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 ऊर्जा प्रदेश में बेहतर हो रही बिजली सेवाएं*

*टोल फ्री नंबर पर घर बैठे हो रहा समस्या का समाधान* 

CM Dhami


ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखण्ड में प्रदेश सरकार बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ी सेवाओं को लगातार बेहतर करने के प्रयास में जुटी हुई है। 

 यूपीसीएल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के "सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण" के मंत्र को आधार मान कर उपभोक्ताओं की सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्रीयकृत कॉल सेण्टर के संचालन, उपभोक्ता स्वयं सेवा मोबाइल एप और जगह मेगा कैम्प / शिविरों का आयोजन को शुरुआत की थी। जिसके चलते प्रदेश के दुर्गम गांव में रहने वाले लोगों की समस्याओं का घर बैठे ही समाधान हो रहा है।  

आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यूपीसीएल मुख्यालय स्थित 24X7 केन्द्रीयकृत कॉल सेंटर का नियमित रूप से संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में सेंटर में 105 कस्टमर सर्विस रिप्रजेंटेटिव कार्यरत हैं। इस सेंटर के माध्यम से प्रतिदिन 500 से अधिक उपभोक्ता अपनी विद्युत सम्बन्धित समस्याओं का समाधान पा रहे हैं। इस माह में ही अभी तक कुल 19250 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 10261 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। 

प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी उपभोक्ता सेवा केन्द्रों / राजस्व संग्रहण केन्द्रों पर दिव्यांगजनों, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा व सुगमता के लिये केन्द्रों में सुरक्षित एवं आरामदायक बैठने का स्थान, बिल जमा करने के लिये पृथक लाईन तथा बिजली से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करने हेतु आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।


*यहां दर्ज हो सकती है शिकायत*


शिकायतों का त्वरित समाधान ना होने की स्थिति में उपभोक्ता यूपीसीएल के स्थानीय शिकायत केन्द्रों पर जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही स्वयं सेवा मोबाइल एप, यूपीसीएल की वेबसाइट (www.upcl.org), ई-मेल (customercare@upcl.org) एवं टोल फ्री नं० 1912 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।



बीओसीडब्ल्यू में पंजीकृत श्रमिकों और आश्रितों को सरकार की बड़ी सौगात

-मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बच्चों की फीस भी बोर्ड करेगा वहन

-पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को पॉलिटेक्निक और आईटीआई में मिलेगी नि:शुल्क पढ़ाई

-सभी पंजीकृत श्रमिकों को कल्याण बोर्ड देगा नि:शुल्क ईएसआई की सुविधा


 उत्तराखंड भवन एवं सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) के मार्फ़त सरकार पंजीकृत श्रमिकों और उनके आश्रितों को बड़ी सौगात देनी जा रही है। ऐसे सभी श्रमिकों को सरकार बोर्ड के बजट से ईएसआई (मेडिकल सुविधा) और बच्चों को नि:शुल्क  रोजगारपरक शिक्षा देगी। सरकार यह कार्य पंजीकृत श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रस्तावित योजना से करने जा रही रही है। 


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार उत्तराखंड में निर्माण क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों तथा ई पोर्टल में पंजीकृत श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को बड़ी योजना पर काम कर रही है। योजना के मुताबिक सरकार बोर्ड देहरादून में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को आईटीआई, पॉलिटेक्निक में निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था करने जा रही है। योजना में प्रवेश पाने वाले बच्चों के लिए बोर्डिंग (हॉस्टल की व्यवस्था), यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों, आदि पर खर्च होने वाली धनराशि पूरी तरह बोर्ड वहन करेगा। इन आईटीआई और पॉलिटेक्निक से 3 साल में 75 बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त होगी। इसके अलावा इन बच्चों के हॉस्टल पर होने वाला खर्चा भी बोर्ड उठाएगा। सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को मेडिकल सुरक्षा की ईएसआई जैसी बड़ी सौगात देने का भी निर्णय लिया है। अभी तक श्रमिक इस सुविधा से वंचित थे। सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को किसी तरह की आयु सीमा का बंधन छोड़ सभी को ईएसआई की सुविधा देने की योजना बनाई है। इस पर आने वाला संपूर्ण खर्चा बोर्ड उठाएगा। यह योजना पंजीकृत श्रमिकों की सुरक्षा कवच के रूप में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बोर्ड के अनुसार पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को राजकीय शिक्षण संस्थानों  में डॉक्टरी, इंजीनियरिंग तथा अन्य समकक्ष शिक्षा में प्रवेश होने पर पूरी फीस बोर्ड द्वारा वाहन की जाएगी।

