ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर पर झूठे आरोप लगाने वाले तथाकथाथित पत्रकारों के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज।
हरिद्वार:
माननीय न्यायलय ने तीनों पत्रकारों के विरुद्ध जांच के उपरांत किया मुकदमा दर्ज। समन कर कोर्ट में हाजिर होने का दिया आदेश।
Advocate Amit Tomarवकील अमित तोमर देहरादून ने बताया कि इंस्पेक्टर राजेश साह उन चुनिंदा पुलिस अफसरों में है जिनको उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट सेवा के लिए तीन बार पदक से नवाजा गया। एक उत्कृष्ट अफसर के साथ ही निहायती सरल व्यक्ति भी है।
सरकारी शिक्षक रहे माता-पिता के पुत्र कभी शिक्षक बनना चाहते थे तो गणित में M.SC और BEd कर लिया।
पर जीवन उन्हें पुलिस फोर्स में घसीट लाया। पुलिस की दो दशक की नौकरी में आज तक दाग़ नही लगा है।
हरिद्वार के एक फर्जी न्यूज पोर्टल *’हरिद्वार की गूंज’* के तथाकथित पत्रकार वेद प्रकाश चौहान जो केवल 10वी तक पढ़ा है और स्वयं को पत्रकार बताता है , एक POCSO मामले में आरोपी था। कोतवाल हरिद्वार होने के नाते राजेश जी द्वारा केवल मुकदमे की संस्तुति दी और विवेचना एक महिला अधिकारी को सौंप दी, जिन्होंने मामले की गहन विवेचना कर आरोप पत्र माननीय न्यायलय में प्रेषित कर दिया। इसी बीच अस्वस्थ होने के कारण राजेश जी देहरादून आ गए और कुछ समय उपरांत उनका अति विशिष्ट सेवा काल देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा राजेश जी को बतौर कोतवाल डोईवाला की जिम्मेदारी सौंपी गई।
नियुक्ति के दो दिन उपरांत ही वेद प्रकाश चौहान ने ऋषभ चौहान और रजत चौहान के साथ षड्यंत्र के तहत एक खबर अपने न्यूज पोर्टल ’हरिद्वार की गूंज’ में चलाई जिसका पर्याय इस ईमानदार पुलिस अफसर को बदनाम करना था।
कोई और पुलिस अफसर होता तो डर जाता पर जो ईमानदार है वो कैसे झूठ बर्दाश्त करता! तो डोईवाला के कोतवाल श्री राजेश साह ने अपने वकील श्री अमित तोमर के मार्फत I.P.C की धारा 500 एवम 501 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करवाया जिसपर माननीय न्यायलय द्वारा अनुसंधान एवम विवेचना के उपरांत अभियुक्त वेद प्रकाश चौहान, ऋषभ चौहान और रजत चौहान के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए समन जारी किया गया।
उनका कहना है कि पत्रकारिता की आड़ में इन 10 वी पास तथाकथाथित पत्रकारों को चिन्हित करे और आवाज उठाए। पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग और शोषण बर्दाश्त नही।
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