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सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के कारण फँसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू अभियान युद्वस्तर पर जारी है।  


एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के आ रहे हैं जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।


इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा। 


आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी। 


अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है।


रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था


नॉर्वे की एन जी आई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके


भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं




 पाइप पुशिंग कर एस्केप टनल बनाने के लिए टनल में ऑगर ड्रिलिंग मशीन की स्थापना का कार्य पूरा करने के बाद मलबे के आर पार 900 एमएम व्यास के एमएस पाइप डालने की कार्रवाई जल्द शुरू होने की उम्मीद है। 


 तकनीकी विशेषज्ञ और इंजीनियरों की टीम पाइप पुशिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मौके पर  है। उत्तराखंड पेयजल निगम के जीएम एवं ड्रिलिंग व बोरिंग के विशेषज्ञ दीपक मालिक इस अभियान के तकनीकी पक्ष और ड्रिलिंग प्रक्रिया की अगुवाई कर रहे हैं। 

जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, एसडीएम डुंडा बृजेश कुमार तिवारी, एसडीएम बड़कोट मुकेश चंद रमोला सहित कई अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद है और रेस्क्यू अभियान में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

  आज क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल और भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री स्वराज विद्वान ने घटनास्थल का दौरा कर रेस्क्यू अभियान के बारे में मालूमात करते हुए पेशकश की कि रेस्क्यू अभियान में स्थानीय लोग हर तरह का सहयोग देने हेतु सदैव तैयार हैं।


 इस बीच जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रेम पोखरियाल के साथ टनल के अंदर जाकर पाइप के जरिए मजदूरों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया। डॉ. पोखरियाल ने मजदूरों से उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली और स्वास्थ्य सम्बधित कुछ हिदायतें दी। सभी मजदूर सुरक्षित और सही स्थिति में बताए गए हैं। मजदूरों के लिए पाइप के जरिये खादय सामग्री भी भिजवाई गई है। टनल में फंसे मजदूरों की कुशलक्षेम जानने के लिए घटनास्थल पर पहुँचे अनेक परिजनों को प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों ने ढांढस बंधाते हुए भरोसा दिलाया कि सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।अधिकारियों ने रेस्क्यू के प्रयासों की जानकारी देते हुए कुछ परिजनों की पाइप लाइन के जरिए फंसे मजदूरों से बात भी करवाई।


शासन के द्वारा सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञों के इस दल यूएसडीएमए देहरादून के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. खइंग शिंग ल्युरई, जीएसआई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की कौशिल पंडित, उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग जी.डी प्रसाद और  भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून तनड्रिला सरकार शामिल हैं।


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