Halloween party ideas 2015

 धनौल्टी :

देवेंद्र बेलवाल 




उत्तराखंड में पहाड़ी आलू के उत्पादन के लिये कभी प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धनोल्टी का नाम पहले  लिया जाता था। जहां पहाड़ी आलू की की मांग छोटे और बड़े शहरों में व्यापक स्तर पर होती थी ।आलू के  उत्पादन में सरकारी फॉर्म धनौल्टी का प्रमुख योगदान था ।

लेकिन कुछ समय से धनौल्टी का आलू बाजार में दिखताही नही  है और ना ही इसका उत्पादन सरकारी फॉर्म में हो रहा है ।

धनोल्टी के सरकारी  आलू फार्म में आलू होता था और साथ में  जौनपुर ब्लॉक और थौलधार के दर्जनों गांव के के साथ यहां से दूसरे राज्य के लिए आलू भेजे जाते थे और आस पास गांव में जाता था और लोगों को भी रोजगार मिलता था ।

उत्तराखंड सरकार और उद्यान विभाग की उदासीनता के कारण अब यह फार्म बंजर पड़ा है ।आलू फॉर्म 800 एकड़ जमीन और बंटवाधार एप्पल गार्डन की जमीन 51 एकड़ बगीचा हुआ करता था ।

अब ऐसी स्थिति है कि जो पर्यटक वहां पर जाते हैं मायूस होकर लौटते हैं ।

लोग बेरोजगार हो गए हैं उत्तराखंड राज्य बनने से पहले  यही बगीचा उत्तर प्रदेश में था ।

अच्छा खासा आलू हुआ करता था परंतु अब जब से उत्तराखंड अलग राज्य हुआ तब तब से दोनों फॉर्म बंजर हो गए हैं ।

अब जब पर्यटक बटवाल दार एप्पल गार्डन को देखने जाते हैं तो उसे बंजर और वह देखकर मायूस होकर लौटना पड़ता है।

 सेब खुमानी कुलम अखरोट के 2,000 से अधिक पेड़ अब सूख गए हैं तथा जो कर्मचारियों के लिए भवन थे वह आज खंडहर में तब्दील हो गए हैं ।

ग्रामीण का कहना है बगीचे में  झाड़ी गई है कि जंगली जानवरों का अड्डा हो गया है जंगली सूअर ने उत्पात मचाया हुआ है इस बगीचे की झाड़ी में रहते हैं।

  किसान यूनियन अध्यक्ष विजय राणा, रघुवीर रमोला, प्रधान धनौल्टी नीरज प्रधान खनेरी संगीता देवी बेलवाल तपेंद्र बेलवाल यशपाल बेलवाल कुलदीप नेगी देवेंद्र बेलवाल मनोज  उनियाल ने कहा  है किअगर सरकार और विभाग बगीचे और आलू फार्म पर ध्यान नहीं देता है तो एक आंदोलन किया जाएगा।

 

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.