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  चंपावत:




चंपावत जिला मुख्यालय से 93 किमी दूर स्थित पार्टी विकासखंड के जीआईसी रमक ग्राम सभा विद्यालय में अजीब घटनाएं ही रहीं है। छात्राएं ही इसका शिकार बन रही है।

 सूत्रों से मिल रही सूचना के अनुसार बीते 10 दिनों से विद्यालय में छात्राओं के साथ रोने, चीखने और कक्षाओं से भागने की घटना हो रही है।

 बीते कई दिनों में कई अलग-अलग कक्षा की छात्राएं ऐसी हरकतें कर रही हैं ।

अभिभावक इसे दैवीय प्रकोप बता रहे हैं जबकि शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया मान रहा है।

 पाटी ब्लॉक के रमक जीआईसी में 82 छात्राएं और 69 छात्र अध्ययनरत हैं। प्राप्त जानकारी के के मुताबिक नवंबर के आखिरी सप्ताह से छठीं से इंटर तक की कई छात्राएं अचानक सिर घूमने, सिर दर्द होने की शिकायत के बाद रोने, चिल्लाने के बाद भागने लगती हैं।

 रोज मध्यांतर के बाद पांच से सात छात्राओं को इस तरह की शिकायत होती रही है बीते 10 दिनों में करीब 39 छात्राएं इसकी चपेट में आईं।

 इसमें हर दिन नई छात्राएं भी शामिल होती रही, स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों की बैठक बुलाने के साथ ही मामले की विभागीय उच्चाधिकारियों को जानकारी दी वही इस पूरे मामले में विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षा विभाग पूरी तरह मौन साधे बैठा है।

 इस पूरे मामले को मीडिया से छुपाने में लगे हुए हैं परंतु उनके इस व्यवहार से विद्यालय में छात्राओं के साथ हो रही घटना का छात्राओं के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव को अनदेखा किया जा रहा है।

 वही फोन पर विद्यालय के टीचर से प्राप्त जानकारी के अनुसार नवंबर महीने के अंतिम 10 दिनों में ऐसी घटनाएं लगातार हुई जब बच्चे हो अचानक दौरे पढ़ने लगे जिसकी सूचना तुरंत विद्यालय प्रशासन द्वारा जिला शिक्षा विभाग एवं अभिभावकों को दी गई।

 जिसके बाद जिला अस्पताल से आई चिकित्सकों की टीम के द्वारा बच्चों का निरीक्षण किया गया ।

जिसमें सभी बच्चे स्वस्थ पाए गए चिकित्सीय निरीक्षण के ऐसी कोई भी घटना घटित नहीं हुई है।

ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों के खाद्य पदार्थो में मिलावट इसका कारण तो नही है। किसी प्रकार का नशीला पदार्थ थोड़ी मात्रा में भी बच्चियों को मानसिक शारीरिक रूप से परेशान  कर सजता है। परंतु लगता है उस और किसी का ध्यान नही गया है। कायदे में मध्यांतर के बाद होनेवाली इस घटना के लिये पीने का पानी या भोजन जिम्मेदार हो सकता है। इसकी कठोरतम जांच होनी चाहिए

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