इन श्रमिकों को योजना में करेंगे शामिल


उत्तराखंड में कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिको, के अलावा अंसगठित श्रमिकों, घरेलू,मनरेगा, एसएचजी, कृषि एवं भूमिधर, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी वर्कर्स, नगरीय असंगठित श्रमिकों, ठेला, फेरीवाला, ईट भट्टा, मछुवारों, आदि श्रमिकों को योजना में शामिल किए जाने की योजना है।

प्रधानमंत्री जी के मन की बात, जनजागरण का एक सशक्त माध्यम, लोगों पर इनका अत्यंत सकारात्मक प्रभाव : सीएम पुष्कर सिंह धामी*

Mann ki baat feb 25,2024


*उत्तराखण्ड की कई विभूतियों, पर्यटक स्थलों आदि को भी मन की बात में समय समय पर स्थान मिला: पुष्कर सिंह धामी*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को रायपुर विधान सभा के अन्तर्गत आने वाले हर्षिल एन्क्लेव बूथ नम्बर-4 चाणक्य काॅलेज कैम्पस गुजराड़ा मानसिंह में आयोजित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ’’मन की बात’’ के 110वें एपिसोड को  विशिष्ठ जनों व एकत्रित जन-समूह के साथ पूरे मनोयोग से प्रधानमंत्री के मन की बात को सुना।


मन की बात कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक बार पुनः प्रधानमंत्री जी ने अपने ओजस्वी विचारों से देशवासियों के हृदय को छूने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मन की बात में अलग-अलग प्रकार व अनेक विषयों को रखा है।  18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने ’’मेरा पहला वोट देश के लिये’’ की बात कही है। निश्चित रूप से इससे नए मतदाता प्रोत्साहित होंगे। मुख्यमंत्री ने  कहा कि आज हम सभी एक ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बने, जिसका नाम तो ‘मन की बात’ है लेकिन यह सही अर्थों में जन-जन की बात, देश के गौरव की बात, मां भारती के यशगान की बात तथा भारत के सम्मान की बात है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिन भी विषयों को इस कार्यक्रम में शामिल किया वे सभी जनजागरण का एक सशक्त माध्यम बने और नागरिकों पर इनका अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारे उत्तराखण्ड की कई विभूतियों, पर्यटक स्थलों आदि को भी मन की बात में समय समय पर स्थान मिला, जिसके परिणामस्वरूप हमारे लोक संगीत और हमारी लोक संस्कृति से पूरे विश्व के लोग परिचित हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों का भरोसा जीता है। उन्होंने कहा कि भरोसा एक ऐसी चीज है, जो अपने आप नहीं आता, इसे कमाना पड़ता है और मोदी जी ने लोगों का ये भरोसा कमाया है तथा उसी भरोसे का प्रतिफल है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार हर क्षेत्र में लगातार बेहतर कार्य कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सर्वांगीण और समावेशी विकास हुआ है। आज देश के अन्दर 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की गयी है, दिव्यांग जनों को सशक्त बनाया गया, लगभग 50 करोड़ जनधन खाते खोले गए, प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत लगभग चार करोड़ आवास बनाए गए, लगभग नौ करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचाया गया है, किसान सम्मान निधि के रूप में हर वर्ष किसानों को छह हजार रुपये दिए जाने के साथ ही फसल बीमा योजना का भी लाभ दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 12 करोड़ इज्जत घर बनाए गए तथा दस करोड़ से भी ज्यादा उज्ज्वला कनेक्शन दिए गए। युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के क्रम में रोजगार मेला लगाकर दस लाख भर्तियों का अभियान प्रारंभ किया गया तथा कोरोना जैसी महामारी का हमने डटकर मुकाबला किया और लोगों को इसके मुफ्त टीके लगाने के साथ कई देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई गयी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक ओर जहां भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन किया गया, वहीं दूसरी ओर वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक सहित कई अन्य परियोजनाएं पूरी की गई। उन्होंने कहा कि तीन तलाक और अनुच्छेद 370 की समाप्ति कानून बनने से तीन तलाक के मामलों में काफी कमी आई। इसके अलावा नई शिक्षा नीति भी लागू की गयी। 


