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 मुख्यमंत्री ने किया सीएम हेल्पलाइन 1905 के नए प्रारूप का शुभारंभ।

New CM helpline form inaugurated

NPR automated system in uttarakhand


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया। सीएम हैल्प लाईन 1905 के नये वर्जन में 1905 डायल करने के अलावा वेब पोर्टल, मोबाइल एप एवं ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग फीचर की सुविधा भी दी गई है। अब 24 घंटे सीएम हेल्पलाइन 1905 पर मदद लिये जाने के साथ शिकायत भी दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905  की विभागों द्वारा माह में दो बार समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक माह के अन्तिम सप्ताह में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि जन समस्याओं एवं शिकायतों के निस्तारण के लिए बनाये गये इस हेल्पलाईन का लाभ आमजन को मिले। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस हमारा उत्तरदायित्व है। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि का जो सरकार का उद्देश्य है, उसमें सीएम हेल्पलाइन 1905 महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 


 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए जन समस्याओं का जिस स्तर पर समाधान होना है, उस स्तर पर ही समाधान हो जाए। तहसील स्तर पर जिन समस्याओं का समाधान हो सकता है, वे अनावश्यक जिलाधिकारी तक न आये और जिन समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर वो शासन स्तर तक न आये। जिस स्तर पर समस्याओं का समाधान होना है, यदि नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 को और सशक्त बनाया जाए। 


 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं तहसील दिवसों का नियमित आयोजन किया जाय। जनपद स्तर पर भी जिलाधिकारी प्रतिमाह जन सुनवाई करें। उन्होंने ने निर्देश दिये कि प्रत्येक माह के पहले एवं तीसरे मंगलवार को तहसील जन समर्पण दिवस का आयोजन किया जाए एवं चौथे मंगलवार को जनपद में जिलाधिकारी जन समर्पण दिवस लगाकर जन समस्याओं का समाधान करें। सभी जन समस्याओं एवं जन शिकायतों को ऑनलाईन रजिस्टर किया जाए। जिन लोगों की समस्याओं का समाधान तहसील एवं जनपद स्तर पर नहीं हो पायेगा, उन समस्याओं को ही मुख्यमंत्री कार्यालय को संदर्भित किया जायेगा।


 

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री एल. फैनई, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, श्री विनोद रतूड़ी, निदेशक आईडीटीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे, सभी जिलाधिकारी वर्चुवल माध्यम से बैठक से जुड़े थे।


ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय से  परिवहन विभाग द्वारा तैयार किये गये ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ किया। इससे प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों  की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा होगी। 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यातायात के नियमों के पालन एवं सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अच्छी शुरूआत है। ए.एन.पी.आर कैमरे लगने से लोग यातायात के नियमों का पालन भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ए.एन.पी.आर कैमरे  के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। इस कैमरे में अभी शुरूआती चरण में जो लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनको चेतावनी के एस.एम.एस भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ए.एन.पी.आर कैमरे लगाने की जहां भी आवश्यकता पड़ रही है, स्थानों का चयन कर वहां इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि ए.एन.पी.आर कैमरे  लगने से जीएसटी एवं अन्य विभागों को भी मदद मिलेगी व कर चोरी की रोकथाम भी इससे संभव होगी। इससे जहां चेक पोस्टों पर जाम से निजात मिलेगी, आवागमन भी सरल होगा। इस व्यवस्था के प्रारम्भ होने से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। 


 सचिव परिवहन श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग किये जाने की व्यवस्था की गई है। उत्तराखण्ड में राज्य की सीमा पर स्थापित सभी चैक पोस्टों को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में इलैक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने हेतु प्रथम चरण में राज्य की सीमा पर ए०एन०पी०आर० स्थापित करने की योजना बनाई गयी जिसके लिये राज्य सड़क सुरक्षा कोष से रूपये 4.61 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। 


