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राज्य में इसी साल लागू होगा समान नागरिक संहिता-मुख्यमंत्री

 

CM Dhami announced once again  about UCC

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आई.एस.बी.टी. के समीप स्थित होटल में आयोजित बढ़ता अत्तराखण्ड उभरता उत्तराखण्ड कार्यक्रम में राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में एक पार्टी की सरकार दुबारा न चुनने का मिथक टूटा है यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं देवतुल्य जनता का हमारे लिये आशीर्वाद है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये 2022 के चुनाव में जनता से वादा किया था। सरकार के गठन के बाद हमने पहला निर्णय इस संबंध में कमेटी गठन का किया। कमेटी ने 2.33 लाख लोगों  से सुझाव लेने तथा तमाम संगठनों, संस्थाओं के साथ राज्य की तमाम जन जातियों के भी सुझाव कमेटी ने लिये है। देश के अन्दर समान नागरिक कानून होना चाहिए। यह जनता की मांग रही है इसकी शुरूआत उत्तराखण्ड से होगी। संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत हम इसी साल राज्य में समाना नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे। 

     

उन्होंने कहा कि पहाड का पानी और पहाड की जवानी दोनों पहाड के काम आये इस पर कार्य किया जा रहा है। टिहरी डाम बांध, पानी व बिजली देने का कार्य कर रहे है। युवाओं को स्वरोजगार  की विभिन्न योजनाओं से जोडा जा रहा है। राज्य के युवा देश व प्रदेश में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे है। अब प्रदेश में रिवर्स पलायन की ओर युवा लौट रहे है। कोरोना के बाद हमारे लोग अपने क्षेत्रों में स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे है। राज्य का पलायन आयोग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां राज्य के विकास में बाधा न बने इसे ध्यान रखते हुए पहाड और मैदानी क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार नितियां बनाई जा रही है। राज्य ने हाल ही में राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 क्षेत्रीय नीतियां बनाई गई हैं। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश हिमालय की गोद में बसा है, हम इसे सुरक्षित रखने का कार्य कर रहे है। जोशीमठ की आपदा के बाद प्रदेश के शहरों की धारण क्षमता का आकलन कर इकोलॉजी और इकॉनौमी का समन्वय बनाकर योजना बनायी जा रही है। आपदा के प्रभावों को कम करना हमारा उदेश्य है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य 71 प्रतिशत वन भू-भाग वाला है। वन क्षेत्र के साथ अन्य सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा है। 3 हजार हैक्टेयर वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाये गये है। जो भी निर्माण अतिक्रमण की जद में आये है वे तोडे जा रहे है।  उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सब आपसी भाई चारे से रहते है। राज्य में  धर्मांतरण घुन की तरह लगा था। धोखे और लालच देकर मनगणन्त बातों से धर्मांतरण का कार्य हो रहा था। इसे रोकना देवभूमि का मूल स्वरूप बनाये रखने के लिये जरूरी है। देव भूमि के प्रति देश विदेश के लोगों की श्रद्धा रही है। गंगा, यमुना धर्म आध्यात्म की इस भूमि का स्वरूप बना रहना देश हित में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड शान्त प्रदेश है, कानून व्यवस्था अच्छी है। बिना पहचान और वेरिफिकेशन से लोग यहां आकर अवैध रूप से बस रहे है। इससे हो रहे डेमोग्रेफिक चेंज को देखना भी जरूरी है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जायेगी। अतिक्रमण हटाने में किसी प्राकर का पक्षपात नही हो रहा है। कोई भी किसी मजहब, जाति, धर्म, पंथ का हो सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य की जरूरतों के हित में कानून बनाये है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पहले इसकी जांच नही हो पाती थी। अब हमने इसकी गहराई से जांच कर 80 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। देश का सख्त कानून बनाकर कडी सजा का प्राविधान किया है। नया माहौल बनाकर नकल रोकने का परिणाम हुआ कि  अब युवा कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल हुए है। इससे अभिभावकों को भी संतोष हुआ है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि  चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर जा रहे है। उन्हें बेहतर सुविधायें मिले इसका ध्यान रखा गया है। अब तक 38 लाख यात्री तथा कांवड यात्रा में 4.15 करोड श्रद्धालु आये । ऋषिकेश हरिद्वारा कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की जा रही है। विकासनगर के समीप यमुना नदी किनारे स्थित पौराणिक स्थल हरिपुर का पुनरूद्धार कर वहां भी यमुना की आरती की व्यवस्था की जायेगी। अपने समृद्ध इतिहास में उल्लिखित नगरों के विकास पर हमारा ध्यान है। हमें राज्य में आने वाले करोडो पर्यटकों, श्रद्धालुओं की भी व्यवस्था करनी होती है। इसके लिये राज्य के संसाधनों को बढावा देने के लिये भी हम प्रयासरत है।


