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 ऋषिकेश  :  


 जिंदगी की आखरी  जंग लड़ रहे कैंसर  रोगियों  के लिये  रायवाला स्थित गंगा प्रेम हास्पिस जीने का सहारा बना हुआ है। यहां न केवल कैंसर पीड़ित मरीजों की सेवा और देखरेख की जा रही है, बल्कि संस्था के सेवक उन्हें जीने का हौसला भी दे रहे हैं। वर्तमान में यह संस्था आखिरी अवस्था (अंतिम स्टेज) के 200 से अधिक कैंसर रोगियों की देखभाल कर रही है। 

दरअसल अंतिम स्टेज का कैंसर न केवल लाइलाज है, बल्कि बेहद कष्टदायक भी है। ऐसे मरीजों को को स्वजन घर पर ले जाकर ही उनकी सेवा करते है। लेकिन कैंसर से होने वाली असहनीय पीड़ा और घावों से होने वाला दर्द, जिंदगी को बेहद दुखदायी बना देता है। इस दुख दर्द को बांटने में गंगा प्रेम हास्पिस के सेवादार पिछले दस वर्ष से लगातार जुटे हैं। कई ऐसे रोगी भी होते हैं जिनकी घर पर देखभाल व सेवा करने वाला कोई नहीं। ऐसे रोगियों की सेवा व देखभाल का जिम्मा भी गंगा प्रेम हास्पिस संभाल रहा है।समन्वयक पूजा डोगरा ने बताया कि जिन रोगियों का घर पर कोई सहारा नहीं उनका गंगा प्रेम हास्पिस है। वह अंतिम समय में सहारा पाने के लिए हास्पिस का ही सहारा ढूंढते हैं। 



यह उत्तराखंड का पहला व उत्तर भारत का दूसरा हास्पिस है, जहां पर रोगियों की नि:शुल्क सेवा की जा रही है। यदि किसी की मौत हो जाये तो कानूनी प्रक्रिया और उसके धर्म के विधान से अंतिम संस्कार का दायित्व भी हॉस्पिस के कार्यकर्त्ता निभाते हैं।

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