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 देहरादून:

 

 



आज उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड सरकार लगातार रिवर्स माइग्रेसन के दावे कर रही है, सरकार के यह दावे धरातल पर दम तोडते हुए नज़र आ रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण उद्यान विभाग की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और पीएम स्वनिधि योजना में सरकार की उदासीनता के कारण प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के सपने चूर हो रहे हैं। 

जिस कारण युवा पलायन के लिए मजबूर है, सरकार के दावे हैं कि प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन हकीकत यह है कि उद्यान विभाग ने 2022-23 में नाबार्ड से 17हजार पॉली हाउस के लिए सस्ता ऋण मांगा था, जो स्वीकृत भी हो गया था और नाबार्ड में 99 करोड़ रुपये मोबिलाईजेशन मनी के रूप में जारी कर दिए थे फिर यह पैसा बेरोजगारों को क्यों नही जारी किया गया समझ से परे है। अब विभागीय सचिव कह रहे हैं कि इसके लिए पहले टेंडर जारी किए गये थे जो निरस्त कर दिए गए हैं अब नये सिरे से टेंडर जारी होंगे, आखिर उद्यान विभाग कब तक टेंडर निरस्त करता रहेगा और प्रदेश का बेरोजगार स्वरोजगार के सपने देखता रहेगा मगर उसके सपने पूरे नहीं होंगे।

शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि उद्यान विभाग प्रदेश के युवाओं को बडे बडे सपने तो दिखा देता है लेकिन स्वंय का होमवर्क पूरा नही करता जिस कारण युवाओं को योजना का लाभ लेने के लिए विभाग के दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं और जब युवा अपने जुते चप्पल घिस कर थक जाता है तब वह निराशा में योजना का लाभ लेने का इरादा ही छोड देता हैं इसलिए सरकार जो भी योजना लाती है या घोषणा करती है पहले उसका होमवर्क पूरा कर लेना चाहिए ऐसा न होने पर प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के सपने देखने के बाद भी निराश होना पडता है। और वह पलायन के लिए मजबूर हो जाता है उसके अलावा उसके पास दूसरा कोई रास्ता नही बचता।

बिष्ट ने कहा कि यह मामला केवल उद्यान विभाग तक सीमित नहीं है सरकार की दूसरी योजनाओं का भी यही हाल है मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हो या राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत पीएम स्वनीधि योजना इन योजनाओं में भी सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार के बडे बडे सपने दिखाए प्रदेश के हजारों युवाओं में सरकार की घोषणाओं को सच मानकर इन योजनाओं में हजारों आवेदन किए मगर आवेदन किए इनमें से 90 प्रतिशत आवेदन तो निरस्त कर दिए गए, 10 प्रतिशत के आसपास आवेदन स्वीकृत भी हुए, वे भी बैंकों में लंबित हैं बैंक युवाओं के स्वीकृत ऋण आवेदनों पर भी गंभीर नही है और यह सभी स्वीकृत हजारों ऋण आवेदन बैंकों में लंबित है। 

सरकार को युवाओं के भविष्य की कोई चिंता नहीं हैं अगर सरकार युवाओं के स्वरोजगार को लेकर गंभीर होती तो समय समय पर इन योजनाओं की समीक्षा करती और लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करती जिससे अधिकारियों में सरकार का खोफ होता और हमारे प्रदेश के हजारो बेरोजगारों को समय पर सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता जिससे प्रदेश भी विकास के पथ पर आगे बढता और बेरोजगार नौजवान पलायन के लिए मजबूर भी न होता। 

सरकार की उदासीनता एवं लापरवाही का खामीयाजा प्रदेश का नौजवान भुगत रहा है, जो गम्भीर चिन्ता का विषय है। कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि चाहे उद्यान विभाग की पॉली हाउस योजना हो या मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हो या पीएम स्वनीधि योजना इन सभी योजनाओं में प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों जो आवेदन किए है उनमें से जो 90 प्रतिशत आवेदन विभागों ने निरस्त कर दिए हैं वो सभी आवेदन स्वीकृत किए जाए।

 और स्वीकृत आवेदनों को शीघ्र बैंको से ऋण आवंटित करवाया जाए अगर शीघ्र ऐसा नही होता है तो बेरोजगार नौजवानों के साथ कांग्रेस पार्टी को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पडेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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