मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र में चारधाम यात्रा- 2023 के सफल संचालन हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा आयोजित टेबल टॉप एवं मॉक अभ्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर आपदा प्रबंधन के लिए किये जा रहे मॉक अभ्यास का वर्चुअल अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से यात्रा के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी भी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा शुरू होने से पूर्व सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी हो जाएं। इस अवसर पर अधिकारियों ने मॉक ड्रिल में आपदा प्रबंधन के लिए की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
*एनडीएमए एवं एसडीएमए की निगरानी में हुआ चारधाम यात्रा के सफल संचालन एवं बेहतर आपदा प्रबन्धन हेतु मॉक एक्साइज*
एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण) ने उत्तराखण्ड में 22 अपै्रल को प्रारम्भ होने वाली चारधाम यात्रा के सफल संचालन तथा राज्य में बेहतर आपदा प्रबन्धन हेतु डिजास्टर मेनेजमेंट सिस्टम को मोडिफाई करने, सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच बेहतर समन्वय व प्रभावी कम्युनिकेशन, आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी के अधिकाधिक इस्तेमाल, ड्रोन का उपयोग व ड्रोन सहित सभी संसाधनों की जीआईएस मैपिंग, भूकम्प जैसी आपदाओं के दौरान सेटेलाइट इमेजनरी के उपयोग, राज्य के सभी अस्पतालों को आपदाओं के दृष्टिगत अपने इमरजेंसी सिस्टम को मोडिफाई करने, अस्पतालो को अपनी सर्ज कैपिसिटी बढ़ाने, अस्पतालों को एक प्रभावी आपदा प्रबन्धन प्लान को अपनाने के सुझाव दिए है। एनडीएमए ने सुझाव दिए है कि राज्य में आपदाओं के बेहतर प्रबन्धन हेतु विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के मध्य प्रभावी कम्युनिकेशन हेतु दोतरफा संवाद को कायम करना होगा। इसके साथ ही एनडीएमए का सुझाव है कि चारधाम यात्रा के दौरान विभिन्न यात्रा रूट्स पर यात्रियों की संख्या या रियल टाइम इन्फोर्मशन को प्रत्येक 24 घण्टें में अद्यतन व प्रदर्शित किया जाना चाहिए। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को यात्रा के दौरान संभावित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। एनडीएमए ने आपदाओं के बेहतर प्रबन्धन हेतु एक्शन बेस्ड प्लान पर बल दिया। इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं वाले राहत शिविरों की पूर्व में ही व्यवस्था हेतु भी सुझाव दिए गए। चारधाम यात्रा तथा आपदाओं के प्रबन्धन के दौरान ट्रैफिक कण्ट्रोल, क्राउड मैनेजमेंट, चारो धामों के विभिन्न आपदा संभावना वाले स्थानों पर अतिरिक्त पुलों (ब्रिज) की व्यवस्था की बात भी कही गई।
राष्ट्रीय
आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा 22 अपै्रल को प्रारम्भ
होने जा रही चारधाम यात्रा 2023 का सफलतापूर्वक संचालन तथा आपदा प्रबन्धन
का मॉक अभ्यास गुरूवार को चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी,
हरिद्वार एवं देहरादून जिलों में सफलतापूर्वक संचालन हुआ। सचिव उत्तराखण्ड
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण डा. रंजीत कुमार सिन्हा तथा एनडीएमए सदस्य
मेजर जनरल सुधीर बहल ने राज्य प्रशासन, जिला प्रशासन, एनडीआरफ, एसडीआरएफ,
आईटीबीपी व अन्य सम्बन्धित उच्चाधिकारियों के साथ सम्पूर्ण टेबिल टॉप
अभ्यास एवं मॉक अभ्यास की समीक्षा की। मॉक अभ्यास के बाद सम्बन्धित जिला
प्रशासन एवं एनडीएमए द्वारा तैनात ऑबजर्वर से मॉक अभ्यास के दौरान गुड
प्रैक्टिसिज, चुनौतियों तथा बेहतर आपदा प्रबन्धन हेतु सुझाव आमंत्रित किये
गए।
सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने अग्निजनित आपदाओं से निपटने के लिए पेयजल विभाग को राज्य में विभिन्न स्थानों पर वाटर टैंक भरने हेतु बनाये टैंकों के पुर्नद्धार हेतु तत्काल डीपीआर बनाकर शासन को भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सचिव डा. सिन्हा ने सभी सम्बन्धित जिलाधिकारियों से आपदा प्रबन्धन हेतु बेहतरीन एवं आधुनिकतम संसाधनों के उपयोग की बात कही। उन्होंने आपदा प्रबन्धन में सुधार हेतु जल्द ही साइलेंट मॉक एक्साइज की भी बात की।
विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं का हो त्वरित समाधान- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाई जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रीष्म काल में लोगों को पेयजल की किल्लत न हो। विकास कार्यों में तेजी लाने तथा क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी कार्यों की प्रगति को देखने के लिए अधिकारियों को क्षेत्र आवंटित करें एवं समय-समय पर स्वयं निरीक्षण करें। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से तहसील स्तर पर भी आवश्यक उपकरणों एवं मानव संसाधन की पूरी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन, उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सराकर द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य शिक्षा, कनेक्टिविटी को और सृदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
बैठक में विधाकगणों द्वारा सड़कों के निर्माण एवं सुदृढ़कीरण, पेयजल के लिए हैण्डपम्पों की आवश्यकता, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने, बाढ़ सुरक्षा के कार्य, कूड़ा निस्तारण की समस्या, ड्रेनेज एवं सीवरेज की समस्या एवं अपने क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगणों द्वारा जो भी जन समस्याएं रखी गई हैं, उनका हर संभव समाधान किया जायेगा।
बैठक के दौरान विधायकगणों ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की जा रही पहल की सराहना की। उन्होंने इस पहल को राज्य के व्यापक हित में भी बताया।
बैठक में विधायक श्री प्रीतम सिंह, ई. रवि बहादुर, श्रीमती ममता राकेश, श्री वीरेन्द्र कुमार, श्री फुरकान अहमद, श्री सरवत करीम अंसारी, श्री शहजाद, श्रीमती अनुपमा रावत, श्री संजय डोभाल, श्री विक्रम सिंह नेगी, श्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, श्री बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार श्री एच.सी. सेमवाल, श्री दीपेन्द्र चौधरी, डॉ. आर राजेश कुमार, शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागीय अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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