 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं सभी को समान अधिकार देने के लिए हमने  समान नागरिक संहिता विधेयक पारित किया।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से हम सभी को पता चला कि यह देश न जानें कितनी ही विशिष्ट प्रतिभाओं से भरा हुआ है और असंख्य लोग अपने-अपने स्तर पर इस देश को निरन्तर महान बनाने में किस प्रकार जुटे हुए हैं, जिससे हम सभी को कुछ नया सीखने और समझने का मौका मिलता है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि प्रधानमंत्री जी ने सफलता के जो मंत्र ’’मन की बात’’ कार्यक्रम में उल्लेख किये हैं, उन्हें आप सभी अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।

इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, श्री सुरेश गड़िया, श्री विनय रोहिला, श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, श्री शशि सिंह, श्री प्रशान्त डोबाल, श्री तरूण धीमान, श्री आकाश, श्री सौरभ थपलियाल, सुश्री शिवानी बंसल, शशांक गोसाईं, संजीव मल्होत्रा, सचिन बंसल, श्री देवेन्द्र पाल मोण्टी, श्री किशन सिंह नेगी, श्री उमेश अग्रवाल, श्री शिव सिंह बिष्ट, श्री अनूज चैधरी, वरिष्ठ नागरिक, ग्राम प्रधान, क्षेत्रवासी, श्रोतागण सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

.मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघों के निर्वाचित पदाधिकारियों को दिलाई शपथ।*


*दुग्ध उत्पादन में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाना हमारा लक्ष्य।*


*नव नियुक्त पदाधिकारी दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही पशुपालकों की समृद्धि का लें संकल्प - मुख्यमंत्री*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 7 जनपदों अल्मोडा, चम्पावत, पिथौरागढ, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, चमोली एवं पौड़ी के  दुग्ध उत्पादन समिति के नवनियुक्त पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि सभी पदाधिकारी मिलकर उत्तराखंड में न सिर्फ दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे बल्कि हमारे प्रदेश के गांवों में रहने वाले किसानों और दुग्ध उत्पादकों की समृद्धि भी सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा भी मौजूद थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और पशुपालकों की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये संकल्पित हैं। उनके कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी किसानों और पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों से दूध खरीदने, गोवर्धन योजना के तहत गोबर की खरीद करने अथवा पशुपालन से जुड़े नवाचार को सुदूर अंतिम छोर पर रहने वाले किसानों एवं पशुपालकों तक पहुंचाने का कार्य हो, उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन द्वारा इसमें सराहनीय प्रयास किये जा रहे है। इसी का प्रतिफल है कि उत्तराखंड दुग्ध उत्पादन की दिशा में  तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह हमारे किसानों को समृद्ध, सशक्त और आत्म निभगर बनाने को भी सार्थक प्रयास है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे मेहनती पशुपालकों एवं किसानों की मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि प्रदेश में जहां वर्ष 2020-21 में रोजाना लगभग एक लाख नब्बे हजार लीटर दूध का उत्पादन होता था, वहीं वर्ष 2023-24 में रोजाना लगभग दो लाख अट्ठारह हजार लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन हो रहा है यह एक सकारात्मक बढ़ोत्तरी है। अब यदि अगर हम नए नजरिए से नवाचारों पर काम करें तो इस बढ़ोत्तरी के रेशियो को और भी अधिक बढ़ाया जा सकता है।

  

उन्होंने कहा कि वर्तमान में नैनीताल जिला सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन कर रहा है अब इस पर भी शोध होना चाहिए कि आखिर नैनीताल के किसान और दुग्ध उत्पादक ऐसा क्या कर रहे हैं जिससे उनका उत्पादन अधिक है। वो किस नस्ल की गाय भैंस पाल रहे हैं, उन्हें किस तरह का चारा दे रहे हैं और किस माहौल में रख रहे हैं, उसे समझ कर अगर उसे अन्य जिलों, जहां की दुग्ध उत्पादन क्षमता कम है वहां के किसानों को भी समझाया जाए तो निश्चित तौर पर वहां भी दुग्ध उत्पादन में वृद्धि देखने को मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गायों की नस्ल सुधारने की दिशा में भी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में चंपावत में पशु फार्म की स्थापना इसी दृष्टिकोण के साथ की है कि दुधारू पशुओं की नस्ल में सुधार हो और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़े। हमारी देशी नस्ल ‘बद्री गाय’ जिसके दूध देने की क्षमता काफी कम हो गई थी उसकी नस्ल में सुधार करने के बाद बद्री गाय के दूध देने की क्षमता में दोगुनी वृद्धि हुई है। यही नहीं आंकड़ें बताते हैं कि राज्य के लगभग 8.5 लाख किसान परिवार पशुपालन से जुड़े हैं, जिनकी आजीविका गाय व भैंस के पालन से चलती है। इसके अलावा दो लाख परिवार छोटे पशु जैसे भेड़, बकरी आदि का व्यवसाय कर रहे हैं। अब हमें इन 10 लाख परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित करनी है।

