धनौल्टी:
विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल धनौल्टी से दो किलोमीटर ऊंचाई पर (उटियाणू टीप तथा तपोवन) पाषाण काल से पहले की यहां गुफा कंदरा ऋग्वेद के समय की हो सकती है और दर्जनों गुफाएं धनौल्टी क्षेत्र के आसपास में है
मैदान(देहरादून) में गोरखा सेना व गढ़वाल सेना फिर एक बार आमने सामने थी इस युद्ध मे गढ़वाल शासक प्रद्युम्न शाह वीरगति को प्राप्त हो गये और इस युद्ध के पश्चात सम्पूर्ण गढ़वाल व कुमाँऊ पर गोरखा शासन स्थापित हो गया। इन कंदरा गुफाओं की वाडिया भूगर्भ विज्ञान संस्थान से इनकी खोजबीन की जाए जिससे आने वाले समय में पुरातात्विक साक्ष्य मिल सके उत्तराखंड इतिहास के साक्षी मिल सके कहने और सुनने में यह भी आया की सकलाना पट्टी के लोग राजा के भय से एवं गोरखा शासन द्वारा क्रूर शासन स्थापित करने के बाद सकलाना पट्टी के लोग इन गुफाओं में छिपने के लिए आते थे ऐसी दर्जनों गुफाएं हैं कंदरा और गुफाओं है जिनकी दूरियां 2 से 5 किलोमीटर तक है लंबी सुरंग है जहां अभी तक किसी ने इन पर खोज भी नहीं की है जबकि यह पर्यटन क्षेत्र होने के बावजूद भी पर्यटन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है
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