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 देशभर में 17 वां स्थान हासिल कर भूवैज्ञानिक बने, उत्तराखंड  के राहुल जोशी

फ्लाइंग अफसर बन कर उत्तराखंड की बेटियों के समक्ष एक मिसाल प्रस्तुत की ,सोनाली बिष्ट  ने

 

rahul joshi Geoscientist crack UPSC EXAM



अल्मोड़ा दन्या निवासी राहुल जोशी ने यूपीएससी  भूवैज्ञानिक पद की परीक्षा में  उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।  संघ लोक सेवा आयोग की भूवैज्ञानिक पद की परीक्षा में देशभर में 17 वां स्थान हासिल अपने माता-पिता और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। 


विगत दिवस यूपीएससी ने परीक्षा परिणाम जारी किया। जिसमें मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के दन्या व वर्तमान में शेरवानी क्षेत्र मल्लीताल निवासी राहुल जोशी का संघ लोक सेवा आयोगपरीक्षा पास कर भूवैज्ञानिक पद पर चयन हुआ है। 


राहुल के पिता गणेश दत्त जोशी  एक होटल में काम करते हैं। जबकि हेमा जोशी गृहणी है। राहुल ने 12 वीं तक की शिक्षा शहर से हासिल की है। जबकि बीएससी व एमएससी प्रथम श्रेणी में कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर से पास किया है। आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद राहुल हौंसला नहीं  डिगा और उन्होंने  दिखा दिया कि अगर  मेहनत से काम करेंगे तो एक दिन बड़ा सा बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं। 

 

दूसरी तरफ उत्तराखंड की बेटी  पौड़ी गढ़वाल जिले के रणस्वा गांव निवासी सोनाली बिष्ट  ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर बन कर उत्तराखंड की बेटियों के समक्ष एक मिसाल प्रस्तुत की है।

 सोनाली बिष्ट की विगत 21 जनवरी 2023 को वायुसेना में कमीशन प्राप्त कर फ्लाइंग अफसर बनी है। सोनाली की  मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के रणस्वा गांव निवासी है। 

sonali bisht flying officer uttarakhand


वर्तमान में सोनाली का परिवार कोटद्वार क्षेत्र के कोटडीढ़ाग  में रहता है। सोनाली के पिता हसवंत सिंह बिष्ट भारतीय सेना से सेवानिवृत्त है। उनके दादा भोपाल सिंह बिष्ट, नाना सूबेदार मोहन सिंह नेगी भी सेना में रहकर मां भारती की सेवा कर चुके हैं। बड़े भाई शुभम बिष्ट भी भारतीय सेना कार्यरत हैं तथा वर्तमान में उनकी तैनाती बतौर कैप्टन अलवर राजस्थान में है। ऐसे में अब बेटी का चयन सेना में होने पर घर में खुशी का माहौल है।


सोनाली ने शुरूआती शिक्षा कोटडीढांग के ज्ञानोदय विद्यालय से जबकि 12वीं की पढ़ाई डीएवी कॉलेज से की है। इसके बाद सोनाली ने बीटेक किया। फिर उन्होंने एक वर्ष तक विप्रो में जाब की। वर्ष 2020 में उनका चयन फ्लाइंग अफसर के लिए हो गया, जिसके बाद एएफटीसी से दो वर्ष का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर बीते 21 जनवरी को वह भारतीय वायुसेना सेना में शामिल हो गई।

 

 

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