लच्छीवाला/डोईवाला:
लगता है लच्छीवाला जंगल क्षेत्र को मेडिसिन डंपिंग प्लेस समझकर तथाकथित दवाई निर्माताओं की कम्पनी ने जंगली जानवरों को मौत देने का फैसला ले लिया है। पुलिस, वन विभाग, सीसीटीवी कैमरे सभी के डर से दूर इन कम्पनियों द्वारा दूसरी बार ऐसी हरकत की गई है।
अवधि पार एक्सपायर व प्रतिबंधित दवाइयों को नेक्स्ट एवोल्यूशन ऑफ वर्ल्ड न्यू संस्था ने एमपीसीसी की मदद से नष्ट किया , परन्तु इसके उपरांत एक बार पुनः भारी मात्रा में खुले आम देहरादून हरिद्वार नेशनल हाईवे से सटे जंगल लछीवाला सड़क किनारे बहुत बड़ी मात्रा में जहरीली दवाइयों को फेंका जा रहा है।
इस तरह की लगातार घटनाएं सामने आ रही है परंतु संबंधित विभागों द्वारा इन दवाई निर्माताओं कंपनियों के ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही खुले में पड़ी इन दवाओं से कोई खतरनाक बीमारी फैलने का भय क्षेत्र में बना हुआ है।
समय रहते इन दवाइयों को जंगल में से ना उठाया गया ,तो जंगली हाथी बंदर हिरण गाय एवं अन्य पशु पक्षियों के द्वारा इन दवाइयों को खाने से इन बेजुबान जानवरों की मौत हो सकती है।
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