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बर्फवारी के बीच तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर कलश स्थापना तथा छतरी जीर्णोद्धार का कार्य संपन्न हुआ।




श्री तुंगनाथ/ रूद्रप्रयाग: 


16 अक्टूबर। विश्व के सबसे अधिक ऊंचाई  पर स्थित पंच केदारों में प्रतिष्ठित  तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर की छतरी का जीर्णोद्धार कार्य बर्फवारी के बीच कलश स्थापना के साथ विधि- विधान से संपन्न हो गया है। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अथक प्रयासों से जीर्ण-शीर्ण हो चुकी तुंगनाथ मंदिर की छतरी का दानीदाता के सहयोग से मरम्मत कार्य संपन्न हो गया है। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु लगातार कार्य चल रहा है श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में कोठा भवन का जीर्णोद्धार का कार्य गतिमान है तथा श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी मंदिर की छतरी का भी जीर्णोद्धार कार्य प्रस्तावित है जबकि श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर के प्रचार प्रसार हेतु भी कार्य हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि तुंगनाथ मंदिर की नयी छतरी का निर्माण देवदार की लकड़ी से किया गया है पहले की तरह नक्काशीदार बनाया गया है।

विगत 4 सितंबर को पुरानी जीर्ण छतरी को उतारा गया था  तथा कलश को मंदिर गर्भ गृह में रखा गया था।पांच सप्ताह बाद में रविवार  नवरात्रि को छतरी बनकर तैयार हुई तथा मंदिर के शीर्ष पर स्थापित की गयी। उसके बाद सौमवार  तुंगनाथ में बारिश के बाद बर्फवारी शुरू हो गयी थी उसके बाद पूरे तुंगनाथ क्षेत्र में बर्फ की सफेद चादर बिछ गयी इसी दौरान कलश पूजा के बाद गर्भगृह से लाकर हक हकूकधारियों तथा पश्वागणों की उपस्थिति में पूजा-अर्चना संकल्प के साथ मंदिर के शीर्ष में छतरी एवं कलश को  पूर्ववत विराजमान कर दिया गया।

छतरी का जीर्णोद्धार करनेवाले दिल्ली के दानीदाता  संजीव सिंघल के सहयोग से 13 लाख 65 हजार की लागत से नयी छतरी का निर्माण किया गया। कलश तथा छतरी स्थापना के दौरान भगवान महादेव, भैरवनाथ जी, भूतनाथ जी मां भगवती कालिंका अवतरित हुई तथा छतरी तथा कलश को स्थापित करने की अनुमति दी।

इस अवसर पर  मंदिर सहायक अभियंता विपिन तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल,मठापति रामप्रसाद मैठाणी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक बलबीर नेगी, भूतनाथ के पश्वा राजेंद्र भंडारी, मंगोली गांव के धर्म्वाण बंधु, मंदिर के पुजारी गण गीता राम मैठाणी, प्रकाश मैठाणी आदि मौजूद रहे।

 बारिश और बर्फवारी के बीच रिकार्ड श्रद्धालु पहुंच रहे बदरी-केदार।

 सोमवार को दौनों धामों में बर्फवारी से मौसम सर्द हुआ।




श्री बदरीनाथ / केदारनाथ:16अक्टूबर


 श्री बदरीनाथ-केदारनाथ में रविवार से लगातार रूक-रूककर बारिश बर्फवारी  हो रही है। बदरीनाथ तथा केदारनाथ धाम में आज भी प्रात: से  बारिश तथा  दोपहर बाद बर्फवारी शुरू हो गयी है जिससे  बदरीनाथ में बर्फ की हल्की चादर जम गयी है‌ तथा सर्दी बढ गयी है।

केदारनाथ धाम ने  बर्फ की चादर  ओढ़  ली है। कहीं पर  लगभग पांच तो कहीं दस से पंद्रह सेमी तक बर्फ जम गयी हैं जिससे मौसम सर्द हो गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़  ने बताया कि बर्फवारी के बीच तीर्थयात्री लगातार बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम पहुंच रहे है। बर्फवारी के बावजूद रविवार को 10546 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ धाम के दर्शन किये। केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की संख्या 1697875 पहुंच गयी।

जो आज रिकार्ड 17 लाख से अधिक हो गयी है।

इसी तरह बदरीनाथ धाम में आज प्रात:से बारिश है  दोपहर बाद बर्फवारी शुरू हो गयी शाम तक बर्फ जमने लगी। नीलकंठ पर्वत की तलहटी सहित ऊंची चौकियों बर्फ से ढ़क गयी है। लगातार बारिश रही तो बर्फवारी बढ सकती है‌।

तीर्थयात्रियों की बात करें तो बदरीनाथ में रविवार को 5719 तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए तथा तीर्थयात्रियों की संख्या 1585739  ( पंद्रह लाख पिचासी हजार) पहुंच गयी।

इस तरह  केदारनाथ में अब तक विगत वर्षों की तुलना में दस से पंद्रह प्रतिशत अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। 

रविवार तक 3283614 तीर्थयात्री बदरी-केदार पहुंचे है।

वहीं चारधाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या सवा अड़तालीस लाख पहुंची है।

श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव / बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि मौसम के मिजाज को देखते दोनों धामों में  तीर्थयात्रियों के सर्दी से बचाव हेतु अलाव, गर्मपानी, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्राथमिक उपचार/ स्वास्थ्य जांच, यात्रा मार्गदर्शन आदि की व्यवस्था की गयी है। जरूरत हुई तो मंदिर समिति भंडारे का भी आयोजन करेगी।




उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु  भैया दूज 15 नवंबर को बंद हो रहे है जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी को तय होनी है।

इसके साथ  चारधाम यात्रा का भी समापन हो जाता है।


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