  

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान के साथ ही पशुपालन से जुड़े परिवारों की समृद्धि और पशुओं को अच्छा स्वास्थ्य मिले इस दिशा में भी कार्य कर रही है। जब कोई पशु बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल ले जाने की स्थिति में पशुपालकों पर काफी खर्च बढ़ जाता है इसलिए 108 की तर्ज पर पशु पालन विभाग के तहत पशुओं की एम्बुलेंस की भी शुरूआत की गई, अब तक  चार हजार से ज्यादा कॉल्स इस सेवा के माध्यम से प्राप्त हुई हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे चिन्तन में सदैव किसान एवं पशुपालक आदि रहे है। दुग्ध उत्पादन में हमें अग्रणी राज्य बनाना है। इसके लिए हम सबको प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड हम सबका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है हम इस दिशा में प्रयासरत रहते हुए सशक्त उत्तराखण्ड का संदेश देश व दुनिया तक पहुंचाने के लिये प्रयत्नशील है। इस दिशा में देवभूमि के स्वरूप को बनाये रखने के लिये प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की गई है। यही नहीं सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त कार्यवाही का संदेश भी दिया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको अपने सामूहिक प्रयासों से विकास के मानदण्डों पर चलकर हर चुनौती का समाना कर आगे बढना है, तभी हम अपने संकल्पों को सिद्धि में बदलने में भी सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हम सबके विचारों से मिलने वाला अमृत निश्चित रूप से राज्य के साथ सभी के लिये कल्याणकारी होगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में पशुपालकों एवं पशुओं की दोनों की बेहतरी की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी नवनियुक्त पदाधिकारी आगे भी प्रदेश के पशुपालकों की समृद्धि सुनिश्चित करते हुए प्रदेश की समृद्धि हेतु संकल्पित होकर मजबूती से काम करते रहेंगे।


*चार धाम यात्रा मार्गों पर की जायेगी आंचल कैफे की शुरूआत- दुग्ध विकास मंत्री*


इस अवसर पर पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिये उन्हें दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की पेंडेंसी के प्रकरण को सुलझाने के साथ ही उन्हें एडवांस धनराशि भी दी है। उन्होंने कहा कि पहले दूध के मूल्य में औसत वृद्धि सवा रुपये होती थी लेकिन अब मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पशुपालकों को फायदा पहुंचाने के लिये उसमें 8 से 10 रुपये की वृद्धि की गयी। प्रदेश में पहली बार 50 प्रतिशत की सब्सिडी भूसे पर दी गयी। साइलेज के लिये भी सब्सिडी 25 प्रतिशत बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत की गई जो कि डीबीटी के माध्यम से शीघ्र मिल जाती है।

  

कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि हमने बिचौलियों को खत्म कर सीधे किसानों से भूसा खरीदा, उन्होंने कहा कि 650 से 850 रूपये तक में 800 मीट्रिक टन भूसा सीधे किसानों से खरीदा गया जिससे किसानों को उचित दाम मिला और पशुपालकों को सशक्त करने की दिशा में हमारे विभाग ने बहुत बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि सरकार जो भी प्रोक्योरमेंट करे वह सीधे किसानों से हो, किसानों को लाभ पहुचाना हमारा ध्येय है।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अंतर्गत प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने मार्केटिंग व ब्रांडिंग की कार्ययोजना पर कार्य किया है। अब फेडरेशन का टर्नओवर 33 करोड़ से बढ़कर 65 करोड़ हो गया है। उत्पादकों को और लाभ पहुंचाने के लिये चार धाम यात्रा मार्गों पर आंचल कैफे की शुरूआत की जायेगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में आंचल का शहद भी लांच किया जायेगा।


पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने सभी नव निर्वचित सदस्यों एवं अध्यक्षों को शुभकामना देते हुए कहा कि कि प्रदेश के किसानों, डेरी फेडरेशन, पशुपालकों एवं दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने और उन्हें आत्म निर्भर करने की दिशा में कार्य करने का दायित्व उनके ऊपर है। मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारे किसान खुशहाल होंगे और आंचल ब्रांड आगे बढ़ेगा।

  

इस अवसर पर यूसीडीएफ के प्रशासक श्री मुकेश बोरा ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों के साथ अन्य जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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