ऋषिकेश :
श्यामपुर क्षेत्र मे बेसहारा पशु न केवल खेतों में तैयार फसल को चट कर जाते हैं बल्कि सड़क हादसों की एक बड़ी वजह भी बन रहे हैं। बेसहारा पशु के घूमते पाए जाने पर संबंधित मालिक पर जुर्माना लगाए जाने का भी प्रविधान है जहा पशुपालन का भी लंबा इतिहास रहा है। पशु दूध, व कृषि कर्म में सहयोग कर किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक रहे हैं। हालांकि कृषि में बढ़ते मशीनीकरण, एक समय उपरांत पशुओं की उपयोगिता के समाप्त होने तथा रखरखाव पर अतिरिक्त व्यय होने के कारण कई पशुओं को भोजन और आश्रय से वंचित कर बेसहारा छोड़ दिया जाता है |
पशुओं के बेसहारा और बेलगाम होने के कारण कई स्तरों पर मुसीबतें बढ़ जाती हैं | जिस पर सोचने की जरूरत है।दरअसल सार्वजनिक चारागाहों के कम होने के कारण तथा आवास और भोजन की तलाश में आवारा पशु इधर उधर भटकते रहते हैं। ऐसे में उनसे सबसे ज्यादा कोई परेशान होता है तो वे हमारे किसान हैं, जो बड़ी मेहनत से अनाज उगाते हैं, लेकिन पशु पलभर में ही खेतों में खड़ी फसलों को चट कर जाते हैं या नुकसान पहुंचाते हैं।
इतना ही नहीं, भोजन की तलाश में वे कई बार सड़कों के बीच में आ जाते हैं, जिससे यातायात तो प्रभावित होता ही है | वही दुर्घटना की आशंका भी बढ़ जाती है। कई मामलों से इसकी पुष्टि होती है |
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