ने बताया कि “मेरी योजना’’ पुस्तक को ग्राम पंचायत से लेकर मा. सांसदों, विधायकों के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि यह पुस्तक ई-बुक के रूप में उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट uk.gov.in  पर भी उपलब्ध है।

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