सचिव परिवहन ने जानकारी दी कि योजना के अन्तर्गत ए०एन०पी०आर० पोर्टल से प्राप्त डाटा को जीएसटी विभाग को उपलब्ध कराने हेतु इन्टीग्रेशन की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है, जबकि अन्य विभागों खनन, आबकारी, पर्यटन, शहरी विकास, वन विभाग तथा पुलिस के साथ इन्टीग्रेशन किया जाना भी प्रस्तावित है ताकि एक ही माध्यम से प्राप्त डाटा का सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा उपयोग किया जा सके। इस व्यवस्था को पूर्णतः आटोमेटेड बनाया गया है जिसके लिए ए०एन०पी०आर० कैमरे के लिए तैयार सॉफ्टवेयर का इन्टीग्रेशन वाहन पोर्टल एवं ई-चालान पोर्टल से किया गया है। इससे वाहन की नम्बर प्लेट के आधार पर चालान स्वतः जेनरेट हो सकेंगे, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। 



इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक, आयुक्त राज्य कर डॉ. अहमद इकबाल, निदेशक आईटीडीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को सचिवालय में गुरूद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने भेंट की। 

Helminth sahib trust manager meet to CM Dhaami


उन्होंने इस वर्ष आरम्भ हो रही श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा के पहले जत्थे को रवाना करने का अनुरोध किया। यात्रा का पहला जत्थ 17 मई 2023 को ऋषिकेश से रवाना होगा। उन्होंने कहा कि श्री हेमकुण्ट साहिब के कपाट 20 मई को खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी को हेमकुण्ट साहिब की सुखद यात्रा की शुभकानायें देते हुए कहा कि हेमकुण्ट यात्रा के लिये यात्रा मार्ग पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें की गई हैं। 

      अध्यक्ष गुरूद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब श्री नरेंद्रजीत सिंह ने हेमकुण्ट यात्रियों की सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के प्रति मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने यात्रा मार्ग श्री हेमकुण्ट साहिब गोबिन्द धाम, गोबिन्द घाट व अन्य स्थानों पर सरकार द्वारा किए गए अवस्थापना विकास कार्यों की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब में पिछले वर्ष हेलीपेड का निर्माण किया गया है जो वर्ष 2023 में पूर्ण किया जाएगा। गोबिन्द धाम से श्री हेमकुण्ट साहिब 6 किमी० के मार्ग पर रेलिंग का निर्माण किया गया जिन जगहों पर मोड़ की चौड़ाई कम थी उनका सुधारीकरण किया गया है। यत्रा हेतु 500 मीटर का एक अलग मार्ग का कार्य भी तेजी से चल रहा है। गोबिन्द धाम में घोड़ा पड़ाव का कार्य भी शुरू हो चुका है। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया गया है।  गांव पुलना जहां से पैदल यात्रा शुरू होती है. 10 किमी0 के ट्रैक पर म्यून्डार गांव में 165 मीटर लंबा पुल बनकर तैयार हो चुका है व दोनों तरफ की एपरोच रोड़ भी तैयार कर दी गई है।   पुलना से गोबिन्द धाम तक के ट्रैक पर 10 रेन शेल्टर शेड बैंच लगाकर यात्रियों के बैठने के लिए तैयार किए गए हैं। 

       गोबिन्द घाट से 5 किमी0 तक का पुलना सड़क मार्ग तैयार किया गया है। पुलना गांव में टैक्सी चालकों के लिए दो अलग-अलग पार्किंग का निर्माण किया गया है। गोबिन्द घाट गुरूद्वारा से गांव पांडुकेश्वर की ओर नदी से सुरक्षा के लिए दीवार का कार्य भी तेजी से चल रहा है। यात्रियों की गाड़ियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा गोविन्द घाट में एक अस्थायी पार्किंग का निर्माण भी इस वर्ष किया गया है। गोबिन्द पाट गुरूद्वारा हॉस्पिटल में भी एक एक्स-रे मशीन व मोबाईल पैथोलॉजी लैब  सरकार द्वारा लगाई गई है। यात्रियों के लिए शुद्ध पीने के पानी के लिए एक आर.ओ. की व्यवस्था भी की गई है। गोबिन्द घाट बस स्टैंड से गुरुद्वारा जाने के लिए जो पुराना मार्ग था उसके सुधारीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

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