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 उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2023

Uttarakhand chardhaam yatra 2023


दर्शनार्थियों /तीर्थयात्रियों की संख्या

1-श्री बदरीनाथ धाम 

• 1 नवंबर  को पहुंचे तीर्थयात्री 6250

कपाट खुलने की तिथि    27 अप्रैल से   1नवंबर रात्रि तक -1720514


कपाट बंद की तिथि-  शनिवार 18 नवंबर


2- श्री केदारनाथ धाम

1 नवंबर को पहुंचे  तीर्थयात्रियों की संख्या 9228

 कपाट खुलने की तिथि 25 अप्रैल से  1नवंबर तक कुल तीर्थयात्री 1898161


(हेलीकॉप्टर से 129872 तीर्थयात्री भी शामिल)


कपाट बंद की तिथि-  बुधवार 15 नवंबर भैया दूज


 3-श्री गंगोत्री धाम

1नवंबर को पहुंचे तीर्थयात्री 2586

कपाट खुलने की तिथि 22 अप्रैल  से   1 नवंबर तक 890441


• कपाट बंद की तिथि- मंगलवार  14 नवंबर अन्नकूट


4-श्री यमुनोत्री धाम

 1 नवंबर को पहुंचे तीर्थ यात्री -2586

कपाट खुलने की तिथि  22 अप्रैल से 1 नवंबर  तक 727359


• कपाट बंद तिथि- बुद्धवार 15 नवंबर भैया दूज


  • 1 नवंबर तक  श्री बदरीनाथ- केदारनाथ पहुंचनेवाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग 3618675


•  1 नवंबर तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 1613991


31अक्टूबर  शाम तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 5217177



•चारधाम यात्रा विशेष-

• चारों धामों में मौसम सर्द हुआ।

• चारधाम यात्रा मार्ग बारिश बर्फवारी के बावजूद सुचारू हैं,

निरंतर चल रही चारधाम यात्रा।


श्री हेमकुंट साहिब- लोकपाल  तीर्थ के  कपाट   20 मई को  खुले तथा बीते  बुद्धवार 11 अक्टूबर 2023 को दोपहर 1 बजे बंद हो गये है।  उत्तराखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 177463 से अधिक श्रद्धालु श्री हेमकुंट लोकपाल तीर्थ दर्शनों के लिए पहुंचे।  जबकि हेमकुंट ट्रस्ट द्वारा यात्रियों की संख्या 262351 बतायी गयी है।


• चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट  शनिवार  20 मई को खुले, यात्रा चल रही। बुधवार 18 अक्टूबर  प्रात: 8 बजे   कपाट बंद हो गये हैं। विग्रह मूर्ति 20 अक्टूबर को  गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर पहुंच  गयी।


•   द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट सोमवार 22 मई को श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु खुले। 22 नवंबर को कपाट शीतकाल हेतु बंद होंगे

 अभी तक 12 हजार से अधिक  तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।

यात्रा गतिमान है।


• तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट  26 अप्रैल को खुलने के बाद यात्रा निरंतर चली। कपाट बंद होने  तक   एक लाख छत्तीस हजार  से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।

1 नवंबर बुद्धवार को पूर्वाह्न 11 बजे शीतकाल हेतु कपाट बंद हो गए।


 

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