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कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने जोशीमठ में सम्भाला मोर्चा

अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर प्रभावितों को राहत पहुंचाने में जुटे

कहा, आपदा पीडितों के प्रति संजीदा है सरकार


देहरादून/जोशीमठ :




सूबे के कैबिनेट मंत्री और चमोली जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर जोशीमठ में मोर्चा सम्भाल लिया है। जोशीमठ पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे पीड़ितों का हाल-चाल जाना। उन्होंने भू-धंसाव से प्रभावित सभी लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ है। डॉ0 रावत ने भू-धंसाव वाले विभिन्न क्षेत्रों में जाकर स्थलीय निरीक्षण कर स्थानीय प्रशासन व राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों के रहने की समुचित व्यवस्था करने व राहत कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिये। 


भू-धंसाव से पीड़ित लोगों के बीच जोशीमठ पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि सरकार हर मोर्च पर भू-धंसाव से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन को देखते हुये सरकार द्वारा लगातार राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही स्थायी/अस्थायी पुनर्वास से सम्बन्धित कार्य किये जा रहे हैं। जिसके लिये स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ की 02 टुकड़ी जबकि एसडीआरएफ की 08 टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है। इसके अलावा किसी भी आपात स्थित के लिये सेना व आईटीबीपी के हैलीकॉप्टर तैनात किए गए है। डॉ0 रावत ने बताया कि फिलहाल उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं। वह जोशीमठ में रहकर राहत व पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। प्रभारी मंत्री डॉ0 रावत ने शुक्रवार सुबह युवा रेडक्रास सोसाइटी का दौरा किया, जहां उन्होंने सोसाइटी द्वारा किये जा रहे राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने यूथ रेडक्रास को जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिये। इसके उपरांत डॉ0 रावत ने जिला प्रशासन सहित राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें  उन्होंने अधिकारियों से राहत व पुनर्वास संबंधी कार्यों की तमाम जानकारियां ली। उन्होंने आपदा की संवेदनशीतला को देखते हुये जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने को कहा, साथ ही उन्होंने अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की भी हिदायत दी। डॉ0 रावत ने बताया कि मामले की संवदेनशीलता को देखते हुये जोशीमठ में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पीड़ित परिवारों के रूटीन चैकअप के भी निर्देश दिये गये हैं। डॉ0 रावत ने शुक्रवार को एक-एक राहत शिविर में पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना, साथ ही उन्होंने भू-धंसाव से प्रभावित लोगों को राहत राशि के चैक वितरित किये। इस दौरान उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पहले गुरूवार देर रात को डॉ0 रावत ने राहत शिविरों का दौरा कर वहां रह रहे पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित भाजपा कार्यकर्ता और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। 


जोशीमठ से कैबिनेट बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े डॉ0 धन सिंह रावत* 

भू-धंसाव प्रभावितों के बीच पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से कैबिनेट बैठक में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि सरकार जोशीमठ प्रकरण को लेकर संजीदा है और इसके लेकर कैबिनेट में एक दर्जन फैसले लिये गये, ताकि प्रभावित लोगों की अधिक से अधिक मदद की जा सके। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार राहत व पुनर्वास कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर नजर बनाये हुये हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। 


*: जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक आयोजित की गई। मंत्रीमण्डल की बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु एवं सचिव अपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की बिंदुवार जानकारी दी। 


1- जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों / व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन / विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि ₹ 1 लाख (जिसका समायोजन किया जायेगा ) तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोज्य धनराशि ₹ 50 हजार अर्थात कुल 1.5 लाख आवंटित किये जाने हेतु राज्य आकस्मिकता निधि से ₹ 45 करोड़ की धनराशि पत्र दिनांक 11.01.2023 के द्वारा अवमुक्त की गयी है। उक्त के सम्बन्ध में मा० मंत्रीमंडल द्वारा कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया।


2- जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों ( कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम - गौख सेलंग, ग्राम - ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास हेतु चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के उपरान्त प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है | मंत्रिमण्डल द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के मध्य सर्वे कराते हुए भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया जायेगा ।


3- शासनादेश सं0 763, दिनांक 02.09.2020 के द्वारा आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति, जो कि किराये के मकान पर निवास करते है, उनको किराये के रूप में अधिकतम 6 माह के लिये प्रतिमाह ₹ 4000 की धनराशि मा० मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जाने की व्यवस्था है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों हेतु उक्त किराये की धनराशि ₹ 4,000 प्रतिमाह से बढाकर ₹ 5,000 प्रतिमाह किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। उक्त के साथ ही जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मा0 मुख्यमंत्री की जी को अधिकृत किया गया ।


4- भू-धंसाव / भू-स्खलन प्रभावित परिवारों को होटल / आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने हेतु एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार वास्तवित व्यय अथवा ₹950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जायेगा। उक्त के साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति हेतु भोजन के लिये प्रतिदिन ₹ 450 उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन हेतु प्रतिदिन ₹ 450 धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन हेतु ₹15 हज़ार दिए जाएँगे, इसके अतिरिक्त बड़े पशुओं के चारे के लिये ₹ 80/- प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिये ₹ 45/- प्रति दिन की धनराशि सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी ।



5- जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं में से M/S WAPCOS Limited Gurugram को टो-इरोजन तथा भू - धसाव / भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ई०पी०सी० मोड में कराये जाने हेतु एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने हेतु यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डी०पी०आर० तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मा० मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।


6- भू-धंसाव / भू-स्खलन से प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके उपरान्त उनकी भूमि तथा निर्मित भवन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मा0 मंत्रिमण्डल द्वारा एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।


7- जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा। 


8- भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के द्वारा निर्गत एस०डी०आर०एफ० के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी। जोशीमठ की आपदा को दृष्टिगत रखते हुये राहत शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों को एस०डी०आर०एफ० के मानकों से सम्बन्धित भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के साथ संलग्न सूची के कमांक संख्या - 01 (ड) को लागू करते हुये राहत शिविर में निवास करने की अवधि तक के लिये, मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत राशि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में मा0 मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।


*इसके अतिरिक्त कैबिनेट द्वार 4 अन्य विषयों पर भी सहमति दी गई है।*



1- माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया ।


2- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए। 


3- उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है। 


4- जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मा0 मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया।


5- जोशीमठ भू धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

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