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                               यूथ-20 इंडिया के तहत एम्स ऋषिकेश के नर्सिंग अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। ’संचार कौशल’ क्षमता निर्माण विषय पर आधारित इस कार्यशाला में सेवाभाव के प्रति नर्सों को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। 


आईआईटी हैदराबाद के सहयोग से एम्स ऋषिकेश में आयोजित संचार कौशल कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि नर्सिंग का क्षेत्र रोगियों की सेवा हेतु पूर्ण रूप से समर्पित सेवाभाव का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में संचार कौशल के माध्यम से हमें रोगियों की सेवा हेतु नर्सिंग कार्यों में दक्ष होने की आवश्यकता है।                                 यूथ-20 रन अप इवेंट के रूप में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने प्रभावी संचार कौशल के अभ्यास के माध्यम से नर्सों को सशक्त बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नर्सिंग सेवा से जुड़े लोगों को संचार कौशल में दक्षता हासिल कर अपने कार्य और जिम्मेदारियों के प्रति पूर्णरूप से सशक्त होने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब हम रोगी और देखभाल प्रदाता के बीच एक मजबूत और भावनात्मक दृष्टिकोण अपनाएंगे।


                                                     डीन एकेडेमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि नर्सों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता के साथ एक-दूसरे के बीच अपनी बातचीत का प्रबंधन करना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों और रोगी के बीच आपसी विश्वास मजबूत होता है।                                                   


 चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि प्रभावी संचार कौशल में न केवल स्पष्ट और सटीक तरीके से चिकित्सा जानकारी को संप्रेषित करना होता है, बल्कि रोगियों के साथ लगातार अपनी सुहानुभूति प्रकट करने की कला भी इसमें शामिल है।


मुख्य नर्सिंग अधिकारी श्रीमती रीटा शर्मा ने भी नर्सिंग अधिकारियों को प्रत्येक रोगी के साथ सरल भाषा में संवाद स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि रोग और उपचार से संबन्धित रोगियों की पूरी बात सुननी और समझनी चाहिए।                 काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा ने कार्यशाला के बारे में बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में संसाधनों की कमी को देखते हुए कार्यशाला में नर्सिंग अधिकारियों को बुनियादी कौशल प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही कार्यशाला में नर्सिंग स्टाफ को रोगियों की बात को सहजता से सुनकर कठिन परिस्थितियों में भी सेवा हेतु स्वयं को तैयार रखने का अनुभव समझाया गया। 


                                                अतिथि वक्ता लिबरल आर्ट्स विभाग, हैदराबाद के एसोसिएट प्रो. डॉ. महती चित्तेम और मैक्स हेल्थ केयर अस्पताल, दिल्ली के वरिष्ठ साईको ऑन्कोलॉजिस्ट सुश्री हिबा सिद्दीकी ने भी कार्यशाला में व्याख्यान दिया। आयोजन सचिव काॅलेज ऑफ नर्सिंग की  एसोसिएट प्रो. डाॅ. जेवियर बेलसियाल ने बताया कि वर्कशॉप में एक्टिव लिसनिंग, ओपन एंडेड प्रश्न पूछना, पेशेंट को कनेक्ट करना और ऑब्जर्व करना, ब्रेकिंग बैड न्यूज, पेशेंट केयर सिचुएशन को हैंडल करना और सेल्फ अवेयरनेस आदि विषयों पर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए। अलग-अलग सत्रों में विभिन्न प्रतिभागियों ने रोल प्ले और विचार-मंथन सहित अन्य सभी गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के फैकल्टी सदस्य, ट्यूटर्स, एमएससी नर्सिंग के छात्र और नर्सिंग अधिकारी शामिल हुए ।

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