मुख्यमंत्री ने चंद्रयान 3 के लैंड़िग स्थल को प्रधानमंत्री ने शिवशक्ति स्थाल घोषित करने पर उनका आभार जताया। यह भारत की विज्ञान एवं तकनीकि दक्षता का प्रतीक है। चंद्रयान 2 के समय जो कमी रह गयी थी उनके सफल नेतृत्व में चंद्रयान 3 के रूप में बडी सफलता देश को मिली है। अब चंदा मामा दूर के नहीं हमारे घर के हो गये है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग मुजफ्फरनगर काण्ड, खटीमा और मसूरी गोली काण्ड को नहीं भूल सकते है। इसके लिये दोषी लोगों के व्यवहार से राज्य की जनता कभी भूल नहीं सकती है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यों पर 2014 व 2019 के चुनावों की भांति 2024 के चुनावों में भी राज्य की जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से कर्म और मर्म का संबंध है।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को सचिवालय में सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री शैलेश बगोली एवं निदेशक आई.टी.डी.ए. श्रीमती नीतिका खण्डेलवाल ने भेंट की।


 उन्होंने राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी (आई.टी.डी.ए.) को इंदौर में आयोजित 26वीं ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में अपुणी सरकार पोर्टल को नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड 2023 के साथ प्रदान किये गये रजत पदक एवं ट्रॉफी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवॉर्ड के अंतर्गत ट्रॉफी एवं 5लाख का पुरुस्कार भी शामिल है। 

  

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य का अधिकतर भू-भाग पर्वतीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने से पर्वतीय क्षेत्रों में आम नागरिकों को जन केन्द्रित सेवाओं को प्राप्त करने हेतु दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों से कस्बों/जनपदो में आना पडता था। इससे आम नागरिकों को काफी असुविधा होती थी तथा इसमें समय एवं धन का भी व्यय होता था। इसका ध्यान रखते हुए, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) को एक एकीकृत पोर्टल “अपणि सरकार“ को विकसित करने का लक्ष्य दिया गया था। वर्तमान में 575 नागरिक-केंद्रित सेवाएँ इसके माध्यम से प्रदान की जा रही हैं। समय पर सेवा प्रदान करना, आवेदन स्थिति की ट्रैकिंग, डिजिलॉकर के साथ एकीकृत प्रमाणपत्र, व्यक्तिगत नागरिक डैशबोर्ड, और अनुकूलनीय अधिकारी डैशबोर्ड जैसी सुविधाऐं इस पोर्टल में सामिल है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल से नागरिकों और अधिकारियों को मूल्यवान सुझाव प्रदान करने के साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अपुणी सरकार ई-पोर्टल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना हम सबके लिये सम्मान की बात है। यह पुरस्कार राज्य में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में की जा रही पहल को और गति प्रदान करने में भी सहायक होगा। यह पोर्टल “आपणो स्कूल अपणु प्रमाण“ और ‘‘डोर स्टेप डिलीवरी’’ जैसे नवाचार सेवाओं और पहुँच को और बढ़ावा देने के साथ “अपणि सरकार“ पोर्टल उत्तराखंड सरकार को अपने नागरिक को सुरक्षित, कुशल एवं पारदर्शी नागरिक केंद्रित सेवाओ को फेसलेस, कैशलेस एवं पेपरलेस प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। इन्ही सब विशिष्टताओं के साथ इस पोर्टल को नागरिक केन्द्रित सेवायें प्रदान करने में उभरती हुई प्रौद्योगिकी में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल पायी है। इससे राज्य में ई-गवर्नेंस को बढावा देने में और अधिक सहायता मिल सकेगी।


इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी, अपर सचिव श्री आशीष श्रीवास्तव, अपर निदेशक श्री गिरीश गुणवंत, संयुक्त निदेशक राम स्वरूप उनियाल आदि उपस्थित थे।

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