Halloween party ideas 2015

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 03 मई को राज्य के चारधामों में से गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 03 मई को गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही 06 मई को भगवान केदारनाथ जी एवं 08 मई को भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, श्रद्धालुओं का अतिथि देवो भवः की परम्परा के अनुरूप राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सफल यात्रा की भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों, विशेषतौर पर राज्य के मुस्लिम नागरिकों को ईद-उल-फितर के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि ईद-उल-फितर आपसी भाईचारे और सौहार्द्र का संदेश लेकर आता है। खुशियों का यह त्यौहार सामाजिक एकता को मजबूत करने के साथ ही भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देता है

मुख्यमंत्री ने अक्षय तृतीया पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष बैशाख माह की तृतीया तिथि को मनाये जाने वाला यह पर्व मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। यह पर्व हम सबके जीवन में सौभाग्य एवं समृद्धि लेकर आए इसकी भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।

मुख्यमंत्री ने दिए कार्मिकों को समय पर कार्यालय उपस्थित होने के निर्देश


अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री सचिवालय में बेहतर कार्य संस्कृति विकसित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात प्रत्येक कार्मिक से यह अपेक्षा की है कि वे प्रातः 9:30 बजे अपने कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करें। इस हेतु आवश्यक है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्वयं अथवा अपने अधीनस्थों से सम्बन्धित निजी स्टाफ / अनुभागों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाय। यदि कोई कार्मिक 3 दिन कार्यालय में विलम्ब से उपस्थित पाया जाता है तो सम्बन्धित कार्मिक के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही हेतु संस्तुति


सचिवालय प्रशासन विभाग को अग्रसारित की जायेगी।


वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जनपदों में वन विभाग के नोडल अधिकारी तैनात किये जाए,शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाय- मुख्यमंत्री

       मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वनाग्नि को रोकने के लिए वनाग्नि से प्रभावित जनपदों में शीघ्र वन विभाग के उच्चाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाय। जनपदों में डीएफओ द्वारा लगातार क्षेत्रों का भ्रमण किया जाए।  वन विभाग, राजस्व, पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ ही जन सहयोग लिया जाए। महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों एवं आपदा मित्रों से भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग लिया जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए। रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। चारधाम यात्रा के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय।


  मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल  को अपनाया जाय। शीतलाखेत के लोगों ने जंगलों और वन संपदा को आग से बचाने के शपथ ली। उन्होंने संकल्प लिया कि वे पूरे फायर सीजन में वे अपने खेतों में कूड़ा और कृषि अवशेष नहीं जलायेंगे। इस क्षेत्र में ग्रामीणों महिला मंगल दल और युवक मंगल दल ने ओण दिवस के रूप में जंगल बचाओ, पर्यावरण बचाओ की शपथ ली। वनाग्नि को रोकने के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों योजनाएं बनाई जाए। दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजना बनाई जाए। इकोनॉमी और ईकॉलॉजी का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाए।


      मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए एक नई कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार से सभी को कार्य करना होगा। वन सम्पदाओं के संरक्षण के साथ ही वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पिरूल के एकत्रीकरण एवं उससे लोगों की आजीविका कैसे बढ़ाई जा सकती है, इसके लिए ठोस नीति बनाई जाए। राज्य में वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा मॉडल तैयार किया  जाए कि इसका संदेश देश-दुनिया तक जाए। वन्य जीवों की सुरक्षा एवं जल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। वनाग्नि को रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के लिए स्कूलों में करिकुलर एक्टिविटी करवाई जाए।  


       वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारी जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दें। वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को जोड़ने के लिए सुनियोजित रणनीति बनाई जाए। वन पंचायतों में फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाए।


      बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री विनोद कुमार सिंघल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार एवं सभी जनपदों से जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं डीएफओ उपस्थित थे।

 

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