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ऋषिकेश  :




उत्तराखंड सरकार ने  प्रत्येक ब्लाक के  दो राजकीय इण्टर कालेज को अटल विघालय मे बनाने की घोषणा की थी । जहां  शिक्षा  विभाग ने  डोईवाला ब्लाक के  छिददरवाला के  राजकीय इंटर कालेज को जुलाई 2021 में अटल आदर्श विद्यालय में तब्दील कर दिया है। अब विद्यालय उत्तराखंड बोर्ड के बजाए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से सम्बद्ध हो गया है। विद्यालय में हिंदी के साथ ही अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होने लगी है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं आज  भी जस की तस है। विद्यालय में भौतिक संसाधनों का अभाव बना हुआ है।

अटल आदर्श विद्यालय छिद्दरवाला जिस भवन में चल रहा है उसके ज्यादातर कक्ष 42 वर्ष पुराने हैं। विद्यालय की वर्तमान छात्र संख्या 452 है।जूनियर कक्षाओं के कक्ष की क्षमता अधिकतम 25 छात्रों के बैठने की है। वहीं विद्यालय में सिर्फ दो बड़े हालनुमा कक्ष हैं। इंटर विज्ञान वर्ग में 34 व कला वर्ग में 96 छात्र हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षक 96 बच्चों को एक साथ बैठाकर कैसे पढा रहे होंगे। मानक के अनुसार एक कक्षा में अधिकतम 40 छात्र हो सकते हैं। इंटर में संख्या 75 व हाईस्कूल में 60 से अधिक होने पर अतिरिक्त सेक्शन बनाना होता है। लेकिन सेक्शन बनाने पर अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी, जो कि सूरतेहाल में संभव नहीं है। वहीं विद्यालय में सिर्फ 11 कक्षा हैं। सभागार, क्रियाकलाप हाल तथा आधुनिक प्रयोशालाओं का अभाव बना हुआ है। जहां बच्चों को पीने के पानी के लिये दुकानों मे आकर प्यास बुझाते है । वही सफाई कर्मचारी ना होने से स्कूल मे सफाई की जिम्मेदारी स्वयं सेवकों के भरोसे है । जहां स्कूल मे  शिक्षक की सैलेरी के लिये बच्चों से फीस मे अतिरिक्त शुल्क वसूल कर  शिक्षक की नियुक्ति की गयी है ।

जहां  अटल आदर्श विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होनी है, लेकिन जिन विद्यालयों को अटल आदर्श बनाया गया है उनके एक से पांचवीं तक के बुनियादी विद्यालय हिंदी माध्यम से चल रहे हैं। ऐसे में कक्षा छह में पहुंचने पर बच्चे अभी विषयों की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से कैसे करेंगे। वहीं छिद्दरवाला के एकमात्र इंटर कालेज को अंग्रेजी माध्यम में बदल देने से बच्चों के पास हिंदी माध्यम के विद्यालय का विकल्प नहीं बचा है।

जहां  विद्यालय में  पंजीकरण और परीक्षा शुल्क अब सीबीएसई के अनुसार लिया जा रहा है। उत्तराखंड में जहां बोर्ड परीक्षा शुल्क सिर्फ 300 रुपये था वहां अब बच्चों को 1800 रुपये देने पड़ रहे हैं। कक्षा 12 विज्ञान वर्ग का मासिक शुल्क 30, कला वर्ग का 25 व हाईस्कूल का 20 रुपये देना पड़ रहा है।

जहां  विद्यालय में करीब आठ वर्ष पूर्व एक भवन को जर्जर व निष्प्रयोज्जय घोषित कर दिया गया, लेकिन इस भवन को अब तक हटाया नहीं गया है। यह खंडहर भवन छात्रों के लिए कभी भी खतरा बन सकता है।


आदर्श विद्यालयों में यह होनी है सुविधाएं : 

इन स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के अलावा हिंदी के साथ ही अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का विकल्प भी रहेगा। शिक्षकों के सभी पदों पर तैनाती के अलावा अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई, स्मार्ट कक्षाएं, आधुनिक लैब, फर्नीचर और अन्य सभी आधारभूत सुविधाएं भी दी जानी है।

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