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जल्द ही प्रदेश के एक राज्य विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बनाये जाने के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा, इसके साथ ही एक दर्जन राजकीय महाविद्यालयों को मॉडल महाविद्यालय बनाने का प्रस्ताव केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा जायेगा। रूसा के अंतर्गत  उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध कार्यों एवं सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिये कार्य योजना तैयार कर केन्द्र सरकार से अतिरिक्त धनराशि की मांग की जायेगी।  


उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास में विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विभाग के अंतर्गत लम्बित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को विधिवत लागू करने के लिये तैयारियों का भी जायजा लिया। डॉ0 रावत ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रदेश में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जिसका प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा। इसके अलावा राज्य के दर्जन भर राजकीय महाविद्यालयों को मॉडल शिक्षण संस्थान के रूप में तैयार किया जायेगा। जिसकी कार्य योजना बना कर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि रूसा के अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शोध कार्यों एवं सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिये केन्द्र सरकार से अतिरिक्त बजट की मांग की जायेगी।जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को विधिवत प्रस्ताव तैयार करने निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई जिसका शुभारम्भ केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के द्वारा इसी माह किया जाना प्रस्तावित है। डॉ0 रावत ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक एक्रिडिएशन की तैयारियां सुनिश्चित की जाय जिसके लिये शीघ्र ही राज्य के विभिन्न जनपदों में प्रस्तावित आधा दर्जन कार्यशालाओं के आयोजन की तैयारी भी की जाय।


बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्य, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, रूसा सलाहकार प्रो0 एम0एस0एम0 रावत, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो0 ए0एस0 उनियाल, निदेशक बेसिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल सहित विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग अधिकारी उपस्थित रहे।



देहरादून:

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सहकारिता मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज उत्तराखंड राज्य सहकारी परिषद की बैठक हुई। जिसमें परिषद का विधिवत संचालन के लिये वर्ष में कम से कम दो बैठकें आयोजित करने तथा सहकारी योजनाओं का ब्लॉक स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कार्य योजना तैयार करने का निर्णय लिया गया।


विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में आज उत्तराखंड राज्य सहकारी परिषद की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें विभागीय मंत्री ने परिषद द्वारा विगत वर्षों में किये गये कार्यों की समीक्षा की। जिसके तहत परिषद द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से समितियों को बहुउद्देशीय बनाये जाने, प्रत्येक जनपद में न्याय पंचायत स्तर पर एक समिति का संचालन किये जाने, समितियों में कार्यरत सचिवों का स्टेट कैडर तथा लेखाकारों का जिला कैडर बनाये जाने हेतु राज्य सकरार को सुझाव दिये गये। इसके अतिरिक्त समय-समय पर समितियों एवं बैंक शाखाओं का निरीक्षण करने, जनपदों में समिति सचिवों, एडीओ, एडीसीओ तथा बैंक महाप्रबंधकों के साथ बैठक करने के सुझाव भी शामिल हैं। 

परिषद द्वारा भविष्य में सहकारी आंदोलन को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार की गतिविधियों को बढ़ाने, पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन करने, होर्डिंग एवं अन्य संचार माध्यमों से प्रचार प्रसार करने, सहकारी समिति अधिनियम-2002 एवं नियमावली 2004 का प्रकाशन कर सभी समितियों एवं बैंकों में विपणन करने सहित विभागीय शासनादेशों का संकलन कर उन्हें प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया। 

इसके अतिरिक्त समय-समय पर सहकारी गोष्ठियों एवं सम्मेलनों का आयोजन कर विभिन्न योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का निर्णय बैठक में लिया गया। विभागीय मंत्री एवं परिषद के सभापति डॉ0 रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ष में परिषद की कम से कम दो बैठक आयोजित की जाय।  


बैठक में राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष मातवर सिंह रावत, प्रबंध निदेशक आवास संघ/उपभोक्ता संघ ईरा उप्रेती, प्रबंध निदेशक यूसीआरएफ आनंद शुक्ला, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, एम.पी. त्रिपाठी, प्रबंध निदेशक भण्डार निगम मान सिंह सैनी, प्रबंध निदेशक यूसीएफ रामेन्द्री मन्द्रवाल, प्रबंध निदेशक भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड डॉ0 अविनाश, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग डॉ0 नीरज सिंघल, उप निदेशक डेरी विकास विभाग डी0पी0 सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



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