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राज्य के विभिन्न कॉलेजों और अस्पतालों में पहुंचेंगे एम्स के ट्रॉमा विशेषज्ञ

सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आघात चिकित्सा का देंगे प्रशिक्षण


उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश द्वारा बुधवार से ’वल्र्ड ट्रॉमा सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान सप्ताहभर तक जन जागरुकता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पहले दिन राज्य के मुख्यमंत्री ट्रॉमा रथ को रवाना करेंगे, जबकि 16 अक्टूबर को महामहिम राज्यपाल कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। 


एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा विभाग द्वारा वर्ल्ड ट्रॉमा सप्ताह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। सप्ताहभर तक चलने वाले इस साप्ताहिक कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार 11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा एम्स के ट्रॉमा रथ को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए रवाना कर किया जाएगा। ’वर्ल्ड ट्रॉमा डे’ कार्यक्रम के आयोजन सचिव और एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि 11 अक्टूबर बुधवार को एम्स परिसर से सुबह 6 बजे संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ट्रॉमा रथ को देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना करेंगी। जबकि उसी दिन पूर्वाह्न में सूबे के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एम्स के ट्रॉमा रथ को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए रवाना करेंगे। उन्होंने बताया कि यह रथ सप्ताहभर तक राज्य के विभिन्न कॉलेजों और अस्पतालों में जाकर आघात चिकित्सा के प्रति लोगों को जागरुक कर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रक्षिक्षित करेगा। 


ट्रॉमा विशेषज्ञों के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए पहले 3 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि राज्य के स्थानीय लोगों सहित सभी हेल्थ केयर वर्करों को दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने और समय रहते उसका उपचार करने का सम्पूर्ण अनुभव होना चाहिए। इन्हीं उद्देश्यों को साकार करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने सप्ताहभर का एक राज्य स्तरीय वृहद कार्यक्रम तैयार किया है।                                                                                                                              


ट्रॉमा रथ के प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि सप्ताहभर चलने वाले इस अभियान के दौरान ट्रॉमा रथ में मौजूद ट्रॉमा विशेषज्ञ व डॉक्टर्स राज्य के विभिन्न स्कूलों और अस्पतालों में पहुंचकर हेल्थ केयर वर्करों, छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों को ट्रॉमा के प्रति जागरुक कर उन्हें आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा रथ का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। कार्यक्रम में जन-जागरुकता के तहत नुक्कड़ नाटकों का आयोजन, सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता कार्यक्रम, क्विज प्रतियोगिताएं, स्कूल हेल्थ कार्यक्रम, एडवांस्ड ट्रॉमा लाईफ सपोर्ट कोर्स, रक्तदान कार्यक्रम, मास केजुवल्टी पर मॉक ड्रिल का आयोजन, ट्रॉमा साईकिल रैली और फस्र्ट रेस्पोंडर ट्रेनिंग कोर्स आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।


विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मंगलवार से एम्स ऋषिकेश में जन-जागरुकता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

जिसके तहत सोमवार को विभाग द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन कर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति रोगियों, उनके तीमारदारों और अन्य नागरिकों को जागरुक किया गया। बताया गया है कि इस वर्ष इन कार्यक्रमों का आयोजन पूरे माह किया जाना है। 


10 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष ’विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का समग्र उद्देश्य दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जनसामान्य में जागरुकता बढ़ाना है। यह दिन मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर कार्य करने वाले सभी लोगों को अपने काम के बारे में बात करने का अवसर प्रदान करता है। एम्स ऋषिकेश का मनोचिकित्सा विभाग इस दिन मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जन जागरुकता के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।                                                                                   एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग और मनोचिकित्सा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम पर पोस्टर प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चा और कई अन्य जागरुकता कार्यक्रम शामिल हैं। 


इस बाबत मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. अनिंद्य दास ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य का महत्व व्यक्ति के समग्र शारीरिक कल्याण से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए जरूरी है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति मानसिकरूप से भी स्वस्थ हो। वर्तमान जीवन शैली में विभिन्न सेलिब्रिटियां और राजनेता सहित आम लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति बहुत चिंतित हैं। जब हमारा मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा, तभी हम अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में बेहतर परिणाम दे पाएंगे। इसके लिए जरूरी है कि हम सभी अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के उपाय तलाशें और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह का अनुसरण करें। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एम्स के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा सैन्य अधिकारियों और शासन के अधिकारियों को व्याख्यान देकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।                                                                                                            राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर वयस्कों में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का प्रसार लगभग 11 प्रतिशत है, जबकि किशोरों में यह लगभग 8 प्रतिशत है।


विभाग के डॉ. विशाल धीमान ने बताया कि सोमवार को मनोचिकित्सा ओपीडी एरिया में रोगियों और उनके तीमारदारों को मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल हेतु विभिन्न लाभप्रद जानकारियां दी गई। इस दौरान पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन कर लोगों को इसके प्रति जागरुक भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. रवि गुप्ता, डॉ विजय, डॉ. विक्रम सहित कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. स्मिता अरोड़ा, डॉ. बेलसियाल, डॉ. राजेश सहित नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहा।


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