*उत्तराखंड के इस मंदिर में होती है हर इच्छा पूरी, खाली हाथ नहीं लौटता कोई भक्त*
अल्मोड़ा :
उत्तराखंड अल्मोड़ा जिला के भिक्यासेन तहसील से करीब 15 कि.मी.दूरी पर कमराड गांव के पास स्थित मानिला में बने माता के मंदिर के दरवाज़े तक पहुंचने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ नहीं लौटता है, ऐसी मान्यता है,अगर आप की भी कोई अर्जी है तो आप भी इस मंदिर में जा सकते हैं और मन की इच्छा को पूरी कर सकते हैं. अगर आप की भी कोई मन की फरियाद है तो महामाई माँ मानिला आप की मन की इच्छा को जरूर पूरा करेंगी, माँ हर किसी के प्रति दयावान हैं, उन्हें सच्चे श्रद्धालुओं से बहुत स्नेह है.
आप जिस भक्ति भाव से माँ के दरवार पर पहुंचेंगे, माँ आपकी फरियाद उसी भक्ति भाव से सुनेंगी. लोगों का मानना है कि उनकी कोई भी समस्या हो,मानिला माँ उनकी समस्या का समाधान कर ही देती हैं और इसी मान्यता के चलते दूर -दूर से हजारों भक्त माँ के दरबार पर हाजिरी लगाने आते हैं लेकिन एक बड़ी बात है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से माता से अर्जी मांगेगा. वे उनकी ही मनोकामना पूरी करेंगी.
मानिला माता के भक्त सच्चे मन से उनकी भक्ती करते हैं. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि हमने माता से अब तक जो भी मांगा, वह सब मिला है. भक्तों का कहना है कि माता की दया से हमारे सारे काम हो जाते हैं. माता से हमारा ऐसा जुड़ाव हो गया है दिन प्रति दिन माता के भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है, मंदिर प्रशासन भी इसे बहुत लगन से और सच्चे मन हर कार्य करते हैं. वो हर काम को माँ का आदेश मान कर हीं करते हैं ये उनका मानना हैं
अगले भाग में.......
*भारत का सबसे सुंदर और अलौकिक मंदिर है मनीला में..
* माता की अनेक चमत्कारों की कहानियां और आंखों देखी अगले भाग में....
* क्या है प्राचीन मंदिर की कहानी
*कौन से मंदिर बनाए पांडवों ने.
* क्यों सावन में लगता है भक्तों का जमावड़ा,हर साल यहाँ सावन मे अलग अलग पुराण का आयोजन किया जाता हैं.
10-12 पुराण हो चुके हैं.
और 10-12 दिन तक सुबह शाम भंडारा (लंगर ) लगता हैं. इस भंडारे के लिए भक्तो को 3 साल पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ना हैं तब नम्बर आता हैं
Post a Comment