त्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस के कुछ तीखे सवाल
प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश
कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल
इनवेस्टर समिट को लेकर पत्रकार वार्ता कर भाजपा सरकार को घेरा।
माहरा ने पण्डित नारायण दत्त तिवारी का कार्यकाल याद दिलाते हुए कहा कि सन् 2000 में जब राज्य का गठन हुआ तो राज्य पूरी तरह से उद्योग विहीन था।
ऐसे में बिना आडम्बर और इनवेस्टर समिट जैसे खर्चीले आयोजन कर पं0 तिवारी ने राज्य में जबरदस्त निवेश की नींव रखते हुए। 2 सिडकुलों की स्थापना की जो आज भी राज्य की रीड बने हुए हैं। नवंबर 2000 में जब राज्य का गठन हुआ, तब नारायण दत्त तिवारी को कमान मिली ,तो लगभग 2000 छोटे बड़े उद्योग स्थापित किए गए, बिना किसी इन्वेस्टमेंट मीट किए उन्होंने सिडकुल की स्थापन की ओर 2003 में अच्छा आर्थिक पैकेज मिला जिससे बड़े स्तर पर लाभ हुआ।
वर्ष 2006 में यूपीए की सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम पारित किया गया, जिसके माध्यम से एम0एस0एम0ई0 का सर्वागिंण विकास हो सके। 2015 में राज्य की हरीश रावत सरकार द्वारा एमएसएमई नीति के तहत सूक्ष्म व लघु विनिर्माण उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि की उचित दरों पर व्यवस्था हेतु भूमि बैंक तथा नये औद्योगिक संस्थानों की स्थापना का प्रावधान किया गया।
माहरा ने
कहा कि
कांग्रेस सरकार की तुलना में भाजपा सरकारों में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार
में लगातार गिरावट देखी गयी। माहरा ने कहा कि आज पहाड़ में कृषि एवं
बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है, वहीं औद्योगिक
क्षेत्रों में जल निकासी और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नाकाफी है। औद्योगिक
निवेश के क्षेत्र में राज्य के कुछ जनपद बिलकुल अछुते हैं।
माहरा ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर राज्य की धामी सरकार से कुछ नुकीले सवाल किए।
1.
मैकेन्जी ग्रुप जो एक ब्लैक लिस्टेड कम्पनी है उसे 2 लाख 50 हजार रूपये
प्रतिदिन किस मद से दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा दिसम्बर 2022 में
एक अमेरिकन कम्पनी मैकेन्जी ग्रुप के साथ इस तहत अनुबन्ध किया गया था कि वह
राज्य की जीडीपी में बड़ा सुधार करेगी एवं राज्य सरकार को कर्ज मुक्त करने
की तरफ कदम बढाएगी। माहरा ने पूछ कि सालाना 80करोड़ रूपये देकर जो कम्पनी
हायर की गयी आज लगभग एक साल बीत जाने के बाद राज्य उससे कितना लाभान्वित
हुआ?
2. पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के शासन में बिना इन्वेस्टर्स
मीट के प्रदेशभर में सिडकुल के तहत देहरादून के सेलाकुई, हरिद्वार के
रोशनाबाद, पथरी, भगवानपुर, उधमसिंह नगर के रुद्रपुर, सितारगंज आदि
क्षेत्रों में छोटे-बडे 2000 उद्योग स्थापित किये गये। सरकार बताये कि
उनमें से कितने अब तक पलायन कर गये?
3. पंडित नारायण दत्त तिवारी जी
के शासन में स्थानीय बेरोजगारों के लिए स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत
आरक्षण की व्यवस्था की गई थी जिसे भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया है। इसके
विपरीत एम्स जैसे संस्थानों में दूसरे प्रदेशों के लोगों को रोजगार देकर
स्थानीय बेरोजगारों के हक पर डाका क्यों डाला जा रहा है?
4. भाजपा
सरकार द्वारा 2018 में कराये गये इन्वेस्टर्स सम्मिट में 125 हजार करोड़ के
इन्वेस्ट का दावा किया गया था। उनमें से कितने धरातल पर उतर पाये? राज्य
सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई से 7 लाख को रोजगार देने के बडे-बडे होर्डिंग
बोर्ड लगाए थे, कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला?
