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 श्री बदरीनाथ धाम के कपाट   नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।



• श्री बदरीनाथ धाम में आयोजित  धार्मिक समारोह में कपाट बंद होने की तिथि निश्चित हुई।


• श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष  अजेंद्र अजय ने कहा कपाट बंद होने तक सुचारू रहेगी यात्रा


•  मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने हक- हकूकधारियों को पगड़ी भेट की तथा सबका आभार जताया


श्री बदरीनाथ धाम;


 श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु 18 नवंबर को शायंकाल 3 बजकर तैतीस मिनट पर बंद हो जायेंगे।  आज मंगलवार विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में  रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की।


 इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यो ने स्वास्तिवाचन किया अपने संदेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति  ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की  तथा विजय दशमी की शुभकामनाएं दी।


उन्होंने कहा कि कपाट बंद होने तक तीर्थयात्रा सुचारू ढ़ग से संचालित होगी। अपने जारी बयान में मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार बदरी- केदार यात्रा में रिकार्ड चौंतीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए  हैं। 

कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य वीरेंद्र असवाल एवं भास्कर डिमरी प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान,  स्वामी  मुकुंदानंद महाराज, विवेक थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, भूपेंद्र रावत, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, बाबा उदय सिंह, पीतांबर मोल्फा, विनोद डिमरी, सुधाकर बाबुलकर अनसुया नौटियाल, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे। आज ही नये यात्रा वर्ष  भंडार व्यवस्था हेतु पगड़ी भेंट कर जिम्मेदारी दी गयी। बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने हकूकधारियों को  पगड़ी भेंट की। राम सिंह भंडारी,मोहन प्रसाद भट्ट,निश्चय मेहता, अविनाश पंवार को पगड़ी भेंट हुई। इस अवसर पर  अपने संबोधन में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार  ने बदरीनाथ धाम की सफल  यात्रा हेतु सभी विभागों, पुलिस, प्रशासन, सेना आईटीबीपी, हक-हकूकधारियों, तीर्थपुरोहितों, तीर्थयात्रियों का आभार जताया

 उल्लेखनीय है कि कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को प्रात: श्री उद्वव‌जी एवं कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद  की प्रक्रिया के तहत पहले पंचपूजाये शुरू हो जायेगी  ।

 14 नवंबर को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 

 15 नवंबर दिन‌  में आदि केदारेश्वर मंदिर कपाट बंद होंगे , 16 नवंबर तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा ।

चौथे दिन 17 नवंबर को  लक्ष्मी जी को कढाई भोग तथा पांचवे दिन 18 नवंबर को  रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बदरीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे, उसके पश्चात  शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद हो जायेंगे। 



  उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ  धाम तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 15 नवंबर को  दोपहर को बंद हो जायेंगे जबकि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जो के कपाट 1 नवंबर पूर्वाह्न को बंद कर दिये जायेंगे।



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