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 श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति प्रचार एवं जनसंपर्क कार्यालय बंद करने पर भरत मंदिर ट्रस्ट ने भेजा कानूनी नोटिस


• मंदिर समिति  दानीदाता के भूमिदान प्रयोजन एवं  चारधाम यात्रियों की सेवा भावना के विपरीत कार्य को रोका जायेगा।


देहरादून :  5 दिसंबर


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा विगत दिनों चंद्रभागा ऋषिकेश स्थित प्रचार- जनसंपर्क कार्यालय को बंद किये जाने पर  भूमिदान दाता भरत मंदिर ट्रस्ट ऋषिकेश ने मंदिर समिति को  देहरादून से कानूनी नोटिस जारी कर दिया है। इससे मंदिर समिति में हड़कंप मच गया है।

Bktc pro office rishikesh


भरत मंदिर ट्रस्ट के महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा ने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर समिति को प्रचार- जनसंपर्क  कार्यालय हेतु  भूमि दान‌ दी हुई है उद्देश्य स्पष्ट है कि  चारधाम यात्रा मुख्य शुरूआती स्थल तीर्थनगरी ऋषिकेश में तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्गदर्शन तथा चार धाम का प्रचार प्रसार हो सके।

इसके लिए मंदिर समिति को कार्यालय को सभी तरह आनलाइन तथा आफ लाईन सशक्त करना चाहिए न कि धार्मिक संस्थाओं के कार्यालयों को बंद करना चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मंदिर समिति दानीदाता के संकल्प, तथा प्रयोजन के अनुसार कार्य नहीं करेगी तो ट्रस्ट यात्रियों की सेवा के लिए उस जमीन पर पुस्तकालय तथा यात्रियों को प्याऊ, विश्राम स्थल बनाये जाने को आगे आने को तैयार है। लेकिन दान की भूमि का किसी स्तर पर मनमाफिक दुरपयोग नहीं होने दिया जायेगा।  न ही भू प्रयोजन में किसी बदलाव को  भरत मंदिर ट्रस्ट स्वीकार करेगा 

महंत वत्सल शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि धार्मिक संस्थाये अपने को सेवा भाव में जोड़े रखे न कि धनलालसा की होड़ में पुरातन धरोहरों तथा दान की  भू विरासतों में अनावश्यक बदलाव करे।

उन्होंने कहा कि ट्रस्ट इसमें आम जनसमर्थन  निष्पक्ष सेवा भाव से तीर्थयात्रियों के दीर्घकालिक हितों को संरक्षित रखेगा।

मंदिर समिति को प्रचार जनसंपर्क कार्यालय बंद करने के विरूद्ध  कानूनी नोटिस दिये जाने पर डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी, केदार सभा के नव निर्वाचित अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, तीर्थ पुरोहित समिति अध्यक्ष विनय सारस्वत, मंदिर समिति के पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, मंदिर समिति पूर्व सदस्य दिनकर बाबुलकर आदि ने मंदिर समिति को कानूनी नोटिस दिये जाने का स्वागत किया है।

कहा है कि मंदिर समिति को अपने निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए।

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