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  • प्रभावित क्षेत्र से जो लोग विस्थापित होंगे, उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी विस्तृत योजना बनाई जाए: मुख्यमंत्री श्री धामी 
  • श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजेंद्र अजय ने भेंट  जोशीमठ में भूधंसाव क्षेत्र में प्रभावितों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 05 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा।
  •  जोशीमठ में राहत शिविरों में कक्षों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है
  • अग्रिम राहत के तौर पर 3.27 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि 218 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई                                           


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजेंद्र अजय ने भेंट की। उन्होंने जोशीमठ में भूधंसाव क्षेत्र में प्रभावितों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 05 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। यह धनराशि श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति  के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष श्री किशोर पंवार के एक माह के वेतन  तथा अधिकारियों व कर्मचारियों के एक दिन के वेतन से दी गई।


 इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री योगेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्र के जिन परिवारों को अन्यत्र सिफ्ट किया गया है, शीतलहर के दृष्टिगत उन सभी परिवारों को हीटर एवं अलाव की पूरी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र के लोगों को पुनर्वास एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी, इसका गहनता से आंकलन किया जाए। जिलाधिकारी चमोली से लगातार समन्वय रखकर एवं स्थानीय लोगों के सुझावों के आधार पर सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आंकलन किया जाए। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जो लोग विस्थापित होंगे, उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी विस्तृत योजना बनाई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो लोग विस्थापित होंगे, उनकी आजीविका प्रभावित न हो। इसके लिए अभी से योजना बनाकर आगे कार्य करें। जिन स्थानों पर प्रभावितों को विस्थापित किया जायेगा, उनको सरकार द्वारा हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं भी निकट हैं, प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाई एवं परीक्षा देने में किसी भी प्रकार से परेशानी न हो, इसके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।  

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा एवं श्री एस.एन. पाण्डेय उपस्थित थे।


     सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.27 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि 218 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है।

 इसके अतिरिक्त प्रभावित 08 किरायेदारों को भी 50 हजार रूपये प्रति परिवार के हिसाब से 04 लाख रूपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में आवंटित की गयी है। जोशीमठ के नगर पालिका क्षेत्र में 18 प्रसूता महिलाएँ है, जो वर्तमान में राहत शिविरों में नहीं है। यह प्रसूता महिलाएँ स्वयं के आवासों में रह रही हैं। जिनका निरन्तर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। राहत शिविरों में 10 वर्ष से कम आयु के 81 बच्चे हैं, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। डा0 सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में विभिन्न तकनीकी संस्थानों द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण एवं अध्ययन कार्य निरन्तर जारी है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पुनः जोशीमठ के आपदा प्रबन्धन कार्यों के सम्बन्ध में बैठक ली।

      सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 250 एल.पी.एम है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 650 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2919 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। जोशीमठ में राहत शिविरों में कक्षों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01,  सिंहधार में 02,  मनोहरबाग में 05,  सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 269 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 900 है। 

        प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।q

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