देहरादून:
रिलाइंस ज्वैलरी शोरूम , देहरादून में हुई घटना में दून पुलिस द्वारा 02 अभियुक्तों प्रिंस कुमार पुत्र शिवनाथ सिंह, निवासी ग्राम पानापुर दिलावरपुर, थाना बिद्दूपुर जिला वैशाली बिहार तथा विक्रम कुशवाहा पुत्र राम प्रवेश सिंह निवासी ग्राम पानापुर , दिलावरपुर जिला वैशाली, बिहार को चिन्हित किया गया है, दोनों वांछित एक ही गांव के है।
इससे पहले पुलिस ने राजपुर रोड पर रिलायंस के ज्वैलरी स्टोर में डकैती के मामले में दून पुलिस ने बिहार में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।
उन पर षड्यंत्र में शामिल होने, बदमाशों को फंडिंग और जरूरी चीजें उपलब्ध कराने का आरोप है। पुलिस ने बिहार स्थित गैंग के हाइड आउट कंट्रोल रूम पर भी छापा मारा। यहां से घटना में शामिल अभियुक्तों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने बिहार से दो संदिग्ध अमृत और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में दून की घटना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने बदमाशों को फंडिंग के साथ ही मोबाइल, हथियार आदि मुहैया कराए। दोनों वारदात के दिन बदमाशों के संपर्क में थे।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस की अलग-अलग टीमें मध्यप्रदेश और बिहार में ताबड़तोड़ दबिश दे रहीं हैं।
बिहार के वैशाली में पुलिस को आरोपियों के ऑपरेशन सीक्रेट हाइड आउट हाउस की जानकारी मिली थी।
इसे गैंग की ओर से हाइड आउट कंट्रोल रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। गैंग द्वारा देहरादून में डकैती के लिए आए बदमाशों को यहीं से कंट्रोल किया जा रहा था। किसी भी घटना से पहले बदमाश यहीं एकत्रित होते थे।
दून के ज्वैलरी शोरूम में सुबोध गैंग ने डाला था डाका
दून में राजपुर रोड स्थित रिलायंस कंपनी के ज्वैलरी शोरूम में सुबोध गैंग ने डाका डाला था।
इसका सरगना सुबोध बिहार की जेल से गैंग चला रहा था। बिहार में दबिश के दौरान पकड़े गए दो संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी।
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दून में हुई डकैती के तार विभिन्न शहरों में हुई लूट-डकैती के आरोपियों से जुड़े हैं।
उन्होंने बताया कि कटनी, लातूर, सांगली में इसी तरह वारदात की जांच में पता चला कि देहरादून में शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया।
एक संदिग्ध पवन ने पूछताछ में बताया कि सुबोध गैंग के सक्रिय लोगों ने ही दून में डकैती की। सुबोध जेल के अंदर से गैंग चला रहा था, साथ ही यहीं से आरोपियों के खातों में रकम डाली जाती थी। इन आरोपियों के खातों में ट्रांजेक्शन पाया गया।
दून में डकैती से पूर्व बदमाश हरिद्वार में रुके थे। एसएसपी ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपी कपड़े खरीदने नजीबाबाद गए थे। नजीबाबाद पुलिस को इसके साक्ष्य मिले हैं।
पोर्टेबल सिग्नल जैमर का किया इस्तेमाल
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि लूट-डकैती के दौरान पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते थे, ताकि मौके पर सेंसर ट्रिगर नहीं हो सके और न ही कोई फोन कॉल कर सके।
मध्यप्रदेश के कटनी और पश्चिम बंगाल के सांगली की वारदात में बदमाशों ने ऐसा ही किया था। इसके अलावा आरोपी वर्चुअल फोन का इस्तेमाल करते थे, ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सके।
पुलिस के हाथ इस मामले में कई अहम सुराग लगे हैं। टीमें खुलासे के बेहद करीब हैं। जल्दी ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
-अजय सिंह, एसएसपी-देहरादून
फर्जी आईडी से सिम कार्ड और ऑनलाइन खरीदते थे वाहन
इस गैंग के बदमाश किसी भी वारदात में या तो चोरी के वाहनों का इस्तेमाल करते थे या फिर ओएलएक्स से वाहन खरीदते थे। दून की डकैती में बदमाशों ने चोरी के वाहनों का इस्तेमाल किया। जबकि लातूर और कटनी में बदमाशों ने ओएलएक्स से फर्जी आईडी पर वाहन खरीद लिए थे। वारदात के दौरान बदमाश पश्चिम बंगाल और बिहार की फर्जी आईडी वाले सिम प्रयोग करते थे, जिन्हें डकैती के बाद नष्ट कर दिया जाता था।
दून में डकैती के बाद सीएम ने अपनाया था सख्त रुख
पिछले दिनों राज्य स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के दून आगमन के दौरान शोरूम में दिनदहाड़े डकैती पड़ी थी।
राष्ट्रपति की रवानगी के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे प्रकरण में पुलिस के अफसरों से कड़ी नाराजगी जताई थी।
डीजीपी और एसएसपी को तलब भी कर लिया था। उन्होंने साफ कहा था कि इसकी जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने पुलिस को जल्द खुलासे के निर्देश दिए थे।
उधर, कांग्रेस समेत तमाम संगठनों ने इस मामले में कानून व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे।
बता दें कि नौ नवंबर को दून स्थित राजपुर रोड पर रिलायंस कंपनी का ज्वेलरी शोरूम खुलते ही उसमें चार बदमाश अंदर घुस आए थे। बदमाश यहां मौजूद कर्मचारियों को पिस्टलों के बल पर बंधक बनाकर अंदर से करीब 14 करोड़ रुपये से अधिक के गहने लूट ले गए थे।
बीती आठ नवंबर को यमुनानगर के ज्वैलरी शॉप पर सुबोध गैंग के ही पांच बदमाशों ने लूट की कोशिशकी थी। लेकिन, लोगों की समझदारी से बदमाशों के मंसूबे पूरे नहीं हो सके और एक आरोपी पवन को हथियार सहित पकड़ पुलिस को सौंप दिया गया था। पवन गैंग का सदस्य है।
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