Halloween party ideas 2015

 आज गोपाष्टमी है, गांयों की पूजा  से भगवान् श्री कृष्ण का आशीर्वाद सदैव परिवार पर  बना रहता है।  यूँ तो हिन्दू धर्म में गायों का पूजन  और सम्मान सर्वथा अनिवार्य है  . प्रतिदिन   अन्न में से प्रथम ग्रास गाय का ही निकाला जाता है। 

तभी भी कार्तिक मास  की  अष्टमी को मनाया जानेवाला गोपाष्टमी पर्व गायों के पूजन का दिन है। 

मथुरा वृन्दावन, गोकुल, बृज  आदि स्थानों में श्री कृष्ण भगवान् के साथ गायों की पूजा का अत्यंत महत्त्व है. इस दिन गायों को  मिष्ठान और स्वादिष्ट भोजन का भोग लगाया जाता है. 



 
 
 
कहते है कि  गायों में तैंतीस  करोडे देवी देवता वास करते है।  श्री कृष्ण की मुरली की   धुन पर दौड़ी चली आनेवाली  गायो के  सेवा से श्री कृष्ण भगवान् आनंदित होते है.
*श्री कृष्ण भगवान जी 6 वर्ष की आयु तक बछड़े चराते रहे। फिर उन्होंने नन्दबाबा से बोला कि अब मैं बड़ा हो गया हूँ और आज से गाय चराने जाऊंगा। तब नन्दबाबा ने पंडित जी से शुभ मुहर्त निकालने के लिये कहा तो पंडित जी ने बोला कि जिस दिन से कान्हा गाय चराने जाएंगे वही दिन सर्वश्रेठ होगा। उस दिन कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी थी। बस उसी दिन से इस दिन को गोपाष्टमी नाम से जाना जाता है।*
*आज के दिन जो भी गाय माता की पूजा करता है और उन्हें सच्चे मन से कुछ भी खिलाता है उससे श्री कृष्ण भगवान जी प्रसन्न होते हैं और उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं.



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