कर्णप्रयाग:
डा.शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग के युवा पर्यटन क्लब की गतिविधियों के अंतर्गत शुक्रवार को कालेज स्टाफ बैनिताल पहुंचा।
जनपद चमोली में कर्णप्रयाग मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की सड़क दूरी पर समुद्र तल से 8000 फीट की उचाईं पर स्थित बैनिताल अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में फैले घास के मैदान, जिसे स्थानीय भाषा में बुग्याल कहा जाता है,यहां का विशेष आकर्षण है। हिमालयी पर्वत श्रृंखला के नयनाभिराम दृश्य यहां आने वालों का मन मोह लेते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.के.एल.तलवाड़ का मानना है कि यदि यहां पहुंचने वाले सैनानी पर्यावरणीय संरक्षण का पालन करें तो इसकी प्राकृतिक सुंदरता बरकरार रहेगी। डा.वाई.सी.नैनवाल, डा.के.के.द्विवेदी, डा.हरीश बहुगुणा व डा.विजय कुमार ने बैनिताल का शैक्षणिक भ्रमण कर यह निष्कर्ष निकाला कि यह स्थल औषधीय वृक्षों,जड़ी बूटियों और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण उतराखंड की धरोहर है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के तहत यह फिल्म निर्माता-निर्देशकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी हो सकता है। पर्यटन बढ़ने से होम स्टे के साथ-साथ युवाओं के स्वरोजगार के अनेक अवसर सृजित हो सकते हैं। चारों ओर के खुलेपन के कारण बैनिताल एक "एस्ट्रो विलेज" के रूप में विकसित हो सकता है।
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