डीजी बीआरओ हरपाल सिंह का बयान आया है कि आगर मशीन निकाल ली गयी है। सुरंग से डैमेज पाइप निकाला जा रहा है।
पाइप निकले जाने के बाद सफाई का कार्य शुरू किया जाएगा ।
फिलहाल वर्टीकल ड्रिलिंग 31 मीटर हुई है जिसमे 8 इंच का पाइप 78 मीटर तक डाल दिया गया है।कार्य जारी है।
मैन्युअल कार्य शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है। जिसमे 3 मजदूर एक साथ कार्य करेंगे।पहला ड्रिलिंग करेगा, दूसरा मलबा हटायेगा, तीसरा इसे बाहर फेंकेगा।
कल , 26 नवम्बर अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में कई प्लानिंग पर एक साथ कार्य चल रहा है। जिसके तहत वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य आज शुरू कर लिया गया है। अब तक 15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की गई है।
RVNL द्वारा भी परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए सभी मशीनें पहुंच चुकी हैं। परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग हेतु कंक्रीट बेड बनाए जाने का कार्य जारी है।
अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि ड्रिफ्ट टनल बनाने के विकल्प पर भी कार्य शुरू किया गया है। ड्रिफ्ट टनल का डिजाइन तय कर फ्रेम के फेब्रिकेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। THDC ने भी बड़कोट साइड से टनल का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसमें अब तक 4 ब्लास्ट कर 10 मीटर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ब्लास्टिंग में विशेष सावधानी बरती जा रही हैं।
सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में रविवार को अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग की गई।
सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य जारी है। इसके लिए लेजर कटर एवं प्लाज्मा कटर को भी मंगाया गया है। जो की सिलक्यारा पहुंच चुका है। उन्होंने बताया अब 13 मीटर के हिस्से को निकाला जाना बाकी है।
सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर बिट को निकाले जाने के उपरांत आगे की माइनिंग का कार्य मैन्युअल रूप से किया जाएगा। जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया अंदर फंसे सभी श्रमिक सकुशल हैं। सभी श्रमिक हिम्मत बनाए हुए हैं। श्रमिकों से संवाद हेतु बीएसएनएल की मदद से अतिरिक्त कम्युनिकेशन सेटअप तैयार किया गया है। श्रमिकों को पर्याप्त मात्रा में भोजन, एवं अन्य आवश्यक सामग्री मौजूद है। फंसे श्रमिकों का निरंतर डॉक्टरो से संवाद करवाया जा रहा है। साथ ही मनोचिकित्सकों से भी निरंतर परामर्श करवाया जा रहा है।
इस दौरान महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।
ऑगर मशीन के पाइप में फंसे हिस्से (साफ्ट व फिन्स) को निकालने के लिए प्लाजमा, लेजर व गैस कटर के जरिये की जा रही कटिंग
ऑगर मशीन को काटने हेतु सिलक्यारा लाया गया प्लाज्मा कटर और लेजर कटर।
देर रात देहरादून से देहरादून, टिहरी एवं उत्तरकाशी पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सिलक्यारा पहुंचाया गया प्लाज्मा कटर एवं लेजर कटर।
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