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 अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं की बैठक ली


 प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं पर नई नीति लागू करने का उच्च स्तरीय निर्णय जल्द

कार्यदायी संस्थाओं को सुरक्षा मानकों के उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन करने हेतु सख्त हिदायत

समय समय पर सुरक्षा मानकों का परीक्षण


चमोली जैसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रदेश में कार्यरत समस्त कार्यदायी संस्थाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक  मुख्यमंत्री  के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ली । बैठक में यह तथ्य संज्ञान में आया कि कार्यदायी संस्थाएं इलैक्ट्रिकल वर्क को सिविल वर्क के साथ जोड़ देती हैं। 


जबकि कार्यदायी संस्थाओं के पास इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए पृथक से इंजीनियर उपलब्ध रहते हैं। एक ही एस्टीमेट बनाने तथा एक साथ कार्य कराने से इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए अच्छे से  कार्य करने तथा सुरक्षा के मानकों का पालन करने में समझौते की स्थिति आती है। 


सिविल कॉन्टै्रक्टर्स ही इलैक्ट्रिकल कार्य को करवाते है। बैठक में इस व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए समस्त कार्यदायी संस्थाओं से सुझाव लिये गए।

 कार्यदायी संस्थाओं से सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने सख्त हिदायत दी कि सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदंड हैं, उन मानदण्डों के अनुसार ही उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। एसीएस ने कड़े निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट या कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी सुरक्षा मानक निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप बने रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के अलावा उस भवन, प्रोजेक्ट या मशीनरी में कार्य पूर्ण होने के बाद लगाये जाने वाले श्रमिकों या कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना तथा सुरक्षा मानकों का समय समय पर परीक्षण करवाया जाना आवश्यक है। बैठक में इसे सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया।


बैठक में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि  सिविल और इलैक्ट्रिकल वर्क का एक ही एस्टीमेट बन जाने से इलैक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स जो छोटे ठेकेदार है या अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ है, उनके कार्य से वंचित होने की भी समस्या आती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन से उनकी दक्षताओं का उपयोग भी इलैक्ट्रिकल कार्यो  में किया जा सकेगा। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं के लिए सिविल वर्क एवं इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए स्पष्ट अलग अलग व्यवस्था, सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन, मजदूरों व कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानकों के परीक्षण से सम्बन्धित नई नीति तैयार करते हुए उसे समस्त कार्यदायी संस्थाओं पर लागू किया जाने का उच्च स्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

बैठक में सचिव श्री वी षणमुगम, अपर सचिव श्री जगदीश कांडपाल, श्री थपलियाल तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.


मेंरी माटी मेरा देश कार्यक्रम तैयारियों की समीक्षा की


‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान को उत्तराखण्ड राज्य में सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए सरकार के विभिन्न विभाग जिला प्रशासन के साथ मिलकर मिशन मोड पर कार्य कर रहे हैं। देशभर की तरह ही उत्तराखण्ड में भी इस अभियान में वसुधा वंदन, शिलाफलकम (स्मारक) को शामिल करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी की समीक्षा करने के लिए एक बैठक का आयोजन आज अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी अध्यक्षता में सचिवालय में किया गया। बैठक में राज्य में मेरी माटी मेरा देश अभियान के आयोजन की रूपरेखा पर गहन चर्चा की गई।

एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने जनपदों के हर गांव में वसुधा वंदन कार्यक्रम के तहत पौधारोपण सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त संख्या में पौधों की व्यवस्था करने एवं नर्सरी मैपिंग के निर्देश दिए हैं।  उन्होंने कहा कि इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में वन विभाग, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग, संस्कृति विभाग, खेल विभाग, युवा कल्याण विभाग,  पंचायती राज विभाग, सैनिक कल्याण विभाग तथा जनजागरूकता में सूचना विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को स्कूली बच्चों, वॉलियन्टर्सं, स्वयं सेवी संगठनों, युवाओं, स्वयं सहायता समूहों तथा अधिकाधिक स्थानीय लोगों को इस अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपद स्तर पर दीया एवं कलश बनाये जाने हेतु स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस विभाग को मेरी माटी मेरा देश अभियान से सम्बन्धित विशेष मार्च आयोजन तथा वीरो का सम्मान के निर्देश दिए गए हैं।


अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने वसुधा वंदन और शिलाफलकम के महत्व पर बल दिया। उन्होंने  कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत/गांव वसुधा वंदन के अंतर्गत स्वदेशी प्रजातियों के 75 पौधे लगाकर धरती का नवीनीकरण और पुनः पूर्ति करेगा। एसीएस ने शिलाफलकम के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य उन सभी वीरों के प्रति अपना हार्दिक भाव व्यक्त करना है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इस आयोजन में अधिकाधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही सभी क्षेत्रों के लोगों से इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल होने का अनुरोध किया है।



बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत 9 से 15 अगस्त के मध्य प्रत्येक ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर के किनारे, अन्य जल निकाय, पंचायत कार्यालय, स्कूल अथवा अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर शहीद वीरों के नाम पर स्मारक पटिट्का की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में मिट्टी या मिट्टी का दीया लेकर पंचप्रण शपथ ली जायेगी। शपथ के दौरान सेल्फी अभियान भी चलेगा। इस सेल्फी को merimaatimeradesh. gov. in वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। वसुधा वन्दन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में अमृत वाटिका बनाई जाएगी। कम से कम 75 स्थानीय प्रजाति के पौधों का रोपण इस अमृत वाटिका में किया जाएगा। इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी एवं शहीदों के परिवारों को सम्मानित करने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर इस कार्यक्रम में उनके साथ-साथ सेवानिवृत रक्षाकर्मियों, राज्य एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों, राज्य पुलिस कर्मियों एवं इनमें ड्यूटी के समय शहीद हुए बहादुरों के परिवारों को भी सम्मानित किया जा सकता है। प्रत्येक कार्यक्रम में झण्डा रोहण एवं राष्ट्रगान का आयोजन किया जायेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत से विकासखण्ड एवं विकासखण्ड से नई दिल्ली कर्तव्य पथ तक मिट्टी यात्रा निकाली जायेगी।


छोटे शहरी निकायों/कैन्टोनमैंट बोर्ड एवं नगर पंचायतों में ग्रामीण क्षेत्रों हेतु यह समस्त कार्यक्रम 9 अगस्त से 15 अगस्त तक आयोजित किया जायेगा तथा बड़ी नगर पालिकाओं में यह कार्यक्रम 16 अगस्त से 20 अगस्त तक आयोजित किया जायेगा। छोटे शहरी निकायों से मिट्टी कलश बड़ी नगर पालिकाओं एवं निगमों में समारोहपूर्वक जाए जाएगें।


बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री हरीचंद सेमवाल, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी अपर सचिव श्री विनीत कुमार, श्री जितेन्द्र सोनकर, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट् तथा अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।


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