5. जो उद्योग
पूर्व से स्थापित हैं तथा उनके कार्यालय दिल्ली, मुम्बई, गाजियाबाद, नोएडा,
गुड़गांव में हैं, उनसे एमओयू लंदन में क्यों हो रहे हैं?
6. 24
घंटे बिजली आपूर्ति का दावा करने तथा विद्युत उत्पादक राज्य होने के बावजूद
ऊर्जा प्रदेश में बिजली की आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है और विद्युत
किमते भी कई राज्यों से अधिक हैं।
7. आपदा प्रबन्धन विभाग के
सरकारी आंकडों के अनुसार राज्य में इसी वर्ष बरसात के मौसम में राज्य की
400 से ज्यादा सड़के तीन महीने से भी अधिक समय तक बाधित रही ऐसे में पर्वतीय
अंचलों में निवेश कैसे पहुॅचेगा?
8.
कांग्रेस की सरकारों में किसी भी बाहरी उद्योग घराने से अनुबन्ध के समय यह
करार होता था कि जिस भी प्रयोजन से भूमि आवंटित कराई जाएगी, वह उसी के तहत
इस्तेमाल की जाएगी वरना भूमि राज्य सरकार में निहित हो जाएगी। परन्तु
भाजपा की सरकार ने आत्मघाती निर्णय लेते हुए उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने
हेतु इस नियम को दरकिनार कर दिया और यह प्रावधान समाप्त कर दिया।
यानि
अब भूमि यदि दवाई की फैक्ट्री डालने के लिए ली जाएगी तो भी बिना औपचारिकता
के उस भूमि पर होटल या रिसोर्ट खोला जा सकता है। बानगी के तौर पर भाजपा के
पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य द्वारा भूमि कैन्डी के फैक्ट्री डालने के लिए
आवंटित करायी गयी, परन्तु उसने रिजोर्ट खोल अंकिता भण्डारी जैसे विभत्स
प्रकरणों को अंजाम दिया गया।
माहरा ने राज्य सरकार को घेरते हुए
कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 10हजार बेरोजगारों को स्वरोजगार
हेतु 50हजार का ऋण देने की बात कही गयी थी परन्तु फरवरी 2023 तक मात्र
20896 बेरोजगार युवाओं को यह ऋण उपलब्ध कराया जा सका है। माहरा ने कहा कि
एक तरफ राज्य सरकार स्वरोजगार कर रहे लोगों को प्रोत्साहित करने की बात
करती है, वहीं दुसरी और देहरादून में प्रस्तावित इंन्वेस्टर मीट के मध्यनजर
गरीब और छोटे व्यापारियों की कमर तोडने का काम किया गया है। सड़कों से
रेडी, ठेली, समोसे, चाय, छोले कुलचे, मटके, गमले, दिए, बेचकर अपना परिवार
बमुश्किल पालने वालों के पेट पर लात मारते हुए उन्हें टाट का पेबन्ध समझकर
जबरन हटवा दिया गया है, इन्वेस्टमेंट समिट के नाम पर छोटे उद्योगों के साथ
कुठारा घात हो रहा है।
माहरा ने कहा कि देहरादून की सड़कों पर चारों ओर
देश के महापुरूषों एवं इतिहास पुरूषों के चित्र उकेरे जा रहे हैं ऐसे में
देश को संविधान जैसा अतुलनीय ग्रन्थ देने वाले बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर
जी, देश की आजादी और नवनिर्माण में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले
मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और इंन्दिरा गांधी की अनदेखी की गयी हैं।
माहरा ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा विपक्षी नेताओं के प्रति इसी
र्दुभावना से ही उनका चरित्र पता लगता है
माहरा ने कहा कि इन्वेस्टमेंट समिट सरकार की नाकामियों को छुपाने का प्रयास है।
पत्रकार
वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रशासन मथुरादत्त जोशी, मुख्य
प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, महामंत्री नवीन
जोशी, महानगर अध्यक्ष डॉ0 जसविंदर गोगी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट
एवं आशीष नौटियाल उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें