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देहरादून:

Naac accrediation workshop in DIT Dehradun



राज्य में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता एवं रोजगारपरक मूल्य आधारित शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसके लिये प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान को नैक एक्रिडिएशन कराना होगा, शिक्षण संस्थानों में संसाधनों की उपलब्धता, फैकल्टी की तैनाती, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं एवं अन्य गतिविधियों के आधार पर संस्थानों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा ग्रेडिंग दी जायेगी। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुये निकट भविष्य में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में नैक प्रशिक्षण की पांच कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। 


उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने यह बात उच्च शिक्षा विभाग द्वारा डीआईटी विश्वविद्यालय के सहयोग से देहरादून में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में कही। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 35 विश्वविद्यालय, 119 राजकीय महाविद्यालय, 21 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय एवं 300 से अधिक निजी उच्च शिक्षण संस्थान है। जिनमें लगभग पांच लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। राज्य के शिक्षण संस्थानों में देश्भर के विभिन्न प्रांतों सहित 19 अन्य देशों के छात्र-छात्राएं भी अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य सरकार ने अपने सभी विश्वविद्यालयों में भवन सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने काम पूर्ण कर लिया है, जबकि सभी राजकीय महाविद्यालयों में भवन के साथ ही शतप्रतिशत फैकल्टी एवं प्राचार्यों की तैनाती कर दी गई है। अब सरकार का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता एवं रोजगारपरक शिक्षा देना है। राज्य के सभी सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों को मार्च 2023 तक अनिवार्य रूप से नैक मूल्यांकन कराने के निर्देश दे दिये गये हैं, इसके लिये प्रत्येक शिक्षण संस्थान को एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करना होगा जो कि नैक एक्रिडिएशन प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग कर अपने संस्थान में संबंधित औपचारिकताएं पूरा कराने में सहयोग करेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि शिक्षण संस्थानों की सहूलियत के लिये राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में शीघ्र ही नैक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक सूबे में 25 मॉडल कॉलेज तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं को एनसीसी, एनएसएस, रोवर रेंजर, स्वच्छता, साक्षरता, पर्यावरण आदि विभिन्न परम्परागत एवं स्थानीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा, इसके लिये एनईपी-2020 के अंतर्गत पाठ्यक्रम में भी उपरोक्त सभी विषयों को समावेश किया जायेगा। कार्यक्रम में डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं पूर्व मुख्य सचिव ए0 रविशंकर ने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थान एक दूसरे के पूरक के रूप में कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों को राज्य सरकार के नियमों के अंतर्गत ही स्वायत्ता मिलनी चाहिये। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने दो दिवसीय चिंतन शिविर की कार्ययोजना एवं चर्चा के बिन्दुओं पर प्रकाश डाला, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो0 जगदीश प्रसाद ने चिंतन शिविर में आये सभी अतिथियों एवं शिक्षाविदों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक उच्च शिक्षा डॉ0 दीपक पाण्डेय ने किया। 


चिंतन शिविर में डीआईटी विवि के चैयरमैन अनुज अग्रवाल, रूसा सलाहकार प्रो0 एम0एस0एम0 रावत, प्रो0 के0डी0 पुरोहित, अपर सचिव सचिव प्रशांत आर्य, एम0एम0 सेमवाल, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के प्रो0 श्रीकांत स्वामी, डॉ0 निलेश पाण्डेय, डॉ0 बी पोंमुदिराज, डॉ0 विष्णुमहेश, ईडीआईआई के पॉलिसी इंचार्ज डॉ0 अमित द्विवेदी, समस्त निजी व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, चेयरमैन, कुलसचिव, निदेशक व समस्त शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य, नोडल नैक एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। 

1.सीएम धामी ने किया दो दिवसीय नैक प्रत्यायन कार्यशाला का शुभारम्भ* 

उच्च शिक्षा विभाग एवं डीआईटी विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित उच्च शिक्षा चिंतन शिविर अंतर्गत दो दिवसीय राज्य स्तरीय नैक प्रत्यायन कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विधिवत शुभारम्भ किया गया। डीआईटी विवि देहरादून के सभागार में आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री धामी ने उच्च शिक्षा विभाग की इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गुणवत्ता एवं रोजगारपरक शिक्षा जरूरी है। इसके लिये प्रदेश के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों को अभी से तैयारी करनी होगी। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि तो ही यह ऋषि मुनियों की तपस्थली, ज्ञान, आयुष, योगा व अध्यात्म के लिये प्रसिद्ध रहा है। इसके पुराने वैभव और पहचान को हमें वापस लाना होगा, जोकि इस प्रकार के चिंतन शिविरों के आयोजनों से ही सार्थक हो सकता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की क्वालिटी फैक्ट सीट एवं उच्च शिक्षा पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया। 


*2.उच्च शिक्षा विभाग ने किये विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं से एमओयू साइन*

राज्य स्तरीय चिंतन शिविर में उच्च शिक्षा विभाग ने देश के तीन प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये। जिसमें भारतीय उद्यमिता संस्थान, अहमदाबाद, एडुनेट एवं अमृता विश्व विद्यापीठम शामिल है। भारतीय उद्यमिता संस्थान प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता, रोजगार कौशल और गुणवत्तापरक शिक्षा में सहयोग प्रदान करेगा, एडुनेट के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं फैकल्टी को निःशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा जबकि अमृता विश्व विद्यापीठम अपने मटेरिल साइंस केन्द्र एवं वर्चुअल लैब के माध्यम से विज्ञान विषय में शोध एवं अन्य गतिविधियों में सहयोग करेगा। समझौता ज्ञापन के तहत महानिदेशक भारतीय उद्यमिता संस्थान अहमदाबाद डॉ0 सुनील शुक्ला ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। ईडीआईआई राज्य में स्टार्टअप एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये हर संभव सहयोग करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार के सहयोग से अपना क्षेत्रीय केन्द्र भी स्थापित करेगी साथ ही प्रदेश की चिन्हित संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करेगी। 


*3.उत्तराखंड में खुलेगा नैक का क्षेत्रीय कार्यालय* 

उच्च शिक्षा चिंतन शिविर एवं नैक प्रत्यायन कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) बंगलुरू के निदेशक प्रो0 एस0सी0 शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की ओर से अपने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक मूल्यांकन कराने का जो निर्णय लिया गया है वह निश्चित रूप से सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा वर्तमान परिस्थितियों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिएशन कराना आवश्यक हो जाता है। राज्य सरकार की इस दिशा में पहल अनुकरणीय है। जिसको देखते हुये राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद उत्तराखंड में शीघ्र ही अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगा। ताकि शिक्षण संस्थानों को नैक मूल्यांकन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की पहल पर राज्य के विभिन्न जनपदों में नैक मूल्यांकन कार्यशालाएं भी आयोजित की जायेगी। इसके अलावा राज्य सरकार परिषद से जो भी सहयोग की मांग करेगी उसको हर संभव पूरा किया जायेगा। प्रो0 शर्मा ने राज्य में मैटेरियल सांइस सेंटर की स्थापना का भी आश्वासन दिया। जिस पर करोड़ की लागत आयेगा जिसका लाभ यहां के उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्रओं एवं शोधार्थियों को विशेष रूप से मिलेगा।  


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